एक ही जमीन दो लोगों के नाम, अधिग्रहण का मुआवजा नकली मालिक को दिया
Jharkhand News. एयरपोर्ट विस्तारीकरण में मुआवजे के गलत तरीके से भुगतान मामले में लोकायुक्त ने तत्कालीन भू-अर्जन पदाधिकारी अंचलाधिकारी व अंचल निरीक्षक को दोषी पाया।
रांची, राज्य ब्यूरो। एयरपोर्ट विस्तारीकरण में जमीन अधिग्रहण के दौरान गलत तरीके से फर्जी जमीन मालिक को मुआवजा देने के आरोपों को लोकायुक्त जस्टिस डीएन उपाध्याय ने सुनवाई के दौरान सही पाया। सुनवाई के दौरान इस बात की भी पुष्टि हुई कि एक ही जमीन का दो लोगों के बीच नामांतरण करवा दिया गया और जमीन अधिग्रहण का मुआवजा फर्जी जमीन मालिक को दे दिया गया।
लोकायुक्त ने इसके लिए तत्कालीन भू-अर्जन पदाधिकारी रांची अभय नंद अंबष्ट, तत्कालीन अंचलाधिकारी नामकुम अमित कुमार व तत्कालीन अंचल निरीक्षक प्रमोद कुमार को दोषी पाते कार्रवाई की अनुशंसा की है। उन्होंने कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग के प्रधान सचिव को आदेश दिया है कि तत्कालीन भू-अर्जन पदाधिकारी रांची अभय नंद अंबष्ट व तत्कालीन अंचलाधिकारी नामकुम अमित कुमार के विरुद्ध कार्रवाई कर चार सप्ताह में रिपोर्ट दें।
वहीं, राजस्व, भूमि सुधार एवं निबंधन विभाग के सचिव को निर्देश दिया है कि वे तत्कालीन अंचल निरीक्षक नामकुम प्रमोद कुमार के विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई कर सूचित करें। शिकायतकर्ता निर्मला देवी व राजेश कुमार ने 2015 में लोकायुक्त कार्यालय में इसकी शिकायत की थी। उनका आरोप था कि एयरपोर्ट के समीप हेथू मौजा में दोनों ने 15 जुलाई 2006 को 36 डिसमिल जमीन रजिस्ट्री कराई थी। उसी वर्ष दिसंबर में दाखिल खारिज भी करवाया था।
वर्ष 2011 तक उनका लगान रसीद भी कटता रहा। उनका आरोप था कि एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए उनकी जमीन का अधिग्रहण किया गया, लेकिन उसमें उनलोगों का नाम ही नहीं था। जिला भू-अर्जन पदाधिकारी ने 12 मार्च 2013 को मुआवजे का भुगतान गीता देवी व रवि किरण साहू को कर दिया था। यह भी आरोप लगाया कि उनकी जमीन का दाखिल खारिज वर्ष 2006 में हुआ था।
लेकिन अंचलाधिकारी नामकुम ने गलत तरीके से वर्ष 2008 में उनकी भूमि का गीता देवी व रविकिरण साहू के नाम दाखिल खारिज कर दिया था। लोकायुक्त ने प्राप्त शिकायत की जांच कराई तो आरोप सही मिले। तत्कालीन अंचलाधिकारी, तत्कालीन अंचल निरीक्षक व तत्कालीन भू-अर्जन पदाधिकारी की मिलीभगत उजागर हुई और तीनों दोषी मिले, जिसके बाद ही तीनों के विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई की अनुशंसा की गई है।