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Jharkhand: सरना कोड की मांग को लेकर 15 अक्टूबर को राज्यव्यापी चक्का जाम करेगी सरना समिति

सरना कोड की मांग को लेकर केंद्रीय सरना समिति एवं अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद ने 15 अक्टूबर राज्यव्यापी चक्का जाम का आवाह्न किया है। इसे लेकर समिति के द्वारा राज्य भर में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत रविवार को भलदन चट्टी गांव में बैठक...

By Vikram GiriEdited By: Published: Sun, 04 Oct 2020 07:45 PM (IST)Updated: Sun, 04 Oct 2020 07:45 PM (IST)
Jharkhand: सरना कोड की मांग को लेकर 15 अक्टूबर को राज्यव्यापी चक्का जाम करेगी सरना समिति
सरना कोड की मांग को लेकर 15 अक्टूबर को राज्यव्यापी चक्का जाम। प्रतीकात्मक तस्वीर

रांची (जासं)। सरना कोड की मांग को लेकर केंद्रीय सरना समिति एवं अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद ने 15 अक्टूबर राज्यव्यापी चक्का जाम का आवाह्न किया है। इसे लेकर समिति के द्वारा राज्य भर में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत रविवार को भलदन चट्टी गांव में बैठक आयोजन किया गया। भलदन चट्टी, असनी, तेतर टोली, चंदाली, असनी, नवाटोली, सोसो नवाटोली छोटा, लोरो, सांवरिया पुगू, ज्योति नगर, आदि गांव के लोग जुटे।

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मौके पर केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक 10 साल में जनगणना होती है इस बार भी 2021 की जनगणना प्रपत्र में आदिवासियों का धर्मकोड नहीं दिया जाता तो फिर से आदिवासियों का लंबा इंतजार करना होगा।

अभी समय है आदिवासियों को एकजुट होकर धर्मकोड की लड़ाई लड़नी होगी। अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के महासचिव सत्यनारायण लकड़ा ने कहा कि हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई जैन बौद्ध का धर्म कोड मिला है। परंतु 15 करोड़ आदिवासी को धार्मिक पहचान नहीं मिला है।

संविधान में आदिवासी शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है जनजाति बताया गया है। बैठक में केंद्रीय सरना समिति के संरक्षक भुनेश्वर लोहरा, रांची महानगर अध्यक्ष विनय उंराव प्रदीप लकड़ा, एतवा उरांव, बिरसा उरांव, शंकर उरांव, लोहरा उरांव, अमरमणि कुजुर, महावीर उरांव एवं अन्य शामिल थे।


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