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मानसून सत्र: सदन में लगे जय श्री राम के नारे, विपक्ष ने जताया विरोध

Jharkhand. झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन भारतीय वन कानून में संशोधन को लेकर विपक्ष्‍ा के नेताओं ने हंगामा किया।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 24 Jul 2019 11:59 AM (IST)Updated: Wed, 24 Jul 2019 05:44 PM (IST)
मानसून सत्र: सदन में लगे जय श्री राम के नारे, विपक्ष ने जताया विरोध
मानसून सत्र: सदन में लगे जय श्री राम के नारे, विपक्ष ने जताया विरोध

रांची, राज्य ब्यूरो। आदिवासी हितों को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के टकराव के नजारे तो सदन में अक्सर ही देखने को मिलते हैं लेकिन बुधवार को टकराव की वजह विधानसभा में लगाए गए जय श्रीराम और जय सरना के नारे भी बने। भारतीय वन कानून 1927 में संशोधन की प्रक्रिया को लेकर झामुमो विधायकों के हो-हंगामे के बीच भाजपा विधायकों ने जय श्रीराम का नारा लगाया तो विपक्ष ने इसका कड़ा प्रतिवाद किया।

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  • वन कानून में संशोधन पर राज्य सरकार के मंतव्य को लेकर झामुमो विधायक वेल में उतरे
  • झामुमो के प्रदर्शन के बीच भाजपा विधायकों ने लगाया नारा
  • सदन के बाहर भी नारे पर उलझा सत्ता पक्ष और विपक्ष
  • पहली और दूसरी पाली हुई बाधित, नहीं चला प्रश्न काल

इसके बाद भी जय श्रीराम के नारे लगने बंद नहीं हुए तो प्रतिक्रिया में कुछ विधायकों ने जय सरना के नारे लगाए। वहीं कुछ विधायक भारत माता की जय के नारे भी लगाते दिखे। सदन के अंदर लगे नारे पर बाहर भी दोनों पक्षों की ओर से तल्खी देखी गई। हो-हंगामे की वजह से सदन की पहली और दूसरी पाली में कोई कामकाज नहीं हुआ, प्रश्नकाल पूरी तरह से बाधित रहा। हां, शोरगुल के बीच स्पीकर दिनेश उरांव ने कुछ विधायी कार्यों की औपचारिकता जरूर पूरी की।

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही झामुमो विधायक कुणाल षाडंगी ने भारतीय वन कानून 1927 में संशोधन पर राज्य सरकार से मांगे गए जवाब पर मंतव्य स्पष्ट करने की मांग को लेकर कार्य स्थगन प्रस्ताव पेश किया, जिसे स्पीकर ने अमान्य करार दिया। नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन समेत झामुमो के वरिष्ठ विधायक इस मसले पर सरकार का पक्ष स्पष्ट करने की मांग करने लगे। स्पीकर के बार-बार अनुरोध करने के बाद भी वे नहीं माने और वेल में आकर प्रदर्शन करने लगे। सत्ता पक्ष की ओर से विपक्ष पर प्रश्नकाल बाधित करने का आरोप लगया गया।

इधर, सत्ता पक्ष के कुछ विधायक खड़े होकर झामुमो नेताओं के रुख को अनुचित ठहराने लगे। बहस बढ़ती गई और इस बहस में कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत और सत्ताधारी दल के मुख्य सचेतक राधाकृष्ण किशोर भी कूद गए। सबने अपने-अपने तर्क दिए, लेकिन फलाफल कुछ नहीं निकला। इस बीच झामुमो विधायकों का वेल में प्रदर्शन जारी रहा। मंत्री सीपी सिंह ने झामुमो विधायकों की चुटकी भी ली। कहा ... इनके मर्ज की दवा क्या है।

इस बीच भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने भारत माता की जय और जय श्रीराम का नारा लगा दिया। झामुमो विधायक पौलुस सुरीन बोल उठे, श्रीराम नहीं चलेगा। वे जय सरना बोलते सुने गए। इसपर सत्ता पक्ष के कई विधायक खड़े हो गए और जय श्रीराम  के नारे लगाने लगे। स्पीकर दिनेश उरांव ने सदन के माहौल को देखते हुए कार्यवाही 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर भी झामुमो विधायक वन कानून पर सरकार का मंतव्य स्पष्ट करने की मांग करते रहे। स्पीकर ने कुछ विधायी औपचारिकताएं पूरी कर कार्यवाही को दो बजे दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी। दूसरी पाली में भी कामकाज नहीं के बराबर हुआ। इस बीच दो संशोधन विधायक शोरगुल के बीच ही पारित हो गए।

सीपी बोले, पाकिस्तान की संसद में भी लगेगा जय श्रीराम का नारा
नगर विकास मंत्री सीपी सिंह और कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने नारों को लेकर एक दूसरे की चुटकी ली और तंज भी कसे। सीपी सिंह ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम रोम-रोम में बसे हैं। ऐसे में झामुमो का कहना जय श्रीराम नहीं चलेगा। यह उचित नहीं है। यह नारा सिर्फ विधानसभा ही नहीं पूरे देश में लग रहा है। वह समय भी आएगा जब पाकिस्तान की संसद में भी जय श्रीराम का नारा लगेगा।

इरफान ने दिखाया कलावा, कहा- मैं सबसे बड़ा रामभक्त
कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने खुद को सबसे बड़ा रामभक्त बताया है। बुधवार को पहली पाली की समाप्ति के बाद मीडिया से रूबरू विधायक ने बकायदा हाथ में बंधा कलावा भी दिखाया और भाजपा विधायकों को निशाने पर लिया। इरफान ने कहा कि सदन में डेवलपमेंट की बात होनी चाहिए। श्रीराम तो सबके हैं। भाजपा पश्चिम बंगाल की तरह झारखंड में भी माहौल खराब करने में जुटी है। इरफान और अमर बाउरी के आमने-सामने आने पर भी दोनों नेताओं ने अपनी रामभक्ति प्रकट की। इधर, सीपी सिंह भी सदन के बाहर निकलते ही जय श्रीराम का नारा लगाते दिखे। इस दौरान बाहर भी नोंकझोक हुई।

किसने क्या कहा
ये (सत्तापक्ष) हर चीज को राजनीतिक रंग देना चाहते हैं। सरकार अपने हिडेन एजेंडे के तहत काम कर रही है।
हेमंत सोरेन, नेता प्रतिपक्ष
- नारे पहले उधर से लगे। श्रीराम नहीं चलेगा यह पौलुस सुरीन ने कहा। तब जाकर प्रतिवाद में सत्ता पक्ष ने नारे लगाए। अमर बाउरी, राजस्व मंत्री
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का नाम श्रद्धा के साथ लिया जाना चाहिए। उपहास उड़ाने के लिए नहीं। सुखदेव भगत कांग्रेस विधायक
सदन के अंदर जो भी प्रदर्शन होता है उस पर आसन की ओर से जब तक कुछ न कहा जाए तब तक किसी तरह की टिप्पणी करना उचित नहीं है। राधाकृष्ण किशोर मुख्य सचेतक, सत्तारूढ़ दल
यह नारा सिर्फ विधानसभा ही नहीं पूरे देश में लग रहा है। वह समय भी आएगा जब पाकिस्तान की संसद में भी जय श्रीराम का नारा लगेगा। सीपी सिंह, नगर विकास मंत्री

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