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RSS: हरियाली के साथ ऑक्सीजन भी बांट रहे संघ के स्वयंसेवक, लगाए जा रहे 5 हजार वट वृक्ष के पौधे

Rashtriya Swayamsevak Sangh पर्यावरण संरक्षण के लिए पांच हजार वट का पौधा लगाने का निर्णय लिया है। आरएसएस के विभाग प्रचारक कुणाल के नेतृत्व में अभियान चल रहा है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 14 Sep 2020 04:31 PM (IST)Updated: Mon, 14 Sep 2020 04:39 PM (IST)
RSS: हरियाली के साथ ऑक्सीजन भी बांट रहे संघ के स्वयंसेवक, लगाए जा रहे 5 हजार वट वृक्ष के पौधे
RSS: हरियाली के साथ ऑक्सीजन भी बांट रहे संघ के स्वयंसेवक, लगाए जा रहे 5 हजार वट वृक्ष के पौधे

रांची, [संजय कुमार]। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवक झारखंड के संताल परगना इलाके में हरियाली के साथ-साथ ऑक्सीजन भी बांट रहे हैं। आरएसएस की पर्यावरण गतिविधि के तहत चलने वाले इस अभियान के सूत्रधार हैं देवघर के विभाग प्रचारक कुणाल कुमार। उनके नेतृत्व में संघ के स्वयंवकों ने पांच हजार वट का पौधा लगाने का निर्णय लिया है। अब तक 3500 से अधिक पौधे लगा चुके हैं। इस संबंध में कुणाल कुमार ने कहा कि वट का पौधा सबसे ज्यादा ऑक्सीजन देता है।

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इसके साथ ही इस पौधे का औषधीय में भी उपयोग होता है। इसके लिए वट पेड़ के पौधे को लगाने का निर्णय लिया गया। लगाने के साथ-साथ इसकी सुरक्षा की भी चिंता की जा रही है। इसे लगाने में स्थानीय लोगों का काफी सहयोग मिल रहा है। देवघर, दुमका, गोड्डा और जामताड़ा जिले में इसे लगाया जा रहा है। प्रयोग सफल रहा, तब राज्य के दूसरे इलाकों में भी वटवृक्ष लगाने का काम किया जाएगा।

इस काम में देवघर विभाग प्रचार प्रमुख प्रभाकर शांडिल्य का भी पूरा सहयोग मिल रहा है। उधर संघ के पर्यावरण गतिविधि विभाग ने भी समाज के दूसरे लोगों से भी पौधा लगाने का आह्वान किया है। कहा जा रहा है कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में कम से कम पांच पौधे के बराबर लकड़ी की जरूरत पड़ती है। इसलिए इतने पेड़ तो जरूर लगाएं। अब तक हजारों पौधे लगाए जा चुके हैं।

देवघर में वटवृक्ष लगाते आरएसएस के विभाग प्रचारक कुणाल कुमार।

वटवृक्ष लगाने में खर्च भी कम आता है

विभाग प्रचारक ने कहा कि वटवृक्ष लगाने में खर्च काफी कम आता है। केवल डाल काटकर लगा दिया जाता है। तालाब, नदी, शमशान घाट, बाजार, चौक-चौराहे आदि के आसपास इसे लगाने का काम चल रहा है। डाल लगाने के कारण प्रारंभ में जानवरों द्वारा पता खाने का डर नहीं रहता है। बाद में धार्मिक आस्था के कारण लोग तोङते नहीं हैं।

वटवृक्ष की लोग पूजा करते हैं। आज जिस तरह से बड़े पेड़ समाप्त होते जा रहे हैं, उससे पक्षियों को घोंसला बनाने के लिए जगह नहीं मिल रहा है। आज कई तरह के पक्षी देखने को नहीं मिल रहे हैं। बड़ा होने के बाद इन वटवृक्षों पर पक्षी घोंसला बनाकर रह सकेंगे।

एक हजार पौधे की रक्षा के लिए पालक किया तय

आरएसएस के सरायकेला जिला पर्यावरण प्रमुख मानव कुमार प्लाजा ने एक हजार आम का पौधा लगाने का लक्ष्य पिछले दिनों तय किया। पौधारोपण के साथ उसकी सुरक्षा की चिंता होने लगी। इसके लिए आम के सभी पौधे का पालक बनाने का निर्णय लिया। उन्होंने एक हजार पौधे लगाकर सभी की सुरक्षा के लिए पालक तय किया और उन सभी से शपथ पत्र भरवाया। उनसे प्रेरणा लेकर दूसरे जगहों पर भी इस तरह के काम स्वयंसेवकों ने शुरू किए हैं।


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