सरयू राय बोले, केंद्र से 25 हजार करोड़ का विशेष पैकेज मांगे झारखंड सरकार
Jharkhand. सरयू राय ने हालातों से निपटने के लिए इस राशि की मांग को जायज ठहराया है। तर्क दिया है कि केंद्र सरकार को इस पैकेज को मुहैया कराने में कोई परेशानी नहीं होगी।
रांची, राज्य ब्यूरो। वरिष्ठ विधायक सरयू राय ने कोरोना संकट से उपजी परिस्थिति का हवाला देते हुए राज्य सरकार को सुझाव दिया है कि वह केंद्र सरकार से 25-35 हजार करोड़ के विशेष आर्थिक सहायता पैकेज की मांग करे। यह राशि राज्य सरकार की जीडीपी के दस प्रतिशत के समतुल्य (स्थिर व चालू मूल्य पर) होगी। उन्होंने इस संदर्भ में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को विस्तृत पत्र लिखा है, जिसमें वर्तमान हालातों में खराब होती राज्य की वित्तीय स्थिति की ओर भी इशारा किया गया है।
हालातों से निपटने के लिए राय ने इस राशि की मांग को जायज ठहराया है। तर्क दिया है कि केंद्र सरकार को इस पैकेज को मुहैया कराने में कोई परेशानी नहीं होगी, क्योंकि उनकी वित्तीय स्थिति बेहतर स्थिति में है। प्रेषित पत्र में राय ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 की रोकथाम के लिए भारत सरकार द्वारा घोषित लॉकडाउन के कारण राज्य की सरकार, जनता और आर्थिक गतिविधियों पर हुए प्रतिकुल प्रभाव पड़ा है।
इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि केंद्र सरकार से राज्य की जीडीपी के 10 प्रतिशत के समतुल्य विशेष आर्थिक सहायता पैकेज मांगे। राय ने यह भी स्पष्ट किया है कि बजट के अनुसार आय का जो आकलन किया गया था, वह आर्थिक गतिविधियां ठप होने के कारण प्रभावित होंगी।
वहीं, दूसरी ओर करीब आठ हजार करोड़ रुपये कर्ज के ब्याज और उसके मूल पर चुकता करने होंगे। वेतन और पेंशन पर 23 हजार करोड़ रुपये की स्थायी देनदारी का बोझ भी खजाने पर है। कहा कि सरकार वेतन, पेंशन और कर्ज के मूलधन और ब्याज के भुगतान की स्थिति में नहीं रहेगी। वेंडरों और संवेदकों का भुगतान भी रुका रहेगा। राय ने वर्तमान परिस्थिति से उबरने के लिए राज्य सरकार को कुछ सुझाव भी दिए हैं, बैंकों पर नकेल कसने की बात उन्होंने अपने पत्र में कही है।
बजट आकार को ले पिछली सरकार पर कसा तंज
सरयू राय ने बजट आकार पर भी टिप्पणी की है। कहा है कि विगत पांच वर्ष से राज्य सरकार अपनी वित्तीय औकात से बढ़-चढ़ कर बजट आकार तय कर रही है। सतही लोकप्रियता पाना और बजट आकार को प्रतिष्ठा का विषय बनाने की भावना इसके पीछे रही है। इस वित्तीय वर्ष का बजट भी करीब 86 हजार करोड़ का बना है, जबकि वास्तविक बजट आकार 66 हजार करोड़ से अधिक का नहीं होना चाहिए था।