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झारखंड में निजी कंपनियों में 30 हजार तक वेतन वाले पद स्थानीय लोगों के लिए होंगे आरक्षित

Reservation in Private Sector Job in Jharkhand झारखंड कैबिनेट से प्रस्ताव की स्वीकृति के बाद राज्य सरकार विधानसभा में बिल पेश करेगी। 75 फीसद पद स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित करने की घोषणा पहले ही हो चुकी है। दूसरे राज्‍यों के फार्मूले पर विचार हो रहा है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 11 Mar 2021 08:18 PM (IST)Updated: Thu, 11 Mar 2021 08:20 PM (IST)
झारखंड में निजी कंपनियों में 30 हजार तक वेतन वाले पद स्थानीय लोगों के लिए होंगे आरक्षित
Reservation in Private Sector Job in Jharkhand दूसरे राज्‍यों के फार्मूले पर विचार हो रहा है।

रांची, राज्य ब्यूरो। Reservation in Private Sector Job in Jharkhand झारखंड सरकार प्रदेश में खुलने वाली निजी कंपनियों में 75 फीसद आरक्षण स्थानीय लोगों के लिए सुनिश्चित करवाना चाहती है और इसके लिए विधानसभा में बिल लेकर आने की योजना है। बिल पास होने के बाद यह कानून का रूप लेगा, लेकिन इससे पूर्व कैबिनेट की अनुमति आवश्यक होगी। इसी उद्देश्य से श्रम विभाग ने कैबिनेट के लिए प्रस्ताव तैयार किया है। सूत्रों के अनुसार तैयार प्रस्ताव में 30 हजार रुपये तक की तमाम नौकरियों में स्थानीय लोगों के लिए 75 फीसद आरक्षण का प्रविधान होगा। जो कंपनियां इसकी अवहेलना करेंगी, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का भी प्रविधान किया गया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि निजी कंपनियों में लेखा कार्य से जुड़े कर्मी और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी स्थानीय होंगे। प्रस्ताव पर विधि विभाग, कार्मिक विभाग और वित्त विभाग की अनुशंसा अभी प्राप्त किया जाना है।

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आंध्रप्रदेश के फार्मूले पर विचार

प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण को लेकर आंध्र प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान आदि राज्यों में कानून बनाया गया है। राज्य सरकार आंध्र प्रदेश के फॉर्मूले पर काम कर सकती है। आंध्र प्रदेश में उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप स्थानीय युवाओं के प्रशिक्षण का भी प्रविधान किया गया है और यही प्रविधान यहां भी करने पर विचार किया जा सकता है। ऐसे भी आंध्र प्रदेश देश का पहला राज्य है, जहां स्थानीय लोगों को प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण देने का नियम बना है।

हरियाणा में 50 हजार रुपये तक वाले पद हैं आरक्षित

स्थानीय लोगों के लिए हरियाणा में 50 हजार रुपये तक के वेतन वाले सभी पद आरक्षित हैं। हाल ही में इस संदर्भ में पास हुए कानून में सभी कंपनियों के लिए ऐसे पदों की संख्या सार्वजनिक करने की बात को अनिवार्य किया गया है। अलबत्ता किसी पद के लिए प्रशिक्षित कामगार नहीं मिलने पर आउटसोर्सिंग की छूट की कंपनी के संचालकों को दी गई है। हरियाणा में यह कानून दस वर्षों के लिए लागू किया गया है।

मुख्यमंत्री प्रोत्साहन भत्ता के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट में होगा विचार

तकनीकी शिक्षा प्राप्त बेरोजगार युवाओं को प्रतिमाह पांच हजार रुपये प्रोत्साहन भत्ता देने के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट में विचार हो सकता है। मुख्यमंत्री ने पूर्व में ही इसकी घोषणा की थी और अब इस योजना को धरातल पर उतारने की कोशिशें तेजी से चल रही हैं। संभावना है कि शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा हो।


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