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मोहन भागवत का बड़ा बयान, सबके लिए खुला है संघ का द्वार, नहीं है किसी राजनीतिक दल से परहेज RSS Sangh Samagam

RSS Sangh Samagam राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत ने रविवार को रांची में संघ समागम के क्रम में स्‍वयंसेवकों और शाखाओं की संख्‍या बढ़ाने पर खास जोर दिया।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sun, 23 Feb 2020 01:04 PM (IST)Updated: Mon, 24 Feb 2020 07:57 AM (IST)
मोहन भागवत का बड़ा बयान, सबके लिए खुला है संघ का द्वार, नहीं है किसी राजनीतिक दल से परहेज RSS Sangh Samagam
मोहन भागवत का बड़ा बयान, सबके लिए खुला है संघ का द्वार, नहीं है किसी राजनीतिक दल से परहेज RSS Sangh Samagam

रांची, जासं। RSS Sangh Samagam संघ प्रमुख डॉ मोहन भागवत का बड़ा बयान आया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक ने कहा कि ग्राम विकास के क्षेत्र में काम करने के दौरान स्वयंसेवकों को सभी लोगों की चिंता करनी होगी। किसी भी राजनीतिक दल या स्थान से परहेज नहीं करना होगा। कोई भी राजनीतिक विचारधारा थोपकर समाज में काम नहीं कर सकते हैं।

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संघ प्रमुख ने कहा कि आज का समाज बदल रहा है। संघ से लोगों की अपेक्षाएं काफी बढ़ गई हैं। कोई यह नहीं पूछता है कि शाखा कितनी लगती है। लोग यह देखना चाहते हैं कि आपके कार्यों से समाज में कितना परिवर्तन हुआ है। इसलिए संघ के सभी गतिविधि विभागों को आपस में समन्वय बनाते हुए काम में तेजी लानी होगी। संघ प्रमुख अपने रांची प्रवास के अंतिम दिन रविवार को झारखंड और बिहार के सभी गतिविधि प्रमुखों को संबोधित कर रहे थे। यहां संबोधन खत्म होने के बाद संघ प्रमुख गिरिडीह होते हुए देवघर के लिए निकल गए। सोमवार को वह देवघर में ठाकुर अनुकूल चंद के सत्‍संग आश्रम जाएंगे। 

सबको संघ से जोड़ें, सबकी सेवा के लिए तत्पर रहें

अपने संबोधन के दौरान डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि स्वयंसेवकों को राजनीतिक प्रभाव से दूर रहते हुए समाज में हर वर्ग के लिए काम करना है। हमें यह नहीं देखना है कि उस इलाके में किस वर्ग व धर्म के लोग रहते हैं। जरूरत के अनुसार किसी भी धर्म व वर्ग के लोगों को अपने काम से जोड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि अपने कार्यक्रमों में सभी लोगों को आमंत्रित करें, लेकिन मंच पर किसी भी राजनीतिक पद पर रहने वाले लोगों को लाने से बचते हुए संवैधानिक पदों पर रहने वाले लोगों को स्थान दें। जो आप करते हैं उसे खुल कर सबके सामने बोलें। सामाजिक जीवन में काम करने के दौरान लोगों को कहें कि यह संघ का कार्य है। इससे लोग आप पर विश्वास करेंगे। चोरी-छिपे कुछ भी नहीं करना है। 

देश-काल व परिस्थिति के अनुसार प्रकृति करती है कार्य

संघ प्रमुख ने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि देश-काल व परिस्थिति के अनुसार प्रकृति कार्य करती है। हर परिस्थिति के लिए प्रकृति ने उपयोगिता तय कर दी है। उसी के अनुसार चलने का प्रयास करना चाहिए। यदि आप गिर की गाय को यहां लाएंगे तो सफल नहीं होंगे। खेती का ही उदाहरण देते हुए कहा कि झारखंड की मिïट्टी अलग और बिहार की अलग। एक ही तरह की फसल की खेती करेंगे तो सफल नहीं होंगे। 

पर्यावरण संरक्षण सहित अन्य कार्यों में लानी होगी तेजी

संघ प्रमुख ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण, गो संवद्र्धन, सामाजिक समरसता व धर्म जागरण के कामों में तेजी लानी होगी। लोग जानना चाहते हैं कि आपने कितने तालाब खुदवाये, पौधे कितने लगाए, आपके कामों से धर्म परिवर्तन कितना रुका। इसलिए आपको अपने काम और काम के परिणाम समाज को दिखाने-बताने होंगे। संघ प्रमुख ने गतिविधि प्रमुखों से कार्य करने के दौरान स्वयं के प्रचार से बचने की भी सलाह दी। साथ ही यह भी कहा कि हमेशा इस बात पर गौरव और संतोष करें कि आप राष्ट्र निर्माण और मानवता की सेवा में लगे हैैं।

