सरयू राय ने सरकार के श्वेत पत्र पर उठाए सवाल, पूछा-तटस्थ समिति से क्यों नहीं बनवाई?
Jharkhand Budget Session. पूर्व मंत्री ने कहा कि अच्छा होता विशेषज्ञों की तटस्थ समिति तैयार करती रिपोर्ट। रघुवर सरकार ने लिया था क्षमता से अधिक दोगुना ऋण।
रांची, राज्य ब्यूरो। हेमंत सरकार द्वारा राज्य की वित्तीय स्थिति पर विधानसभा में प्रस्तुत श्वेत पत्र पर पूर्व मंत्री सह विधायक सरयू राय ने कहा है कि इसे उन अधिकारियों ने ही तैयार किया जिन्होंने पिछली सरकार के पांच वर्ष के कार्यकाल में काम किया। सवाल उठाया कि ऐसे में श्वेत पत्र में सही चीज आने की उम्मीद कैसे की जा सकती है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अच्छा होता सरकार विशेषज्ञों की तटस्थ समिति बनाकर उनसे श्वेत पत्र तैयार करवाती।
पूर्व मंत्री ने यह भी कहा कि श्वेत पत्र में वित्तीय स्थिति का ही विवरण है, भौतिक स्थिति का नहीं। विभिन्न योजनाओं पर कितना खर्च हुआ और उसका प्रतिफल क्या मिला, यह बात इसमें आनी चाहिए थी। उन्होंने पिछली रघुवर सरकार पर क्षमता से अधिक दोगुना ऋण लेने का आरोप लगाया। कहा कि मंगलवार को प्रस्तुत होने वाले राज्य के बजट में कोशिश होनी चाहिए कि राजस्व कैसे बढ़े। बजट की राशि का बेहतर उपयोग कैसे हो। यदि हेमंत सरकार भी पिछली सरकार की तरह ही बजट लाती है तो यह स्वयं के साथ-साथ राज्य के साथ धोखा होगा।
श्वेत पत्र पर किसने क्या कहा
'राज्य के खजाने की हालत काफी दयनीय है जिसे जनता को बताना जरूरी था। जनता की कई अपेक्षाएं होती हैं। खजाना खाली होने के कारण सरकार उन अपेक्षाओं पर खरा उतरने में विफल हो सकती है। सरकार आय का स्रोत बढ़ाकर तथा वित्तीय प्रबंधन के माध्यम से वित्तीय स्थिति को सुधारेगी।' -स्टीफन मरांडी, झामुमो विधायक।
'श्वेत पत्र सिर्फ आय-व्यय का ब्योरा है। इसके नाम पर राजनीति की जा रही है। सरकार को विकास का काम करना होता तो कर्ज लेती है। बाहर से भी कर्ज लिया जाता है। क्या हेमंत सरकार सरकार बताएगी कि अगले पांच साल में कोई कर्ज नहीं लेगी?' -बाबूलाल मरांडी, पूर्व मुख्यमंत्री।
'पिछली सरकार ने राज्य का खजाना बिल्कुल खाली कर दिया है। इसे जनता के सामने लाने के लिए श्वेत पत्र जरूरी था। पिछली सरकार हाथी उड़ा रही थी। राज्य को चारागाह बनाकर जनता को लूटने का काम किया। अब विपक्ष दूसरा बहाना बनाकर सदन नहीं चलने दे रहा है। असंसदीय आचरण कर लोकतंत्र की हत्या कर रहा है।' -बन्ना गुप्ता, स्वास्थ्य मंत्री।