Cyclone Amphan: एम्फन से प्रभावित लोगों की मदद में जुटे हैं संघ के सैकड़ों स्वयंसेवक
हाईवे पर गिरे पेड़ों को काटने से लेकर रहने के लिए तिरपाल व भोजन तक की व्यवस्था वनवंधु परिषद कर रहा है। प्रभावित परिवारों को टेंट व दो माह का राशन देने का निर्णय परिषद ने लिया है।
रांची, [संजय कुमार]। देश में जब भी किसी भी तरह की विपदा आई हो, प्रभावित लोगों की मदद करने में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवक कभी भी पीछे नहीं रहे हैं। पूरे देश में कोरोना महामारी से प्रभावित लोगों की मदद करने में संघ के हजारों स्वयंसेवक लगे हैं। इसी बीच बंगाल में जैसे ही एम्फन तूफान से लाखों लोग प्रभावित हुए संघ के सैकड़ों स्वयंसेवक मदद को दौड़ पड़े। कई स्वयंसेवक हाईवे पर जगह-जगह गिरे पेड़ों को काटकर रास्ता बनाने में जुटे हैं तो कई पानी से घिरे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने तो कई स्वयंसेवक प्रभावित लोगों के बीच भोजन और तिरपाल बांटने में लगे हुए हैं।
आरएसएस के संगठन एकल अभियान ने ऐसे गांव, जहां एकल विद्यालय संचालित हैं, वहां के प्रभावित लोगों के लिए टेंट तथा दो महीने का राशन देने का निर्णय लिया है। आरएसएस के बंगाल के प्रचार प्रमुख विप्लब दा ने कहा कि एम्फन तूफान से बंगाल के पूरब मिदनापुर, उत्तर एवं दक्षिण चौबीस परगना, कोलकाता, हुगली आदि जिले के गांवों में ज्यादा क्षति हुई है। इन प्रभावित इलाकों में आरएसएस के 500 से अधिक स्वयंसेवक सेवा कार्य में लगे हैं। ये स्वयंसेवक प्रशासन एवं सेना के जवानों के साथ मिलकर सेवा के कार्य कर रहे हैं।
इधर बंगाल एवं ओडिशा के क्षेत्र सेवा प्रमुख जगदीश खाडांगे ने दैनिक जागरण से बात करते हुए कहा कि आरएसएस के स्वयंसेवक जब तक जरूरत होगी सेवा कार्य में लगे रहेंगे। एम्फन तूफान से प्रभावित जिलों में जगह-जगह सड़कों पर बिजली के पोल व पेड़ गिरने से यातायात व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई है। साथ ही बिजली नहीं रहने से संचार व्यवस्था भी ठप है। इसे सुचारू करने के लिए संघ के स्वयंसेवकों ने पहले सड़कों पर से पेड़ों को काटने का काम शुरू किया। साथ ही बिजली की स्थिति ठीक करने में प्रशासनिक अधिकारियों की मदद की। अभी लोगों को सूखा राशन देने के साथ-साथ पानी, तैयार भोजन एवं दवा पहुंचाने का काम कर रहे हैं। जिन लोगों का घर तहस-नहस हो गया है, उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
कम से कम 5000 रुपये राहत कोष में देने की अपील
एकल अभियान के केंद्रीय सह अभियान प्रमुख ललन शर्मा ने बताया कि बंगाल में एकल अभियान को संचालित करने वाली संस्था वनवंधु परिषद ने केंद्रीय कार्य समिति के सभी सदस्यों से कम से कम 5000 रुपये सहायता राहत कोष में जमा कराने की अपील की है। इसके लिए बैंक में खाता भी खोल दिया गया है। सदस्यों की संख्या 400 के आसपास है। एकल अभियान के लोग रात-दिन राहत कार्य में लगे हैं।