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आखिर काम आया स्वास्थ्य मंत्री का दबाव, हटाए गए रिम्स निदेशक

स्थायी निदेशक की नियुक्ति नहीं कोरोना काल में प्रभार में चलेगा रिम्स

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Jun 2020 01:42 AM (IST)Updated: Thu, 25 Jun 2020 01:42 AM (IST)
आखिर काम आया स्वास्थ्य मंत्री का दबाव, हटाए गए रिम्स निदेशक
आखिर काम आया स्वास्थ्य मंत्री का दबाव, हटाए गए रिम्स निदेशक

राज्य ब्यूरो, रांची : राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के निदेशक डॉ. डीके सिंह को विरमित करने को लेकर आखिर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का दबाव काम आ गया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनके विरमित करने पर अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी। अब एक बार फिर रिम्स प्रभार में चलेगा। वह भी कोरोना के वर्तमान संकट में, जबकि पिछली बार राज्य सरकार ने कोरोना को देखते हुए ही डीके सिंह को उनके पद पर बने रहने का अनुरोध केंद्र से किया था, जिसपर मंजूरी भी मिल गई थी।

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डॉ. डीके सिंह निदेशक के पद पर अभी बने रहना चाहते थे, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री शुरू से ही उन्हें हटाकर अपनी पसंद के व्यक्ति को रिम्स निदेशक का प्रभार दिलाना चाहते थे। यही कारण है एम्स, भटिंडा में कार्यकारी निदेशक के पद पर नियुक्ति के बाद जब डॉ. डीके सिंह ने रिम्स निदेशक के पद छोड़ने का नोटिस मात्र भेजा तो मंत्री ने उनके विरमित करने की अनुशंसा कर दी। उस समय मुख्यमंत्री ने उनकी अनुशंसा को नहीं माना तथा उनके निर्देश पर केंद्र सरकार ने उनके पद पर बने रहने का अनुरोध किया। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने पिछले दिनों जब निदेशक पद पर स्थायी नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी करने का प्रस्ताव मंत्री की स्वीकृति के लिए भेजा तो उन्होंने एक बार फिर रिम्स निदेशक को विरमित करने की अनुशंसा मुख्यमंत्री को भेज दी। इस बीच मंत्री और निदेशक के बीच विवाद बढ़ता गया। निदेशक के नहीं हटने पर मंत्री ने रिम्स में टेंडर से लेकर नियुक्ति, प्रोन्नति तक पर रोक लगा दी।

चर्चा है कि मुख्यमंत्री ने इस विवाद के कारण सरकार की बदनामी को देखते हुए इस बार डॉ. सिंह के विरमित करने की अनुशंसा पर अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी। मंत्री भी मुख्यमंत्री पर उन्हें विरमित करने का दबाव डाल रहे थे। इधर, स्वास्थ्य विभाग को स्थायी निदेशक नियुक्ति के लिए तीन माह का समय मिलने के बाद भी अभी तक नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है। यदि अभी प्रक्रिया शुरू भी होती है तो नियुक्ति होने तक दो से तीन माह लग सकते हैं।

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निदेशक पद पर बने रहना चाहते थे डॉ. डीके सिंह

एम्स भठिंडा में कार्यकारी निदेशक के पद पर चयन होने के बाद भी डॉ. डीके सिंह राज्य में कोरोना की स्थिति को देखते हुए रिम्स में बने रहना चाहते थे। उन्होंने पिछले दिनों विभागीय मंत्री को लिखे अपने जवाब में यह भी कहा था कि केंद्र ने उनके रिम्स में बने रहने की स्वीकृति दे दी है। यदि वहां से लिखित आदेश आता है तो वे अपना इस्तीफा वापस भी ले सकते हैं।

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डॉ. मंजू गाड़ी को मिल सकता है रिम्स निदेशक का प्रभार

मुख्यमंत्री द्वारा डा. डीके सिंह के विरमित करने के आदेश के बाद रिम्स की डीन डा. मंजू गाड़ी को निदेशक का प्रभार मिल सकता है। हालांकि मुख्यमंत्री ने इसका कोई उल्लेख नहीं किया है कि प्रभार किसे दिया जाए। रिम्स नियमावली में निदेशक की स्थायी नियुक्ति नहीं होने तक सबसे सीनियर प्रोफेसर को इस पद का प्रभार देने का प्रावधान है। वर्तमान में डा. गाड़ी सबसे वरीय हैं, इसलिए उन्हें प्रभार दिया जा सकता है। हालांकि विभागीय मंत्री रिम्स अधीक्षक विवेक कश्यप को प्रभार दिलाना चाहते हैं। बता दें कि इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने डा. विवेक कश्यप को प्रभार देन की अनुशंसा की थी। -----------------

सीएम की स्वीकृति के बाद मंत्री को भेजी गई फाइल

मुख्यमंत्री ने डॉ. डीके सिंह के विरमित करने के साथ ही निदेशक पद पर स्थायी नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी करने की भी स्वीकृति प्रदान की है। मुख्यमंत्री सचिवालय से संबंधित फाइल लौटने के बाद उसे विभागीय मंत्री के पास भेज दिया गया। मंत्री के यहां से फाइल लौटने के बाद डा. सिंह को विरमित करने का आदेश जारी हो सकता है।

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