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राजधानी की सड़कों को जर्जर बना रहे ओवरलोडेड मालवाहक वाहन

राजधानी की सड़कों को ओवरलोडेड मालवाहक वाहन बर्बाद कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Sep 2021 07:27 AM (IST)Updated: Sat, 04 Sep 2021 07:27 AM (IST)
राजधानी की सड़कों को जर्जर बना रहे ओवरलोडेड मालवाहक वाहन
राजधानी की सड़कों को जर्जर बना रहे ओवरलोडेड मालवाहक वाहन

मुजतबा हैदर रिजवी, रांची : राजधानी की सड़कों को ओवरलोडेड मालवाहक वाहन बर्बाद कर रहे हैं। राजधानी में एक दिन में अमूमन 1335 मालवाहक वाहन गुजरते हैं। इनमें से अधिकतर ओवरलोडेड होते हैं। ओवरलोडेड वाहनों को पकड़ने की जिम्मेदारी परिवहन विभाग की है। मगर, लगातार चेकिग नहीं हो पाने की वजह से मालवाहक वाहनों के मालिक बेरोकटोक ओवरलोडिग कर रहे हैं। ओवरलोडिग की वजह से राजधानी की सड़कें जर्जर हो रही हैं। उन पर गड्ढे बन जाते हैं और गड्ढे का आकार बढ़ता जा रहा है।

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राजधानी की सड़कें अमूमन आठ टन क्षमता वाले ट्रकों को देख कर बनाई गई हैं। लेकिन इन सड़कों पर चलने वाले वाहनों में छह चक्का से लेकर 10 चक्का और 12 चक्का के ट्रेलर भी होते हैं। मगर, जब मालवाहक वाहनों का चक्का बढ़ कर 10 चक्का हो जाता है तो इसमें एक्सल की संख्या बढ़ जाती है। डबल एक्सल होने से लोड बंट जाता है और सड़क पर आठ टन वजन ही पड़ता है। इसी तरह, चक्का बढ़ने से वाहनों में एक्सल बढ़ा दिया जाता है जिससे सड़क पर लोड आठ टन से अधिक नहीं पड़ता। लेकिन, अगर छह चक्का का वाहन आठ टन की जगह 12 टन वजन लाद लेता है तो इससे सड़क पर कई गुना लोड बढ़ जाता है। इसका सड़क को जर्जर करने का कारक कई गुणा अधिक ताकत के साथ सड़क को नुकसान बनाता है। पथ निर्माण विभाग के एक सेवानिवृत्त अधिकारी गोपाल सिंह बताते हैं कि अगर किसी ट्रक पर चार टन का अतिरिक्त लोड होता है यानि छह चक्का ट्रक में 12 टन का लोड लादा जाता है तो इससे चार गुणे चार गुणे चार गुणे चार के बराबर यानी 256 टन के बराबर सड़क को नुकसान पहुंचाता है। जबकि, राजधानी में इन दिनों हाइवा, डंफर और ट्रेलर भी बड़े पैमाने पर ओवरलोडिग कर रहे हैं। पथ निर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि किसी भी सड़क पर ओवरलोड वाहन लगातार चलते रहें तो सड़क को टूटने से कोई नहीं रोक सकता।

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बाडी में अतिरिक्त पट्टी लगा कर किया जाता है ओवरलोड : राजधानी में बाहर से जो वाहन आते हैं उनमें भी जमकर ओवरलोड होता है। वाहनों में लकड़ी और लोहे की अतिरिक्त पट्टी लगाकर माल लादा जाता है। आठ टन की क्षमता वाले वाहन में तीन से चार टन अतिरिक्त भार लादा जाता है। यही अतिरिक्त भार सड़क के लिए खतरनाक साबित होता है। बालू वाले ट्रकों में भी खूब ओवरलोडिग होती है। स्थानीय स्तर पर चलने वाले मालवाहक वाहनों में भी खूब ओवरलोडिग की जाती है। ये ओवरलोडेड वाहन सड़़क को काफी नुकसान पहुंचाते हैं।

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हर छह महीने में होनी चाहिए सड़क की मरम्मत : पथ निर्माण विभाग के एक रिटायर्ड अधिकारी बताते हैं कि सड़कों की हर छह महीने में मरम्मत करानी चाहिए। ताकि, इन पर मौजूद गड्ढे भर दिए जाएं। जहां सड़क टूट रही है उसे ठीक कर दिया जाए। अगर, ऐसा नहीं होता तभी सड़क टूटना शुरू हो जाती है और कुछ दिनों में जर्जर हो जाती है ------

