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सरयू राय ने किसान आंदोलन को बताया 'हठयोग', कहा- केंद्र को झुकाने की यह कोशिश ठीक नहीं...

Farmers Protest - Kisan Andolan सरयू राय ने कहा कि यदि कृषि कानून में खामी है तो इसे सुधारा जाए। इसके समानांतर प्रारूप लाया जाए। उन्‍होंने कहा कि किसानों द्वारा किया जा रहा आंदोलन सिर्फ और सिर्फ केंद्र से घुटना टेकवाने की हठ करना है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sat, 30 Jan 2021 04:38 PM (IST)Updated: Sun, 31 Jan 2021 06:50 AM (IST)
सरयू राय ने किसान आंदोलन को बताया 'हठयोग', कहा- केंद्र को झुकाने की यह कोशिश ठीक नहीं...
सरयू राय ने केंद्र के कृषि कानून के खिलाफ देश में किए जा रहे किसान आंदोलन को हठ बताया है।

रांची, जेएनएन। Farmers Protest, Kisan Andolan झारखंड के पूर्व मंत्री और भारतीय जनता पार्टी में रहे सरयू राय ने केंद्र के कृषि कानून के खिलाफ देश में किए जा रहे किसान आंदोलन को हठ बताया है। कहा है कि यदि कृषि कानून में खामी है तो इसे सुधारा जाए। इसके समानांतर प्रारूप लाया जाए। उन्‍होंने कहा कि किसानों द्वारा किया जा रहा आंदोलन सिर्फ और सिर्फ केंद्र से घुटना टेकवाने की हठ करना है।

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सरयू राय ने कहा कि कृषि कानून में कतिपय खामियां हैं तो इन्हें सुधारवाएं। कृषि कानून देश हित और किसान हित में नहीं है, यह वापस होना ही चाहिए तो विकल्प में कानून का समानांतर प्रारूप लाएं, बगैर इसके आंदोलन जारी रखना सिर्फ आंदोलन के लिए आंदोलन करना है और केंद्र से घुटना टेकवाने की हठ करना है। बता दें कि झारखंड के मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन कृषि कानून का विरोध कर चुके हैं। उन्‍होंने भी केंद्र सरकार से कृषि कानून को वापस लेने की मांग की है। इधर, कांग्रेस राज्‍य में ट्रैक्‍टर रैली निकालने वाली है।

 

सरयू राय के ट्वीट पर कई यूजर ने कमेंट किया है। एक यूजर ने रिप्‍लाई करते हुए कहा कि विपक्ष को भी इस विषय पर किसानों को उकसाने के बजाय सकारात्मक रूप अपनाना चाहिए और केंद्र सरकार से वार्ता कर इस आंदोलन को खत्म कर किसानहित और देशहित में पहल करनी चाहिए। इस आंदोलन का दुष्परिणाम है कि करोड़ों का व्यापार तबाह हो रहा है और कई लोगों को जान माल का नुकसान हो रहा है।

एक अन्‍य यूजर ने कहा कि सर आपने जो यह निष्पक्ष राय रखी है, देश का हर आम नागरिक यही चाहता है। इस आंदोलन के कई रूप सामने आए हैं और बातचीत कर इसका हल निकालना ही देशहित में एक सकारात्मक पहल होगी। बेशक यदि किसी के पास वर्तमान कृषि कानूनों से बेहतर कानूनी विकल्प है तो उसे सार्वजनिक करने का कष्ट विपक्षी दलों के लोगों द्वारा करना चाहिए। वर्ना विशुद्ध रूप से किसानों को मूर्ख बनाकर अपनी राजनीति चमकाने वाली बात है। जयहिंद।


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