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अपना सर्वर-अपना पासवर्ड, राजस्व विभाग के कार्यालयों में रजिस्ट्री शुरू

आउटसोर्सिंग एजेंसी का करार खत्‍म होने के बाद जमीन की रजिस्‍ट्री पर जारी ऊहापोह अब खत्म हो गई है। नए मॉडल से पूरे राज्य में हुई 559 रजिस्ट्री हुई।

By Alok ShahiEdited By: Published: Thu, 01 Nov 2018 04:44 PM (IST)Updated: Thu, 01 Nov 2018 04:44 PM (IST)
अपना सर्वर-अपना पासवर्ड, राजस्व विभाग के कार्यालयों में रजिस्ट्री शुरू
अपना सर्वर-अपना पासवर्ड, राजस्व विभाग के कार्यालयों में रजिस्ट्री शुरू

रांची, राज्य ब्यूरो। जमीन और फ्लैट की रजिस्ट्री में तकनीकी एक्सपर्ट की भूमिका निभाने वाली कंपनी आइटी सोल्यूशन के साथ करार खत्म होने के बाद मंगलवार को उत्पन्न ऊहापोह बुधवार को समाप्त हो गई। बुधवार को पूरे राज्य में 559 डीड की रजिस्ट्री हुई। राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग ने अपना पासवर्ड जेनरेट कर रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

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रजिस्ट्री के लिए सक्षम मानव संसाधन की व्यवस्था एसबीसी कंपनी के जरिए करने की तैयारी में विभाग है। बताते चलें कि सीबीसी पिछले दो वर्षों से आंकड़ा संग्रहित करने समेत अन्य तकनीकी कार्यों के लिए विभाग को मानव संसाधन मुहैया करा रही है।

विभाग के स्तर से जारी रिपोर्ट के अनुसार बुधवार को बरही में 31, बोकारो में छह, चांडिल में 19, चतरा में नौ, धनबाद में 39, डुमरी में एक, गिरिडीह में 31 तथा गोड्डा में दो रजिस्ट्री हुई। इसी तरह गोविंदपुर में 38, गुमला में पांच, हजारीबाग में 28, हुसैनाबाद में 12, जमुआ में 18, खूंटी में सात, लातेहार में 11, लोहरदगा, नगरऊंटारी और राजधनवार में नौ-नौ, पाकुड़ में 37, पलामू में 40 रामगढ़ में पांच, रांची में 75, रांची ग्रामीण में 70, रांची दो में 19, साहिबगंज में एक, सरायकेला में 15 और तेनुघाट में 13 रजिस्ट्री हुई।

आज से बढ़ा ग्रामीण क्षेत्रों की जमीन का सर्किल रेट : गुरुवार से  ग्रामीण क्षेत्रों की जमीन का सर्किल रेट बढ़ जाएगा। बढ़ी हुई दर पर ही जमीन और फ्लैट की रजिस्ट्री होगी। इससे इतर शहरी क्षेत्र की भूमि की सरकारी दर में अगले साल अगस्त से इजाफा होगा। चाहे शहर हो अथवा गांव, प्रत्येक दो वर्षों पर सर्किल रेट में बढ़ोतरी का फैसला कैबिनेट ने लिया था।

चूंकि पिछले साल शहरी क्षेत्र की भूमि की कीमत में इजाफा हुआ था, लिहाजा इस वर्ष इसकी कीमत नहीं बढ़ेगी। राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग ने उपायुक्तों को इसी के अनुरूप कार्रवाई करने को कहा है। बताते चलें कि ग्रामीण क्षेत्रों में अबतक प्रत्येक दो साल पर तथा शहरी क्षेत्रों में हर साल नए सिरे से जमीन की कीमत का निर्धारण होता था। आदेशानुसार जमीन की कीमत के निर्धारण में एकरूपता को केंद्र में रखकर वर्तमान दर में अधिकतम 10 फीसद से अधिक की बढ़ोतरी नहीं होगी।


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