Sarkari Naukri: आचार संहिता न ले डूबे युवाओं की नौकरी, बहाली लटकने का सता रहा भय
राज्य में बड़ी संख्या में प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करनेवाले युवाओं को विधानसभा चुनाव को लेकर लागू होनेवाली आदर्श चुनाव आचार संहिता का डर सता रहा है।
रांची, राज्य ब्ूयरो। राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में बड़ी संख्या में रिक्त पदों पर नियुक्ति होनी है। अधिसंख्य नियुक्ति पाइपलाइन में है। वहीं प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं को यह भय सता रहा है कि विधानसभा चुनाव को लेकर लागू होनेवाली आदर्श चुनाव आचार संहिता में ये बहालियां फंस न जाए। अक्टूबर के पहले सप्ताह में आचारसंहिता लागू हो सकती है।
लोकसभा चुनाव के दौरान भी आचारसंहिता लागू होने से विभिन्न विभागों में नियुक्ति लगभग रुक गई थीं। राज्य में सबसे अधिक नियुक्ति स्वास्थ्य विभाग में होनी है। पारा मेडिकल कर्मियों की ही बात करें तो लैब तकनीशियन तथा फार्मासिस्ट पदों पर नियुक्ति की अनुशंसा झारखंड कर्मचारी चयन आयोग को भेजी जानी है। इसी तरह, जीएनएम पद के रोस्टर क्लीयरेंस की प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हो पाई है।
एक्सरे तकनीशियन के भी कई पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया लंबित है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता तथा उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग में भी बड़ी संख्या में विभिन्न पदों पर नियुक्ति होनी है। राज्य के डिग्री कॉलेजों में शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक संवर्ग के विभिन्न पद सृजित किए गए हैं। राज्य में स्थापित किए गए नए कृषि कॉलेजों में भी बड़ी संख्या में पद सृजित किए गए हैं। इन सभी पदों पर नियुक्ति होनी है।
चार साल से टेट का इंतजार
शिक्षक बनने का सपना पाले हजारों अभ्यर्थियों को अगली शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) का इंतजार है। राज्य में यह परीक्षा पिछली बार 2015 में हुई थी। इसके बाद यह परीक्षा हुई ही नहीं, जबकि यह परीक्षा प्रत्येक वर्ष होनी थी। राज्य सरकार इसके लिए नियमावली गठित कर रही है। नियमावली गठित होने के बाद ही यह परीक्षा हो सकेगी। आचार संहिता लागू हो जाने से यह परीक्षा भी कम से कम दो माह के लिए लटक जाएगी। टेट होने के बाद ही प्राथमिक शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी।
700 पदों पर होनी है आयुष चिकित्सकों की नियुक्ति
स्वास्थ्य विभाग में आयुष चिकित्सा पदाधिकारियों के लगभग 700 पदों पर नियुक्ति होनी है। राज्य सरकार ने पिछले वर्ष ही नियुक्ति नियमावली गठित कर ली है। लेकिन रोस्टर क्लीयरेंस की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। बताया जाता है कि रोस्टर क्लीयरेंस हो गया था, लेकिन कमजोर वर्गों के आरक्षण के आदेश के बाद इसमें संशोधन करना पड़ रहा है। इसमें शीघ्र संशोधन नहीं होने तथा नियुक्ति की अनुशंसा झारखंड लोक सेवा आयोग को नहीं भेजे जाने से यह नियुक्ति आचार संहिता में फंस सकती है।
अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप