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झारखंड सहकारी बैंक में बड़े पैमाने पर हेराफेरी, चुनाव लड़ने को अवैध रूप से निकाले KCC लोन के 7 लाख रुपये

Jharkhand News Co-operative Bank Hindi News झारखंड सहकारी बैंक में फिर बड़े पैमाने पर हेराफेरी का मामला सामने आया है। डिफाल्टर खाते में कृषि ऋण मद के रुपये समायोजित कर दिए गए। अब सहकारिता विभाग इस पूरे मामले की छानबीन कर रहा है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 06:32 AM (IST)Updated: Mon, 20 Sep 2021 06:41 AM (IST)
झारखंड सहकारी बैंक में बड़े पैमाने पर हेराफेरी, चुनाव लड़ने को अवैध रूप से निकाले KCC लोन के 7 लाख रुपये
Jharkhand News, Cooperative Bank, Hindi News झारखंड सहकारी बैंक में फिर बड़े पैमाने पर हेराफेरी का मामला सामने आया है।

रांची, [अनुज तिवारी]। झारखंड सहकारी बैंक एक बार फिर विवादों में है। लाखों के घोटाले के बाद अब किसानों का पैसा गलत तरीके से निकालने का मामला प्रकाश में आया है। नियम ताक पर रख कर कृषि ऋण मद के 6.96 लाख रुपये लैम्पस के उस ऋण खाते में समायोजित कर खाता बंद कर दिया गया, जो पूर्व से डिफाल्ट घोषित है। सरायकेला-खरसांवा जिले के गम्हरिया लैम्पस के इस खाते को बंद करने के लिए सरकारी आदेश की भी परवाह नहीं की गई।

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इस लैप्पस के अध्यक्ष बास्को बेसरा ने किसानों के लिए रखे कृषि ऋण राशि को दूसरे खाते में समायोजित करने के लिए डीसीओ अशोक तिवारी की स्वीकृति भी ली, इसको भी नियम विरुद्ध बताया जा रहा है। अब सहकारिता विभाग इस पूरे मामले की छानबीन कर रहा है। इस पूरे मामले को लेकर डिप्टी रजिस्ट्रार राकेश कुमार सिंह बताते हैं कि इस तरह से अगर पैसे को समायोजित किया गया है, तो गलत है। उन्होंने इस पूरी प्रक्रिया को लेकर जांच कराने की बात कही है। उन्होंने बताया कि यह पूरा मामला बैंक के अधीन है, इसलिए वहां से पहले इसकी जांच की जाएगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।

चुनाव लड़ने की तैयारी में किया गया पैसे का समायोजन

झारखंड राज्य सहकारी बैंक के निदेशक मंडल के गठन के लिए संबद्ध सोसायटी के प्रतिनिधि का चयन चुनाव के ठीक पहले बैंक के नियमों को धता बताकर गम्हरिया लैम्पस का डिफाल्ट अकाउंट को बंद कराया गया। अपने निजी स्वार्थ के लिए इस तरह के कदम उठाए गए। इसके बाद बोर्ड के कई पूर्व सदस्यों ने भी इस पर सवाल उठाया है। मालूम हो कि डिफाल्टर गम्हरिया लैम्पस, जिनके ऊपर 13 लाख 29 हजार रुपये का केसीसी ऋण बकाया है, उसे उस मद से 6.96 लाख राशि देकर बंद कराया गया, बाकी राशि खुद अध्यक्ष ने दी है और चुनाव लड़ने के लिए एनओसी ले लिया है।

चुनाव के नियमों के मुताबिक डिफाल्टर लैम्पस या लोन डिफाल्टर प्रतिनिधि चुनाव में हिस्सा नहीं ले सकते हैं। मालूम हो कि सरायकेला-खरसावां जिले में 20 सितंबर को संबद्ध सहकारी समितियों के प्रतिनिधियों का चुनाव सहायक निबंधक, सहयोग समितियां, गम्हरिया अंचल के कार्यालय में किया जाना है। लेकिन इस आरोप के बाद चुनाव होने पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।

वर्षों से केसीसी लोन में स्पेशल बचत खाते में पड़ी थी राशि

जिला सहकारिता पदाधिकारी सरायकेला-खरसावां द्वारा नियमों को ताक पर रखकर केसीसी लोन में स्पेशल बचत खाते में वर्षों से पड़ी सरकारी सहायता राशि को समायोजित करने के आदेश के बाद बैंक के ही वरीय अधिकारी इस पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। इससे पूर्व जिला सहकारिता पदाधिकारी काली चरण सिंह ने समायोजित करने के आवेदन को अस्वीकार कर दिया था। उनका कहना था कि केसीसी ऋण किसानों से वसूलनीय राशि है और इसके लिए गम्हरिया लैप्पस के विशेष बचत खाता से राशि निकालने या हस्तांतरण करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। इसके बाद जब दूसरी बार इसी कार्य के लिए आवेदन दिया गया तो नियम बदल गए और पैसा हस्तांतरित भी हो गया।


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