लॉकडाउन अवधि का रोड टैक्स और इंश्योरेंस प्रीमियम चार्ज हो माफ
लॉकडाउन अवधि में ट्रांसपोर्टरों को काफी नुकसान हुआ।
जासं, रांची : लॉकडाउन अवधि में ट्रांसपोर्टरों को काफी नुकसान हुआ। इसमें सबसे ज्यादा नुकसान पैसेंजर वाहन के संचालकों को उठाना पड़ा। ट्रासपोर्टर्स सरकार से लॉकडाउन अवधि में रोड टैक्स और इंश्योरेंस प्रीमियम चार्ज माफ करने की लगातार मांग कर रहे हैं। ऐसे में अब उन्हें फेडरेशन ऑफ आल इंडिया व्यापार मंडल (फैम) का भी साथ मिल गया है। फैम के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम कुमार ने राज्य सरकार से मांग की है कि लॉकडाउन अवधि का कॉमर्शियल और पैसेंजर वाहनों का रोड टैक्स एवं इंश्योरेंस प्रीमियम चार्ज माफ किया जाए। फैम के राष्ट्रीय महासचिव वीके बंसल ने इस मुद्दे पर केंद्र एवं राज्य सरकारों को पत्र लिखा है। फैम के अनुरोध पर उत्तर प्रदेश एवं पश्चिम बंगाल सरकार पहले ही राहत दे चुकी है। इधर, भारत सरकार के सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा भी फैम के आग्रह पर सकारात्मक रुख अपनाते हुए उक्त प्रस्ताव को केंद्रीय वित्त मंत्रालय को विचार हेतु भेजा गया है। प्रदेश महासचिव दीपेश निराला ने कहा है कि फैम व्यापारी जगत के कल्याण के लिए लगा हुआ है। इस संबंध में शीघ्र ही फैम द्वारा झारखंड के परिवहन मंत्री को ज्ञापन सौंपा जाएगा। सरकारी कंपनियों का निजीकरण देश के लिए घातक : राजेश
जागरण संवाददाता, रांची : सार्वजनिक क्षेत्र के 348 उपक्रम विशेष तौर पर रेलवे, तेल क्षेत्र, बैंक, बीएसएनएल और एलआइसी के निजीकरण पर रोक लगाने को लेकर ओबीसी मोर्चा राज्यव्यापी त्रिस्तरीय आंदोलन कर रहा है। शुक्रवार को प्रदेश कार्यालय हरमू में एक दिवसीय उपवास रखकर 11 सूत्री मांग की गई। प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार गुप्ता ने कहा कि सरकारी संस्थानों का निजीकरण करना देश हित में नहीं है। इससे पूंजीपतियों को बढ़ावा मिलेगा और आम नागरिकों को इनके चंगुल में गुलाम की भांति रहना पड़ेगा। सरकार की आर्थिक स्थिति और भी बदहाल होगी। अधिकांश सरकारी उपक्रम फायदे में रहने के बावजूद भी इसे राष्ट्रहित को दरकिनार कर चंद पूंजीपतियों के हाथों में देकर निजीकरण किया जा रहा है जो लोकतंत्र के लिए घातक है। उपवास में प्रदेश उपाध्यक्ष संजय चौरसिया, सूबेदार एसएन सिंह कुशवाहा, महासचिव मोहम्मद अल्तमस, संगठन सचिव शत्रुघ्न राय, संतोष कुमार शर्मा, प्रिस ठाकुर, नरेश लाल, सियाराम प्रसाद, अंकित कुमार, विशाल ठाकुर, ज्ञानदेव कुमार सहित अन्य थे।