Rupa Tirkey Suicide Case: रूपा तिर्की की आत्महत्या में छुपे हैं कई राज... पुलिस को देने होंगे इन सवालों के जवाब
Jharkhand News Jharkhand Samachar साहिबगंज की बहुचर्चित महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की आत्महत्या मामले की गुत्थी को सुलझाना आसान नजर नहीं आ रहा है। पुलिस ने एक दिन पूर्व एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस पूरे प्रकरण को प्रेम प्रसंग की ओर मोड़ दिया है।
रांची, राज्य ब्यूरो। साहिबगंज के बहुचर्चित महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की के आत्महत्या मामले की गुत्थी को सुलझाना आसान नजर नहीं आ रहा है। पुलिस ने एक दिन पूर्व एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस पूरे प्रकरण को प्रेम प्रसंग की ओर मोड़ दिया है। पुलिस के दावों की मानें तो चाईबासा में पदस्थापित 2018 बैच के दारोगा एसके कनौजिया से रूपा तिर्की की गहरी दोस्ती थी। रूपा भी 2018 बैच की दारोगा थी। अब तक के पुलिस अनुसंधान में यह पूरा मामला दारोगा एसके कनौजिया से रूपा की गहरी दोस्ती की तरफ बढ़ रहा है। साहिबगंज पुलिस ने अपनी थ्योरी दी है कि मरने से पहले रूपा की अंतिम बार बातचीत भी एसके कनौजिया से हुई थी। रूपा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मौत की वजह गले में फांसी लगने से दम घुटना बताया गया है।
दारोगा एसके कनौजिया से प्रेम प्रसंग के बूते मामले को रफा-दफा नहीं किया जा सकता
पुलिस ने आशंका जताई है कि दारोगा एसके कनौजिया ने दारोगा रूपा को फोन पर कुछ ऐसा कहा होगा, जिसके चलते उसने आत्महत्या की। इसलिए अब एसके कनौजिया पर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज होगी। अब साहिबगंज के बोरियो (जिरवाबाड़ी) थाना में दर्ज रूपा तिर्की की आत्महत्या में दर्ज यूडी केस ही आत्महत्या के लिए प्रेरित करने की धाराओं में परिवर्तित हो जाएगा। परिस्थिति जन्य साक्ष्य को केंद्र में रखकर पूरे मामले को देखा जाय तो सिर्फ दारोगा एसके कनौजिया से प्रेम प्रसंग का हवाला देकर पूरे मामले को रफा-दफा नहीं किया जा सकता है।
दरवाजे को तोड़ा नहीं गया, खिड़की से हाथ लगाकर कुंडी खोला गया
दारोगा रूपा तिर्की की सहेलियों की सूचना पर ही साहिबगंज पुलिस उसके आवास पर पहुंची थी। जिस कमरे में रूपा तिर्की का शव पंखे से लटक रहा था, उसका दरवाजा खिड़की के ठीक बगल में है। दरवाजा भले ही भीतर से बंद था, लेकिन उसे खिड़की से खोलना आसान था। पुलिस ने खिड़की से हाथ लगाकर दरवाजा खोला था। पहले यह बात सामने आ रही थी कि दरवाजे की कुंडी तोड़कर पुलिस उस कमरे में प्रवेश की थी, जो गलत निकली।
