सरयू राय का बड़ा आरोप- रघुवर दास ने किए घोटाले, जांच कराए हेमंत सरकार
Jharkhand Hindi News Saryu Roy मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सरयू राय ने पत्र लिखा है। 2016 में राज्य स्थापना दिवस समारोह के आयोजन में भारी वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया है। सरकार इसे सदन में स्वीकार चुकी है।
रांची, राज्य ब्यूरो। सरकारी महकमों में घपले-घोटालों को उजागर करने के लिए मशहूर जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने वर्ष 2016 में राज्य स्थापना दिवस समारोह में बड़े पैमाने पर अनियमितता का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जांच के लिए पत्र लिखा है। उनका दावा है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास की संलिप्तता इसमें है। सरकार विधानसभा की कमेटी, एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) या फिर किसी बाहरी एजेंसी से पूरे मामले की जांच कराए।
उन्होंने जिक्र किया है कि विधानसभा के पंचम (बजट) सत्र में उनके अल्पूसचित प्रश्न के उत्तर में सरकार ने स्वीकार किया है कि राज्य स्थापना दिवस-2016 के अवसर पर स्कूली बच्चों के बीच प्रभात फेरी के अवसर पर बांटने के लिए पांच करोड़ रुपये की टीशर्ट और 35 लाख रुपये की टाॅफी की खरीद में अनियमितता हुई है। टाॅफी की आपूर्ति करनेवाले जमशेदपुर के ‘लल्ला इंटरप्राईजेज’ पर वाणिज्यकर विभाग ने 17 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना इस कारण से लगाया है कि उक्त अवधि में ‘लल्ला इंटरप्राईजेज’ के हिसाब-किताब में टाॅफी की खरीद-बिक्री का जिक्र नहीं है।
इसी तरह पंजाब के लुधियाना से ‘मेसर्स कुड़ू फैब्रिक्स’ द्वारा आपूर्ति किये गए पांच लाख टी-शर्ट किन वाहनों से लाए गए, इसकी जानकारी भी सरकार को नहीं है। इसका भी पता झारखंड सरकार को नहीं है कि पंजाब सरकार ने लुधियाना से रांची लाने के लिए टी-शर्ट लदे किसी ट्रक को रोड परमिट दिया है या नहीं ?
सरकार ने यह भी स्वीकार किया है कि झारखंड की सीमा में इस ट्रक के प्रवेश करने एवं रांची तक आने के लिए झारखंड सरकार ने ‘कुडू फैब्रिक्स’ को कोई रोड परमिट जारी नहीं किया है। यानी कुल मिलाकर टाॅफी एवं टीशर्ट की आपूर्ति में फर्जीवाड़ा हुआ है। यदि टी-शर्ट की खेप रेलवे से आई है तो उसकी बिल्टी एवं पंजाब सरकार अथवा झारखंड सरकार का रोड परमिट इसके साथ होना चाहिए, लेकिन झारखंड सरकार के पास ऐसा कोई कागजात नहीं है।
गायिका सुनिधि चौहान के कार्यक्रम पर भी विवाद का साया
सरयू राय ने गायिका सुनिधि चौहान के कार्यक्रम पर भी सवाल उठाए हैं। कहा है कि सुनिधि चौहान नामक फिल्मी पार्श्वगायिका के सांस्कृतिक कार्यक्रम पर करीब 55 लाख रुपये से अधिक का व्यय सरकार द्वारा दिखाया गया है। राज्य स्थापना दिवस 15 नवम्बर, 2016 के अतिरिक्त सुनिधि चौहान का कार्यक्रम 6 नवंबर, 2016 को छठ पूजा के अवसर पर जमशेदपुर में भी हुआ था।
जांच का विषय है कि क्या इस निजी कार्यक्रम का खर्च भी सुनिधि चौहान के राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर हुए सरकारी कार्यक्रम के खर्च में ही तो नहीं जोड़ दिया गया। तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास जमशेदपुर सूर्य मंदिर परिसर में आयोजित छठ पूजा कार्यक्रम के आयोजक थे। इन्होंने सुनिधि चौहान के जमशेदपुर के कार्यक्रम पर कितना खर्च किया है, यह सार्वजनिक होना चाहिए।
प्रावधानों को शिथिल कर दी मंजूरी
मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में सरयू राय ने जिक्र किया है कि स्थापना दिवस का कार्यक्रम हर साल 15 नवंबर को आयोजित किया जाता है। यह एक स्थायी कार्यक्रम है। इसकी तैयारी आनन-फानन में 20 दिनों के भीतर किए जाने तथा इसके लिये टाॅफी, टीशर्ट, सुनिधि चौहान का कार्यक्रम, जर्मन हैंगर, पूरे रांची शहर एवं कार्यक्रम स्थल पर साज-सज्जा की व्यवस्था में हुए खर्च को आकस्मिक खर्च बताने तथा इसके लिए राज्य वित्तीय नियमावली के प्रावधानों को शिथिल कर मनोनयन के आधार पर विभिन्न आइटम के लिए कार्यादेश देने का कोई तुक नहीं है।
यह निर्णय तत्कालीन मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में दिनांक 21 अक्टूबर 2016 को लिया गया। 10 करोड़ रुपये अग्रिम लेने की संचिका वित्त विभाग को बढ़ाई गई, जिस पर तत्कालीन मुख्यमंत्री का हस्ताक्षर है। कार्यक्रम आयोजन के करीब एक सप्ताह पूर्व नौ नवंबर 2016 को तीन करोड़ रुपये की निकासी का आदेश मुख्यमंत्री ने दिया।