रांची में राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के संघ समागम के आखिरी दिन माहेश्‍वरी भवन में बैठक के क्रम में उन्‍होंने कहा कि संघ को किसी राजनीतिक दल से परहेज नहीं है। संघ किसी से भेदभाव नहीं रखता। ग्रामीण विकास के क्षेत्र में काम करने पर खास जोर देते हुए सरसंघचालक ने कहा कि संघ सबके साथ मिलकर काम करता है। चाहे कोई किसी भी राजनीतिक दल और मत का हो। उन्‍होंने कहा कि गांवों के सर्वांगीण विकास के लिए सब आगे आएं। संघ का द्वार सबके लिए खुला है।

रांची प्रवास के अंतिम दिन संघ प्रमुख ने झारखंड और बिहार के गतिविधि प्रमुखों को किया संबोधित

इधर संघ प्रमुख ने शहर की आबादी का तीन प्रतिशत और गांव की एक फीसद आबादी को स्‍वयंसेवक बनाने का लक्ष्‍य दिया है। शाखाओं की संख्‍या बढ़ाने पर जोर देते हुए राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के सरसंघचालक ने कहा कि संगठन को समृद्ध बनाएं। रांची में आयोजित संघ समागम में शरीक होने पहुंचे संघ प्रमुख ने अपने पांच दिवसीय प्रवास के आखिरी दिन रविवार को राजधानी के माहेश्‍वरी भवन में तीनों प्रांतों के गतिविधि प्रमुखों के कार्यों की समीक्षा की।

आरएसएस चीफ ने उत्‍तर पूर्व क्षेत्र के साथ बिहार और झारखंड के पदाधिकारियों से अलग-अलग सत्रों में गूढ़ विषयों पर लंबी चर्चा की। रांची के माहेश्‍वरी भवन में संघ समागम की इस अहम बैठक में ग्राम विकास, सामाजिक सद्भाव, पर्यावरण संरक्षण, संयुक्‍त परिवार समेत अन्‍य मुद्दों पर गहन चर्चा हुई। संघ प्रमुख ने जैविक खेती और गो संवर्धन पर भी खास जोर दिया। पांच दिवसीय प्रवास के बाद संघ प्रमुख डाॅ मोहन भागवत रांची से देवघर के लिए रवाना हो गए।

संघ प्रमुख ने बीते दिन स्‍वयंसेवकों के चरित्र को अनुकरणीय बनाने की सीख दी। ताकि समाज के लोगों के बीच राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ की सुंदर धारणा बने। सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत ने स्‍वयंसेवकों को संघ के ब्रांड एंबेसडर के रूप में उदृत करते हुए कहा कि उनकी छवि के हिसाब से ही संघ का आकलन किया जाता है, ऐसे में उन्‍हें अपना चरित्र सुदृढ़ बनाना चाहिए। डॉ भागवत ने सामाजिक समरसता पर खास जोर दिया। वरिष्‍ठ कार्यकर्ताओं को उन्‍होंने कहा कि जो एक बार स्‍वयंसेवक बन जाता है, उसे संभालकर रखना उनकी जिम्‍मेवारी है। उन्‍होंने स्‍वयंसेवकों के परिवार की चिंता करने और सामाजिक भेद-भाव को दूर करने को कहा।

गिरिडीह पहुंचे संघ प्रमुख मोहन भागवत, रात्रि विश्राम के बाद सुबह देवघर के लिए होंगे रवाना

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत रविवार रात कड़ी सुरक्षा के बीच गिरिडीह पहुंचे। रात करीब 9:35 बजे भागवत का काफिला सीधे सिरसिया स्थित पुराना पुल के समीप विभाग व्यवस्था प्रमुख संजीव शर्मा के घर जा पहुंची। जहां संघ और स्थानीय भाजपाइयों ने उनका स्वागत किया। संघ प्रमुख ने गिरिडीह में ही  रात्रि विश्राम किया। सोमवार सुबह वह संघ की शाखा लगाने व पौधरोपण के बाद वे देवघर के लिए प्रस्थान करेंगे। उनके आगमन को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।

मौके पर विभाग प्रचारक राजीव कांत, विभाग संघ चालक अर्जुन मिष्टकार, सह विभाग कार्यवाह मुकेश रंजन ङ्क्षसह, जिला संघ चालक ब्रजनंदन प्रसाद, जिला प्रचारक विकास गौतम,  गौरी शंकर, वीर प्रताप, प्रयाग, संतोष खत्री, धम्रवीर राय, संदीप संडेलवाल, राजेश शम्रा, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष विनय शर्मा, जिप उपाध्यक्ष कामेश्वर पासवान, मोती लाल उपाध्याय सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।


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