मैडम की चौतरफा घेराबंदी, साहब भी पड़े पीछे; पढ़ें सत्ता के गलियारे का हाल
Jharkhand Political Updates Hindi Samachar मैडम पर इल्जाम लगा रहे हैं। जिसको जब मौका मिल रहा है अपनी करामात दिखा रहा है। इधर एक हुजूर की कुर्सी को नजर ऐसी लग गई कि सब कुछ देखते-देखते छिन गया।
रांची, [प्रदीप सिंह]। Jharkhand Political Updates, Hindi Samachar झारखंड में सत्ता के गलियारे का हाल गर्म है। राजधानी रांची में एक बड़े दल की मैडम को बार-बार अनदेखी का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी ओर, मधुपुर उपचुनाव को लेकर भी पार्टियों के नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। पढ़ें यह खास रिपोर्ट...
वैसे मैडम खुद को कहती हैं शहर की सरकार, किसी को अपने सामने ज्यादा तवज्जो देती नहीं। लेकिन, अब दुश्मनों के साथ-साथ अपनों ने भी घेराबंदी कर दी है। वैसे भी इनके राजपाट में किचकिच हमेशा रही है। पहले छोटे सरकार ही मानने को तैयार नहीं थे। कमल दल में भी जलने वाले थे ज्यादा, सो हमेशा तनातनी बनी रही। हाल के दिनों में तो मुश्किल ऐसी बढ़ी है कि पूछो मत। मुकाबले एकदम आमने-सामने का है और मैडम को पीछे खींचने पड़ रहे हैं पांव। आसपास वालों ने कुछ ज्यादा ही विकास पर दे रखा था ध्यान, सो शहर से ज्यादा इनका विकास होना कुछ लोगों को गुजर रहा है नागवार। बस इसी फेर में सबकी नजर में चढ़ गई हैं ऐसी कि कुर्सी के खिसकने का भी अब खतरा मंडरा रहा है तेजी से। साहब ने रच दिया है व्यूह, अब इससे बाहर आना मुश्किल लग रहा है।
बुरा न मानो...
अब होली का बहाना बनाकर कोई लाख कहे कि बुरा न मानो ..., लेकिन मन है कि मान ही जाता है बुरा। मैडम का भी हाल कुछ ऐसा ही है। होली की आड़ में ऐसा सुर्रा छोड़ा जलने वालों ने कि न उगलते बन रहा है न निगलते। जानने वाले भी रह-रहकर ले रहे हैं मजा। वैसे भी इस कलियुग में कौन किसका हुआ है, इसलिए मैडम पर लगा रहे इल्जाम। जिसको जब मौका मिला, उसने दिखाई है अपनी करामात। वैसे भी जब खराब दिन थे, तो अच्छे दिन वाले ही काम आए। बहुत रायता फैलाया था उनके दुश्मनों ने। लेकिन, मेरिट भला कभी रुक पाया है, जो रुकता। जिनके साथ रहकर ली थी ट्रेनिंग, उन्होंने न जाने कितनों के काटे हैं कान। आज भी उनका जलवा है ऐसा कि उनके खिलाफ में बोलने वाला भी इधर-उधर देखकर ही खोलता है मुंह। ऐसे ही नहीं देते उनको तमगा राजमाता का।
बहला रहे दिल
हुजूर इतनी रफ्तार में बल्लेबाजी कर रहे थे कि पता भी नहीं चला और हिट विकेट हो गए। जब फुलफार्म में थे, तो ऐसा कोई सगा नहीं था, जिसपर इन्होंने हाथ नहीं फेरा। एक गाड़ी पर खुद चलते थे, तो पीछे वाली पर उनका बैग करता था सवारी। किसी का प्रणाम ठीक से ले लिया, तो वह धन्य समझता था खुद को। लेकिन, कुर्सी को नजर ऐसी लगी कि सब कुछ देखते-देखते छिन गया। न अब वह रुतबा रहा, न रहा कोई रह-रहकर सलाम बजाने वाला। हुजूर भी अब हैं पूरी तरह फुर्सत में। भोर होते ही निकल पड़ते हैं मोरहाबादी में तफरीह करने। पहले जो नजर पर चढ़ने के लिए करते थे आगे-पीछे, अब वे हो चुके हैं गायब। कोई सामने मिल गया तो साहब दुखड़ा गाते नहीं थकते। अपना दिल बहलाने को यह भी बताना नहीं भूलते कि वहां से निकल कर बहुत फ्रेश फील कर रहे हैं।
हैट्रिक की बारी
सूबे में सियासी घमासान की आहट आने लगी है। मधुपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव की उलटी गिनती जो शुरू हो गई है। इससे दोनों खेमे में है घबराहट, लेकिन कमल दल में कुछ ज्यादा ही लगी है भितरखाने आंच। खतरा इस बार हैट्रिक विकेट गंवाने का है। तीर-कमान की तैयारी के आगे सबकुछ लग रहा है फीका-फीका। माइंड गेम इस बार काम नहीं कर पा रहा है इनका। पहले शिगूफा उड़ाया कि यहीं से खुलेगा सिंहासन का रास्ता, लेकिन यह हो गया फुस्स। अब स्थिति यह है कि घर के चिराग से ही आग फूंकने का अंदेशा सता रहा है। डैमेज कंट्रोल के सारे उपाय भी बौने नजर आ रहे हैं। घेराबंदी ही कुछ ऐसी हुई है कि न आगे जाते बन रहा है न पीछे। वोटकटवा को उतारने की सारी मुहिम भी फेल हो गई। अलग-अलग खेमे एकजुटता के आगे कितनी ताकत दिखाएंगे, यह अभी से दिखने लगा है।