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Jharkhand: RIMS निदेशक रहेंगे गेस्‍ट हाउस में और कैदी निदेशक बंगले में, पढ़ें यह खास खबर

Jharkhand News रिम्स के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब निदेशक गेस्ट हाउस में रहेंगे और उनके आवास में एक उच्च स्तरीय कैदी है। सूत्रों ने बताया कि निदेशक के आने की सूचना से पूर्व गेस्ट हाउस की पूरी मरम्मत और साफ सफाई कराई गई है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sun, 15 Nov 2020 08:06 AM (IST)Updated: Sun, 15 Nov 2020 03:05 PM (IST)
Jharkhand: RIMS निदेशक रहेंगे गेस्‍ट हाउस में और कैदी निदेशक बंगले में, पढ़ें यह खास खबर
रिम्‍स के नए निदेशक डॉक्‍टर कामेश्‍वर प्रसाद।

रांची, जासं। झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्‍पताल राजेन्द्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (रिम्स) के निदेशक गेस्‍ट हाउस में रहेंगे जबकि कैदी लालू प्रसाद रिम्‍स निदेशक के बंगले में। यह हो रहा है क्‍योंकि लालू प्रसाद कैली बंगले में रह रहे हैं और रिम्‍स निदेशक के लिए रहने की जगह नहीं है। इसलिए उनका गेस्‍ट हाउस में ठहरने का इंतजाम किया गया है। इधर, नए स्थायी निदेशक पद्मश्री डॉ कामेश्वर प्रसाद ने आज रिम्‍स निदेशक का प्रभार ग्रहण कर लिया है।

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वे आज दोपहर दो बजे फ्लाइट से रांची पहुंचे और सीधा रिम्‍स पहुंचे। आज झारखंड स्थापना दिवस के मौके पर उन्‍होंने पदभार ग्रहण किया। डॉ मंजू गाड़ी ने उन्हें पदभार दिया। मौके पर फूल माला देकर उनका स्वागत किया गया। इस दौरान अधीक्षक डॉ विवेक कश्यप भी मौजूद रहे। इसके बाद वे रिम्स के गेस्ट हाउस जाएंगे। निदेशक आवास में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद रह रहे हैं। इस वजह से फिलहाल कुछ दिनों तक वे गेस्ट हाउस में ही रहेंगे।

प्रभार ग्रहण करते डाॅक्‍टर कामेश्‍वर प्रसाद।

रिम्स के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा कि स्थायी निदेशक के होते हुए वे खुद के सरकारी आवास में नहीं रह सकेंगे। उनका आवास एक उच्च स्तरीय कैदी को दिया गया है, जबकि उनके रहने की व्यवस्था रिम्स गेस्ट हाउस में की गई है। सूत्रों ने बताया कि निदेशक के आने की सूचना से पूर्व गेस्ट हाउस की पूरी मरम्मत और साफ-सफाई कराई गई है।

वहां सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी भी लगाई गई है ताकि नए निदेशक को कोई परेशानी ना रहे। बताते चलें कि पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित डॉ कामेश्वर प्रसाद लंबे समय तक एम्स नई दिल्ली में न्यूरोलॉजी विभाग के एचओडी के पद पर बने रहे। रिम्स में निदेशक पद पर नियुक्ति के बाद उन्हें एम्स से रिलीविंग लेटर नहीं मिल सका था। इस वजह से उन्होंने नियुक्ति के एक महीने बाद रिम्स ज्वाइन करने की बात कही थी। अब रिम्स में योगदान देने के बाद यहां उनके लिए काफी चुनौतियां होंगी।

बता दें कि लालू प्रसाद चारा घोटाला मामले में बिरसा मुंडा जेल के कैदी हैं। वे अपनी गंभीर बीमारियों का इलाज रिम्‍स में करा रहे हैं। वे रिम्‍स के पेईंग वार्ड में रह रहे थे। कोरोना वायरस का संक्रमण को देखते हुए उन्‍हें रिम्‍स निदेशक के बंगले में शिफ्ट किया गया था। उन्‍हें बिहार चुनाव की घोषणा से पूर्व ही रिम्‍स निदेशक के बंगले कैली बंगले में शिफ्ट किया गया था। चूंकि उस दौरान रिम्‍स निदेशक के पद पर कोई भी नियुक्‍त नहीं था।

हालांकि यह चिंता उस समय भी व्‍य‍क्‍त की गई थी कि रिम्‍स निदेशक के प्रभार ग्रहण करने पर वे कहां रहेंगे। अब चूंकि रिम्‍स निदेशक के चयन के बाद वे प्रभार लेने आ रहे हैं तो उन्‍हें गेस्‍ट हाउस में रखा जा रहा है। आगे यह सवाल बना हुआ है कि रिम्‍स निदेशक गेस्‍ट हाउस में कब तक रहेंगे या लालू प्रसाद रिम्‍स निदेशक के बंगले में कब तक रहेंगे।


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