100 वर्ष पूरा होने पर भारत की सभी पंचायतों तक पहुंचने का आरएसएस ने बनाया लक्ष्य
RSS Meeting in Hyderabad तेलंगाना (Telangana) के हैदराबाद (Hyderabad) यानी भाग्यनगर (Bhagyanagar) में बुधवार से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) (आरएसएस) की तीन दिवसीय समन्वय बैठक (Meeting) शुरू हुई। संघ की 100 वर्ष पूरे होने पर देश के सभी पंचायतों तक पहुंचने का जो लक्ष्य रखा गया है।
रांची, (संजय कुमार)। RSS Meeting in Hyderabad : तेलंगाना (Telangana) के हैदराबाद (Hyderabad) यानी भाग्यनगर (Bhagyanagar) में बुधवार से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) (आरएसएस) की तीन दिवसीय समन्वय बैठक (Meeting) शुरू हुई। बैठक के पहले दिन जहां परिचय सत्र का आयोजन हुआ, वहीं संघ से जुड़े कई संगठनों के प्रमुखों ने अपने सांगठनिक कार्यों (Organizational Functions) की जानकारियां साझा कीं।
प्राचीन शिक्षा पद्धति और नई शिक्षा नीति पर भी आंशिक चर्चा
इसी क्रम में भारत की प्राचीन शिक्षा पद्धति और नई शिक्षा नीति पर भी आंशिक चर्चा हुई। गुरुवार और शुक्रवार को इस विषय पर विस्तार से चर्चा होगी। बैठक में संघ के पांचों सह सरकार्यवाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित संघ एवं अनुषांगिक संगठनों के 190 प्रतिनिधि ने भाग लिया।
प्रमुख भारत की प्राचीन शिक्षा पद्धति पर विशेष रूप से रखेंगे अपनी बातें
आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि इस बैठक में सभी अनुषांगिक संगठन अपने कार्यों का ब्योरा रखेंगे। साथ ही विद्या भारती, अभाविप, भारतीय शिक्षण मंडल के प्रमुख भारत की प्राचीन शिक्षा पद्धति पर विशेष रूप से अपनी बातें रखेंगे कि यह पद्धति फिर से कैसे स्थापित हो। देश की नई शिक्षा नीति भी भारत की प्राचीन गुरुकुल परंपरा, संस्कार युक्त शिक्षा आदि पर केंद्रित है, जिसे जमीन पर उतारने में संघ के अनुषांगिक संगठन लगे हुए हैं।
वर्ष में एक बार होती है यह बैठक
आंबेकर ने कहा कि आरएसएस से प्रेरित सामाजिक जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे विभिन्न संगठनों के प्रमुख पदाधिकारियों की अखिल भारतीय समन्वय बैठक साल में एक बार होती है। यह बैठक मुख्य रूप से एक-दूसरे संगठनों की कार्यों की जानकारी व अनुभव साझा करने के निमित्त आयोजित की जाती है। पिछले वर्ष यह बैठक गुजरात के कर्णावती यानी अहमदाबाद में हुई थी। उस बैठक में देश में रोजगार में सुधार की योजनाओं पर चर्चा की गई थी।
स्वाधीनता के 75 साल पूरे होने पर प्रस्तावित उत्सव पर भी होगी चर्चा
स्वाधीनता के 75 वर्ष पूरे होने पर आरएसएस सहित सभी अनुषांगिक संगठनों की ओर उत्सव मनाने की तैयारी है। इसमें गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में जानकारी संग्रह कर लिपिबद्ध करना, 75 करोड़ सूर्यनमस्कार, जगह-जगह भारत माता पूजन, शोभा यात्रा निकालने आदि के कार्यक्रम तय किए गए हैं। सभी संगठन आपस में समन्वय बना कर इस कार्यक्रम को कैसे प्रभावी बनाए, बैठक में इसपर भी विस्तृत चर्चा होगी।
100 वर्ष पूरे होने पर देश के सभी पंचायतों तक पहुंचने का लक्ष्य
साथ ही संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर देश के सभी पंचायतों तक पहुंचने का जो लक्ष्य रखा गया है, उस पर भी विमर्श होगा। कोविड के दौरान सेवा भारती की पहल और बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार और कुपोषण को मिटाने के लिए उनके स्तर से की गई पहल पर भी बातें होंगी। पर्यावरण संरक्षण, परिवार प्रबोधन (पारिवारिक जागरूकता) और सामाजिक समरसता पर भी बैठक में फोकस किया जाएगा।