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Weekly News Roundup Jharkhand: मानसून मेहरबान तो सरयू में उफान... पढ़ें सत्‍ता के गलियारे की खरी-खरी

Jharkhand Political Gossip and Rumors बिहार चुनाव को लेकर अभी से एलान कर दिया है जो बुलाएगा उसकी मदद के लिए जाएंगे। हालांकि बुलावा आया नहीं अब तक कहीं से।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 14 Sep 2020 01:25 PM (IST)Updated: Mon, 14 Sep 2020 05:13 PM (IST)
Weekly News Roundup Jharkhand: मानसून मेहरबान तो सरयू में उफान... पढ़ें सत्‍ता के गलियारे की खरी-खरी
Weekly News Roundup Jharkhand: मानसून मेहरबान तो सरयू में उफान... पढ़ें सत्‍ता के गलियारे की खरी-खरी

रांची, [आनंद मिश्र]। Jharkhand Political Updates सब मौसम की कृपा है। मौसम मेहरबान तो सरयू में उफान। दिल दरिया हुआ जाता है। जो दे उसका भी भला, जो न दे उसका भी भला.., की तर्ज पर हर किसी पर कृपा बरसा रहे हैं। सुशासन बाबू के भी साथ हैं और चारा वालों के भी। तीर से तीर कमान तक हर किसी की मदद को उतावले हैं। कमल दल से तो खैर पुराना नाता है, तोड़े नहीं टूटता है। बड़ी सदन के चुनाव में अपना कीमत मत उन्हीं के हवाले किया था। बिहार चुनाव को लेकर अभी से एलान कर दिया है, जो बुलाएगा, उसकी मदद के लिए जाएंगे। हालांकि बुलावा आया नहीं अब तक कहीं से। सो, कुछ खीजे से हैं। अब स्क्रिप्ट बदलने पर मंथन कर रहे हैं और अपनी पार्टी की इंट्री की सोच रहे हैं। बगलगीर बताते हैं कि दिक्कत तो उन्हें बस एक से थी, वहां हिसाब बराबर कर दिया।

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छाया में गुजारा

कमल वालों ने ब्रितानिया हुकूमत से कभी पंगा लिया हो या न लिया हो, लेकिन उनकी अंग्रेजी और पॉलिसी पर ये भी फिदा हैं। पार्टी विद डिफरेंस से वोकल फॉर लोकल तक यह सिलसिला अनवरत बना हुआ है। डिवाइड एंड रूल पॉलिसी तो इस कदर भायी है कि जल्द ही इसे पार्टी संविधान की प्रस्तावना का अंश बनाने पर विचार चल रहा है। तमाम राज्यों में यह फार्मूला हिट जो हो रहा है। अब शैडो मिनिस्ट्री का नया चैप्टर खोला है। इसे भी वहीं से आयात किया गया है। हिंदी में बोले तो छाया मंत्रिमंडल। सत्ता न सही उसकी छाया ही सही। भागते भूत की लंगोटी ही भली। फिलहाल इसी का है सहारा, लेकिन दुश्मनों की क्या कहें तंज कसते फिर रहे हैं, अब तो छाया से ही करना होगा गुजारा। ठंड रख भाई।

साध ली चुप्पी

मैडम के क्रोध से सारे थर-थर कांप रहे हैं। ऐसी चुप्पी साधी है कि पूछो मत। कोई पूछ भी रहा तो खिसिया जाते हैं जवाब देने में। मैडम ने दुखती रग पर हाथ जो धर दिया है। वैसे इसका असर दूर तक जा रहा है। कहते हैं कि जब धुआं उठा तो आग भी जरूर कहीं लगी होगी। कमल क्लब वाले इस आपदा में खुद के लिए अवसर भी देख रहे हैं। शिगूफा फैलाया जा रहा है कि मैडम ने ऐसे ही कोपभवन की राह नहीं पकड़ी है। तीर-कमान उठाने के पहले सारा हिसाब-किताब फिक्स है। एक साथ हवाई यात्रा की दुहाई भी दी जा रही है। वैसे भी हाथ छाप वाले पहले ही इल्जाम लगा चुके हैं कि इनकी नजर हमारी कुर्सी पर है। ये हाथ से छिटकी तो फिर नहीं लौटने वाली। बस इसी का वास्ता देकर मैडम को कहा गया है कि जरा धीरज रखिए। मतभेद कहीं मनभेद में न बदल जाए।

रह गया साथ

हाथ वाले एक दूसरे को झटका देने से कभी हिचकते नहीं। बस मौका मिला नहीं कि लंघी मारने को तैयार बैठे रहते हैं। ऐसे ही कुछ लोगों ने प्रभारी महोदय की विदाई का सुर्रा फैलाया था हाल में। कह रहे थे कि अब इनके लिए माला-बुके तैयार रखो। कई आए और गए, हमारा रुतबा वैसा ही है। अब जब प्रभारी महोदय की फिर से एंट्री हो गई है तो ये अपनी झेंप मिटाने में लग गए हैं। वैसे दिल्ली तक इनकी कारस्तानी कानों-कान पहुंच भी गई है। प्रभारी महोदय कभी उधार रखते नहीं, ये बात भी सारे भली-भांति जानते हैं। इनके हाथ को झटका लगना बस बाकी है। महोदय हाथ चलाएं, इससे पहले यह कुनबा डैमेज कंट्रोल की जुगत में है। संदेश भिजवाया जा रहा है कि हुजूर हम तो आपके ही साथ थे। दुश्मनों की बात पर कभी मत जाइएगा।


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