Mohan Bhagwat in Jharkhand: संघ प्रमुख बोले- एक ध्येय लेकर बढ़ें, भारत फिर बनेगा विश्वगुरु
संघ प्रमुख डॉ मोहन भागवत मंगलवार को अपने तीन दिवसीय दौरे पर झारखंड पहुंचे हैं। वे सिमडेगा के श्रीरामरेखाधाम के प्रमुख महंत उमाकांत जी महाराज के बुलावे पर यहां आए हैं।
रांची, [संजय कुमार]। राष्ट्रधर्म ही सनातन संस्कृति का मूल है। सबकी सच्ची भागीदारी से इस तत्व को लगातार प्रखर बनाने की जरूरत है। सब एक ध्येय से आगे बढ़ें तो वह दिन दूर नहीं जब भारत फिर विश्वगुरु बनेगा। यह बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक डॉ. मोहन भागवत ने सिमडेगा के रामरेखा धाम में कही। वे राम रेखाधाम के महंत उमाकांत दास जी महाराज के निमंत्रण पर बुधवार को यहां एक धार्मिक आयोजन में शामिल होने पहुंचे थे। संघ प्रमुख ने यहां चार घंटे बिताए। इस दौरान उन्होंने गुफा मंदिर में पूजा की और भगवान राम को हिंदू धर्म व परंपरा का आदर्श बताया। उन्होंने यहां रामरेखा बाबा को भी नमन किया और वर्तमान महंत उमाकांत जी महाराज के साथ देर तक चर्चा की।
इस मौके पर संघ प्रमुख ने कहा कि निष्ठा, समर्पण, मेहनत और सेवाभावना ही हमारी ताकत रही है। समाज में सभी लोगों को जोड़ते हुए सक्रिय होकर काम करें। समर्पण के साथ काम करेंगे तो भारत की संस्कृति का फिर से पूरी दुनिया में परचम लहराएगा। रामरेखा धाम विकास समिति और हिंदू धर्म रक्षा समिति के सदस्यों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हम अपना काम ठीक से करें। हम सब एक हैं, इस भाव से काम करें।
संघ प्रमुख ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि कुछ वर्ष पहले एक व्यक्ति विदेश से भारत में आए थे। कहा था कि अमेरिका और यूरोप को तो जीत लिया अब दक्षिण एशिया में फतह करना है। ऐसा तो नहीं कर सके अब उलटे भगवा पहनने के साथ-साथ आरती भी कर रहे हैं। यही हमारी संस्कृति की ताकत है। इस ताकत को हमें जीवंत बनाए रखना है और धार देते रहना है। केरल में तो गरूड़ भगवान को बनवाने पर मजबूर हो गए हैं।
रामरेखाधाम के गुफा मंदिर में पूजा करते संघ प्रमुख डॉ मोहन भागवत।
रामरेखा धाम के कार्यों को सराहा
संघ प्रमुख ने सिमडेगा के रामरेखा धाम और उसकी रक्षा समितियों के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह धाम हिंदू सनातन संस्कृति के ध्वजवाहक के रूप में काम कर रहा है। लोगों में संस्कार जगाने से लेकर उनमें धार्मिक-आध्यात्मिक प्रवृत्ति जागृत करने तथा सोची समझी साजिश के तहत लोगों को बरगलाकर धर्मांतरण करानेवालों की मंशा के खिलाफ लोगों को जागरूक कर धर्मांतरण रोकने में इस धाम की विशेष भूमिका रही है। शिक्षा और जागरूकता से हम समाज में बड़ा बदलाव ला सकते हैं। एक सवाल के जवाब में भागवत ने कहा, मैं संघ का कार्यकर्ता हूं। सरकार में जाने वाला नहीं हूं, लेकिन आपकी बातें उनतक पहुंचा सकता हूं। समर्पण के साथ काम करें। आपकी तपस्या और काम को देखकर ही लोग आपसे जुड़ेंगे।
सबके पूर्वज थे राम और कृष्ण
संघ प्रमुख ने लोगों से कहा कि हम सबको सत्य मार्ग पर चलते हुए काम करना है। सनातन धर्म ही सत्य पर आधारित है। लोगों में एक भ्रम फैलाया गया कि सनातन धर्म को मानने वाले ही हिंदू हैं, जबकि राम और कृष्ण सबके पूर्वज थे। उन्होंने कहा कि सत्य, करूणा, चरित्र एवं तपस्या, इनका जो पालन करता है वह धर्म पर चलता है। इसलिए अपने जीवन में इन चार बातों को ध्यान रखना चाहिए।
पूरा देश एक है, कोई किसी से न करे भेदभाव
संघ प्रमुख ने कहा कि पूरा देश एक है। इसलिए हमें पंथ, जाति एवं धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं करना है। हम महाराष्ट्र के और आप झारखंड के हैं, लेकिन सभी भारतीय हैं। विश्व भी हमें इसी नाम से जानता है। सनातन धर्म भी हमें जोड़कर चलना सिखाता है।
धाम में बैठे विधायक विमला प्रधान, एसपी संजीव कुमार, एएसपी निर्मल गोप व अन्य।
शाखाओं का करें विस्तार
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने रामरेखा धाम से लौटने के बाद सिमडेगा में संघ के जिलास्तर के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। आनंद भवन धर्मशाला 45 मिनट तक बैठक चली इस बैठक में क्षेत्र व प्रांत के अधिकारी मौजूद थे। यहां उन्होंने कार्यकर्ताओं से परिचय के बाद उन्होंने अपने संबोधन में संघ के कार्यों पर ध्यान देने की बात कही। उन्होंने कहा कि संघ में पूरे मनोयोग से काम करना होता है। संघ का कार्य एक तपस्या की तरह है। इसमें स्वयं को तपाना पड़ता है। उन्होंने शाखा विस्तार की भी अपील की।
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