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जूम एप का स्कूलों ने किया बहिष्कार, ऑनलाइन पढ़ाई के लिए दूसरी तकनीक का कर रहे इस्‍तेमाल

Zoom App News. निजी स्कूलों ने दूसरे विकल्पों के जरिये पठन-पाठन शुरू किया है। देश में फैली कोरोना महामारी के लिए पहले से ही लोगों के मन में चीन के प्रति गुस्सा था।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 24 Jun 2020 09:25 AM (IST)Updated: Wed, 24 Jun 2020 05:01 PM (IST)
जूम एप का स्कूलों ने किया बहिष्कार, ऑनलाइन पढ़ाई के लिए दूसरी तकनीक का कर रहे इस्‍तेमाल
जूम एप का स्कूलों ने किया बहिष्कार, ऑनलाइन पढ़ाई के लिए दूसरी तकनीक का कर रहे इस्‍तेमाल

रांची, [प्रणय कुमार सिंह]। कोरोना संक्रमण में ऑनलाइन एजुकेशन को बढ़ावा देने के लिए राजधानी रांची के तमाम स्कूलों ने जूम एप अपनाया। इसे बेहतर विकल्प माना गया। भारत व चीन के साथ सीमा पर बढ़ते तनाव के बाद शिक्षा जगत से विरोध के स्वर उठने लगे हैं। अधिकांश स्कूलों ने प्रतिक्रिया स्वरूप अमेरिका में बसे चीनी मूल के इरिक युआन की स्वामित्व वाली जूम एप से किनारा कर लिया है।

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स्कूलों ने इसके बदले दूसरे एप के जरिए पठन-पाठन प्रक्रिया का संचालन करना शुरू कर दिया है। देश की एकता, अखंडता व संप्रभुता के लिए सुरक्षा व व्यवसायिक क्षेत्र के साथ-साथ शिक्षा क्षेत्र साथ खड़ा हो गया है। देश में फैली महामारी के लिए पहले से लोगों के मन में चीन के प्रति गुस्सा था। सीमा विवाद में झारखंड के जवानों की शहादत के बाद यह गुस्सा अपने चरम पर पहुंच गया है।

अब इन विकल्पों पर भरोसा

जूम एप के विकल्प के रूप में गूगल क्लास रूम का सर्वाधिक उपयोग किया जा रहा है। इसके अलावा कई तरह के दूसरे प्लेटफॉर्म के माध्यम से बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है। ऑनलाइन क्लास के साथ ऑनलाइन हाजिरी भी लग रही। इसमें भी सर्वाधिक भरोसा भारतीय एप पर जताया जा रहा है। आइटी विशेषज्ञों की मदद लेकर भारतीय एप के बारे में जानकारी प्राप्त की जा रही है। वर्तमान में डय़ूलिंगो, सोलोलर्न, अनएकेडमी, सिंपली लर्न जैसे एप पर भरोसा जताया जा रहा है।

कई स्कूल विकसित करा रहे अपना एप

कई स्कूलों ने ऑनलाइन लर्निंग के लिए अपना एप भी विकसित कराया है। इसमें छात्र-छात्राओं की पहचान के साथ ही रजिस्टर्ड किया जा रहा है। अध्ययन-अध्यापन के समय शिक्षक यह जांच कर सकते हैं कि जिन विद्यार्थियों का पंजीकरण किया गया है। वही इस सुविधा का उपयोग कर सकते हैं।

'हां, यह सही है कि हमने जूम एप से किनारा कर लिया है। हम अब दूसरे वैकल्पिक माध्यमों के जरिये बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। इसके लिए विद्यार्थियों से किसी तरह का अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जा रहा।' -एमके सिन्हा, प्राचार्य, डीएवी हेहल सह निदेशक डीएवी जोन बी।

'चीन हमारा दुश्मन देश है। चीनी मूल के व्यक्ति के स्वामित्व वाली कंपनी जूम एप हमने छोड़ दिया। अब गूगल मीट से पढ़ाई कराऊंगा। इसकी शुरुआत मंगलवार से कक्षा 11वीं से होगी। इसके बाद सभी कक्षाओं में इसे अपनाया जाएगा। स्कूल प्रबंधन खुद का एप डेवलप कराने पर भी विचार कर रहा है।' -सूरज शर्मा, प्राचार्य ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल।

'अभी तक जूम एप से ही पढ़ाई चल रही है। लेकिन जल्द ही सभी कक्षाओं की ऑनलाइन पढ़ाई के लिए किसी भारतीय एप का उपयोग किया जाएगा। इस पर हमारी टेक्निकल टीम काम कर रही है।'  -डॉ. राम सिंह, प्राचार्य, डीपीएस रांची।


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