सवाल यह है कि जब दरवाजा खिड़की के तरफ से हाथ लगाकर खुल सकता है, तो किसी घटना को अंजाम देने के बाद दरवाजा को खिड़की से हाथ लगाकर भीतर से बंद भी किया जा सकता है। इसकी गंभीरता से जांच होनी चाहिए थी। दरवाजे की कुंडी सहित सभी वस्तुओं की वैज्ञानिक तरीके से जांच व फिंगर प्रिंट लेनी चाहिए थी, जिसे पुलिस ने नहीं लिया। दारोगा रूपा तिर्की का घुटना पूरी तरह बेड पर टिका हुआ था, इसपर पुलिस का तर्क है कि शरीर का वजन पड़ने की वजह से रस्सी खिसका, जिससे उसका घुटना सटा। बेड भी सही-सलामत था। अगर बेड पर कुर्सी लगाकर कोई आत्महत्या करेगा तो शरीर में हरकत भी होगी और बेड भी अस्त-व्यस्त होगा, लेकिन पुलिस ने अनुसंधान में इसपर ध्यान ही नहीं दिया।
दरवाजा खुलने के बाद पुलिस ने किया सभी प्रोटोकॉल का पालन
दरवाजा खोलने के बाद पुलिस ने सभी प्रोटोकॉल का पालन किया। दंडाधिकारी की उपस्थिति में दारोगा रूपा तिर्की के शव का पंचनामा करवाया। पोस्टमार्टम भी डॉक्टरों के बोर्ड से करवाया और उसकी वीडियोग्राफी कराई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दारोगा रूपा तिर्की की मौत का कारण भी फंदे से लटकने से दम घुटना बताया गया है।
राजदार सहेलियों को भी प्रारंभिक जांच में पुलिस ने दिया है क्लीन चिट
साहिबगंज पुलिस ने प्रारंभिक जांच में दारोगा रूपा तिर्की की दो सहेलियों दारोगा मनीषा कुमारी व दारोगा जयोत्सना कुमारी तथा एक अन्य व्यक्ति पंकज मिश्रा की इस घटना में संलिप्तता, सहभागिता व षड्यंत्र की पुष्टि नहीं की है। तीनों ही संदिग्धों को पुलिस ने क्लीन चिट दे दी है। पुलिस का पूरा अनुसंधान अब चाईबासा के दारोगा एसके कनौजिया के इर्द-गिर्द सिमटकर रह गया है।
मां ने लगाया है हत्या का आरोप, कर चुकी हैं सीबीआइ जांच की मांग
दारोगा रूपा तिर्की रांची के रातू थाना क्षेत्र स्थित काठीटांड़ की रहने वाली थी। वह साहिबगंज में महिला थानेदार थी। गत तीन मई को उसका शव उसके आवास में पंखे से लटका हुआ मिला था। रूपा तीन बहनों में सबसे बड़ी थी और उसकी अब तक शादी नहीं हुई थी। उसके पिता सीआरपीएफ में हैं। रूपा की मां पद्मावती ने इस घटना के बाद रूपा की बैच की ही दो महिला पुलिस पदाधिकारियों मनीषा कुमारी व ज्योत्सना सहित एक पंकज मिश्रा नामक व्यक्ति पर हत्या का आरोप लगाया था।
रूपा की मां ने आरोप लगाया था कि रूपा तिर्की के शरीर पर जगह-जगह चोट के निशान थे और गले में दो रस्सी के निशान थे। जब पंखे से एक रस्सी लटक रहा था तो रूपा के गले में दो निशान कैसे आए। रूपा की दोनों बैचमेट रूपा को प्रताड़ित करती थी। रूपा जब थाना प्रभारी बनी तो उसे गाड़ी व आवास मिला था, जिससे दोनों को जलन हो रही थी। घटना से 10 दिन पहले दोनों सहेलियां रूपा को लेकर पंकज मिश्रा के पास गईं थीं।
विपक्ष व सत्ता पक्ष के कई विधायक व नेता भी कर रहे हैं सीबीआइ से जांच का आग्रह
विपक्ष व सत्ता पक्ष के कई विधायक व नेता भी सीबीआइ से जांच का आग्रह कर रहे हैं। भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, मांडर के विधायक बंधु तिर्की, बोरियो से झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम, भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष आरती कुजूर, हटिया के विधायक नवीन जायसवाल ने राज्यपाल व मुख्यमंत्री से पत्राचार कर पूरे मामले की जांच सीबीआइ से कराने का आग्रह किया है।