सावन की पहली सोमवारी आज, पूरे मास बरसेगी शिव की कृपा
आज से पवित्र मास सावन की शुरूआत हो रही है। सावन के पहले दिन भगवान भोले नाथ की पजूा अर्चना होगी।
जागरण संवाददाता, रांची : आज से पवित्र मास सावन की शुरूआत हो रही है। सावन के पहले दिन ही सोमवार पड़ना काफी शुभ फलदायक माना जाता है। इस वर्ष सावन में पांच सोमवार पड़ेंगे। ज्योतिषाचार्य धीरेंद्र दुबे बताते हैं कि इस वर्ष सावन में कृष्ण पक्ष की तीन सोमवारी और सोमवारी अमावस्या से युक्त 15 दिनों का पूर्ण पक्ष होगा। ये शिव भक्तों के लिए शुभ का कारक होगा। आज पुनर्वसु लग्न में सूर्य का प्रवेश होगा। ये जल की राशि है इससे बारिश काफी अच्छी होगी। 16 जुलाई को कर्क राशि की सूर्य संक्रांति रात्रि 9.25 बजे से आएगी। इसी के साथ सूर्य दक्षिणायन हो जाएंगे। हरियाली तीज, कजरी तीज, श्रावणी तीज 23 जुलाई को मनाई जाएगी। वहीं नाग पंचमी 25 जुलाई को मनाई जाएगी। सावन का मास आखिरी सोमवारी तीन अगस्त के साथ खत्म होगा।
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घर में करें शिव की आराधना:
कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार की ओर से शिवभक्तों को सरकार के द्वारा घर में ही पूजा करने की सलाह दी जा रही है। सरकार का आदेश है कि किसी भी मंदिर में जलाभिषेक नहीं होगा और न ही कहीं मेला लगेगा। ऐसे में ज्योतिषाचार्य धीरेंद्र दुबे बताते हैं कि शिव जल्दी ही प्रसन्न होने वाले देवों में से हैं। ऐसे में पूरी श्रद्धा के साथ अगर घर में उनकी पूजा की जाए तो उन्हें उतनी ही प्रसन्नता होती है जितनी किसी ज्योतिर्लिंग पर जाकर पूजा करने से होती है। घर में शिव की पूजा करने के लिए सबसे पहले सुबह उठकर घर की सफाई करके पवित्र करें। इसके बाद शिव की फोटो या प्रतिमा को स्थापित करें। अगर किसी की इच्छा शिवलिग बनाने की है तो वो घर में मिट्टी के अंगूठे के पोर के बराबर शमी के पौधे के पास रखकर पूजा कर सकता है। शिव बिल्वपत्र और सफेद फूल काफी पसंद है। इसके साथ ही भांग, धतूरा आदि भी प्रिय है। संभव हो तो उसे भी अर्पित करें।
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सावन मास की प्रचलित पौराणिक कथा:
बताया जाता है कि समुद्र मंथन से निकले विष को भगवान शिव ने खुद ग्रहण कर लिया था। इससे उनका शरीर बहुत अधिक गर्म हो गया था। इससे भगवान शिव को काफी परेशानी होने लगी थी। भगवान शिव को इस परेशानी से मुक्त करने के लिए इंद्रदेव ने जमकर बारिश करवाई थी। यह घटनाक्रम सावन के महीने में हुआ था। इस प्रकार से भगवान शिव ने विष का पान करके सृष्टि की रक्षा की थी।
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भगवान शिव की पूजा विधि::
- इस महीने में सुबह जल्दी उठें और स्नान करके साफ कपड़े पहनकर भगवान शिव की पूजा करें।
- पूजा स्थान की अच्छी तरह साफ-सफाई करें, और वहां गंगाजल का छिड़काव करें।
- आसपास के मंदिर में जाकर शिवलिग पर जल व दूध का अभिषेक भी करें।
- इसके बाद भगवान शिव और शिवलिग को चंदन का तिलक लगाएं।
- इसके बाद भगवान शिव को सुपारी, पंच अमृत, नारियल, बिल्व पत्र, धतूरा, फल, फूल आदि अर्पित करें।
- अब दीपक जलाएं और भगवान शिव का ध्यान लगाएं।
- इसके बाद शिव कथा व शिव चालीसा का पाठ कर, महादेव की आरती करें।
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घर में पूजा के दौरान रखें इन बातों का ध्यान::
- भगवान शिव को केतकी के फूलों के साथ अभिषेक नहीं करें।
- शिवलिग पर तुलसी को अर्पित न करें।
- शिवलिग पर नारियल अर्पित न करें।
- व्रत पूजा के दौरान बिल्व पत्र, भांग, धतूरा व बिल्व का इस्तेमाल जरूर करें।
- भगवान शिवजी को हमेशा कांस्य व पीतल के बर्तन से जल अर्पित करें।
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इस सावन की सोमवारी::
सावन का पहला सोमवार : 6 जुलाई
सावन का दूसरा सोमवार : 13 जुलाई
सावन का तीसरा सोमवार : 20 जुलाई
सावन का चौथा सोमवार : 27 जुलाई
सावन का पांचवा सोमवार : 03 अगस्त
------------ राशि के अनुसार सावन में करें शिव आराधना::
मेष: गुड़ से जलाभिषेक करना चाहिए।
वृष: पुष्प मदार, दही, शक्कर, चावल, सफेद चंदन आदि से पूजा करना चाहिए।
मिथुन: गन्ने के रस से अभिषेक करना चाहिए।
कर्क: भगवान शिव का घी से अभिषेक करें।
सिंह: गुड़ के जल से अभिषेक करें।
कन्या: भांग और पान अर्पण करें।
तुला: दही, शहद और इत्र से भगवान शिव का अभिषेक करें।
वृश्चिक: पंचामृत से अभिषेक करना चाहिए।
धनु: हल्दीयुक्त दूध से शिव का अभिषेक करें।
मकर: नारियल के जल से अभिषेक करना चाहिए।
कुंभ: तिल के तेल से भगवान शिव का अभिषेक करें।
मीन: केसरयुक्त दूध से जलाभिषेक करना चाहिए।