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Weekly News Roundup Ranchi: लालटेन की बुझती लौ को हवा दे गए तेजस्वी, जानें इस हफ्ते RJD ने क्‍या किया

Weekly News Roundup Ranchi जनाक्रोश रैली में पहुंचे राजद समर्थकों को उन्होंने राजद की नीतियों और सिद्धांतों के अलावा लालू के चेहरे के साथ अंतिम व्यक्ति तक का दरवाजा खटखटाने का संदेश दिया।

By Alok ShahiEdited By: Published: Tue, 22 Oct 2019 07:45 AM (IST)Updated: Tue, 22 Oct 2019 07:45 AM (IST)
Weekly News Roundup Ranchi: लालटेन की बुझती लौ को हवा दे गए तेजस्वी, जानें इस हफ्ते RJD ने क्‍या किया
Weekly News Roundup Ranchi: लालटेन की बुझती लौ को हवा दे गए तेजस्वी, जानें इस हफ्ते RJD ने क्‍या किया

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड में नए सिरे से जमीन की तलाश में जुटे प्रदेश राजद के पदधारियों में बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव रविवार को जोश भर गए। जनाक्रोश रैली में शिरकत करने राज्य के विभिन्न हिस्सों से पहुंचे

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राजद समर्थकों को उन्होंने राजद की नीतियों और सिद्धांतों के अलावा लालू के चेहरे के साथ अंतिम व्यक्ति तक का दरवाजा खटखटाने का संदेश दिया।

मौके पर उन्होंने भाजपा की कमियां गिनाई और आसन्न विधानसभा चुनाव में इसे हथियार बनाने का संकेत दिया। अब राजद और उसके सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के नाम के सहारे चुनावी वैतरणी पार करने की राजद की कवायद का क्या अंजाम होगा, यह भविष्य के गर्भ में है। अलबत्ता यह माना जा रहा है कि चुनाव का परिणाम कुछ भी हो, परंतु झारखंड में लालटेन की बुझती लौ कुछ हदतक ही सही तेज होगी।

बताते चलें कि अविभाजित बिहार में झारखंड से राजद के नौ विधायक हुआ करते थे। 2005 के चुनाव में यह संख्या घटकर सात और 2009 में पांच रह गई। और तो और 2014 में उसका सुपड़ा ही साफ हो गया। यह स्थिति तब हुई थी, जब झामुमो नीत हेमंत सोरेन की सरकार में राजद के कोटे से दो-दो मंत्री हुआ करते थे। महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की मंत्री जहां अन्नपूर्णा देवी थी, वहीं सुरेश पासवान राज्य के नगर विकास मंत्री हुआ करते थे।

बाद में अन्नपूर्णा देवी को प्रदेश राजद कमान सौंपी गई, परंतु उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि झारखंड में राजद के गिरते जनाधार की एक बड़ी वजह पार्टी का आपसी द्वंद्व रहा। जब गौतम सागर राणा प्रदेश अध्यक्ष हुआ करते थे, युवा राजद पर उनका पोस्टर फाडऩे का आरोप लगा। एक-दूसरे के विरुद्ध बयानबाजी भी परवान चढ़ा।

विगत लोकसभा चुनाव में महागठबंधन में रहकर भी राजद ने गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया। अब राजद विधानसभा चुनाव में ऐसी गलती न दोहराए, तेजस्वी भी जनाक्रोश रैली के मंच साफ-साफ संदेश दे गए। बहरहाल प्रदेश राजद की कमान अब अभय कुमार सिंह ने थाम रखी है। अब उनके नेतृत्व में राजद झारखंड में क्या कुछ कर पाएगा, इंतजार करना होगा।


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