रिम्स में एम्स की तर्ज पर होगा रिसर्च
रांची राज्य के सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान में ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइसेंज (एम्स) की तर्ज पर रिसर्च होगा। इसके लिए पहली बार रिसर्च ग्रांट का प्रविधान किया जा रहा है।
रांची : राज्य के सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान में ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइसेंज (एम्स) की तर्ज पर रिसर्च होगा। इसके लिए पहली बार रिसर्च ग्रांट का प्रविधान किया जा रहा है। राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के अगले वित्तीय वर्ष के बजट में इसके लिए दो करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता वाली वित्त एवं लेखा समिति ने रिम्स के इस प्रस्ताव पर अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है।
स्वीकृत प्रस्ताव के अनुसार, रिम्स में एम्स, नई दिल्ली की तर्ज पर शोध को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए दो करोड़ रुपये के रिसर्च ग्रांट का प्रविधान होगा। हालांकि, नई दिल्ली के एम्स में प्रत्येक वर्ष रिसर्च ग्रांट के लिए पांच करोड़ रुपये का प्रविधान किया जाता है। रिम्स के चिकित्सकों के अनुसार, रिम्स के रेगुलेशन में यह प्रविधान किया गया है कि संस्थान चिकित्सा विज्ञान तथा संबद्ध विषयों के क्षेत्र में शैक्षणिक व शोध गतिविधियों को बढ़ावा देगा, लेकिन इसे कभी लागू नहीं किया गया। वर्ष 2014 में रेगुलेशन में संशोधन कर यह प्रविधान किया गया था कि शोध को लेकर एम्स के प्रविधान को पूरी तरह रिम्स में भी लागू किया जाएगा। रिसर्च के लिए बजट के प्रविधान अलग से नहीं होने से इसपर कार्य नहीं हो सका। अब रिसर्च ग्रांट के प्रविधान होने से यहां शोध हो सकेगा, जिससे रिम्स की छवि सुधरेगी तथा अच्छे छात्र व शिक्षक यहां सेवा देने के लिए प्रोत्साहित होंगे। जो चिकित्सक यहां काम कर रहे हैं, उनका भी मनोबल और आत्मविश्वास बढ़ेगा। शोध कार्यों से राज्य में चिकित्सा क्षेत्र का भी विस्तार होगा।
---------------------
अगले साल 259 करोड़ होगा रिम्स का बजट :
रिम्स का अगले साल का बजट 259 करोड़ रुपये का होगा। इनमें से 150 करोड़ भवन निर्माण, मशीन उपकरण खरीद पर खर्च होंगे। शेष राशि चिकित्सकों एवं कर्मियों के वेतन पर खर्च होंगे। रिम्स सूत्रों के अनुसार, वित्त एवं लेखा समिति ने इसपर भी अपनी स्वीकृति दे दी है। कुल बजट में से 65.50 करोड़ रुपये रिम्स के पास पिछले दो वर्षों के शेष बचे हैं। शेष 193.61 करोड़ रुपये की मांग राज्य सरकार से की गई है।
---------------