दफ्तर के लोड के चलते चेकिग होती है प्रभावित : पहले ओवर लोडिग को रोकने के लिए परिवहन विभाग में अलग से अधिकारियों की तैनाती थी। इन अधिकारियों की जिम्मेदारी मालवाहक वाहनों जैसे ट्रक, हाईवा, डंपर आदि को पकड़कर इसकी ओवरलोडिग चेक करने की थी। ओवरलोडेड वाहनों से जुर्माना वसूला जाता था। लेकिन अब यह जिम्मेदारी डीटीओ (जिला परिवहन अधिकारी) और एमवीआई (मोटर व्हेकिल इंस्पेक्टर) को दी गई है। ये दोनों अधिकारी अपने ऑफिस का भी काम देखते हैं। इसके अलावा सड़क पर उतर कर चेकिग अभियान भी चलाते हैं। इस वजह से राजधानी में ज्यादा कार्रवाई नहीं हो पाती। इसके चलते मालवाहक वाहन के स्वामी धड़ल्ले से खुलेआम ओवरलोडिग करते हैं। रांची में उप परिवहन आयुक्त भी कभी-कभी सड़क पर उतरकर ओवरलोड वाहनों की चेकिग करते हैं। चेकिग की स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जुलाई माह में पांच ओवरलोडेड वाहन पकड़े गए हैं और उनसे एक लाख 70 हजार रुपये का जुर्माना वसूला गया है। इसी तरह, अगस्त माह में आठ ओवरलोड वाहन पकड़ कर विभाग ने दो लाख 40 हजार रुपये का जुर्माना किया है।

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पथ निर्माण विभाग भी करता है चेकिग : पथ निर्माण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि रांची में तैनाती के दौरान एक बार उन्होंने बूटी मोड़ से बरियातू की तरफ जाने वाली सड़क पर ओवरलोडिग चेक करने का मन बनाया। अधिकारी पुलिस को लेकर रात को इस सड़क पर तैनात हो गए। मगर, पता नहीं कैसे ट्रक वालों को पता चल गया कि इधर चेकिग के लिए अधिकारी आए हैं। इसके बाद, अधिकारी रात को चार घंटा रोड पर खड़े रहे एक भी ट्रक या ट्रेलर नहीं दिखा।

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कोट

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मालवाहक वाहन के स्वामियों को चाहिए कि वो ओवरलोड नहीं करें। इससे सड़क टूटती हैं तो सरकार को राजस्व का नुकसान होता है। अगर, ओवरलोड नहीं होगा तो सड़क जल्द जर्जर नहीं होगी।

गोपाल सिंह, सेवानिवृत्त अधिकारी पथ निर्माण विभाग

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ओवरलोड वाहन सड़कों को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। परिवहन विभाग को चाहिए कि वो ओवरलोडिग पर लगाम लगाए। इससे सड़कों की आयु बढ़ेगी।

नर्मदेश्वर सहाय, पूर्व कार्यपालक अभियंता पथ निर्माण विभाग

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परिवहन विभाग लगातार ओवरलोडेड वाहनों को पकड़ने के लिए अभियान चलाता है। अब अभियान में तेजी लाई जाएगी। ताकि, सड़कों को बचाया जा सके।

प्रवीण कुमार प्रकाश, जिला परिवहन अधिकारी। 2 टन ओवरलोड से 16 टन का अतिरक्त भार झेलती है सड़क

7226 मालवाहक वाहन हैं राजधानी में

3471 हाईवा है राजधानी में

17 ट्रेलर है राजधानी में

3748 छह चक्के वाले ट्रक हैं

1335 मालवाहक वाहनों का रोज आवागमन होता है राजधानी में

17 टन माल लग सकता है 10 चक्के वाला हाईवा में

20 टन माल लग सकता है 12 चक्के वाला हाईवे

8 टन माल लग सकता है 6 चक्के वाला ट्रक

5 ओवरलोडेड मालवाहक ट्रक पकड़े गए हैं जुलाई में

170000 रुपये का जुर्माना वसूला गया है ओवरलोडेड वाहनों से

8 मालवाहक ओवरलोडेड वाहन पकड़े गए हैं अगस्त में

2 लाख 65000 का जुर्माना वसूला गया है इन वाहनों से अगस्त में

8 टन सहने की क्षमता होती है सड़क की


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