सात साल बाद नौकरी में फिर बहाल होंगे 24 कंपनी कमांडर और 15 सार्जेट
रांची बर्खास्तगी के सात साल के बाद 24 कंपनी कमांडर और 15 सार्जेट फिर बहाल होंगे। झारखंड हाई कोर्ट में सरकार के खिलाफ इन्हें जीत मिली जिसके बाद पुलिस मुख्यालय ने भी हाई कोर्ट के फैसले के आलोक में संबंधित जिला व इकाई को इन्हें बहाल करने संबंधित आदेश जारी कर दिया है।
रांची : बर्खास्तगी के सात साल के बाद 24 कंपनी कमांडर और 15 सार्जेट फिर बहाल होंगे। झारखंड हाई कोर्ट में सरकार के खिलाफ इन्हें जीत मिली, जिसके बाद पुलिस मुख्यालय ने भी हाई कोर्ट के फैसले के आलोक में संबंधित जिला व इकाई को इन्हें बहाल करने संबंधित आदेश जारी कर दिया है। इन्हें नियम विरुद्ध बहाली का आरोप लगाकर वर्ष 2013 में बर्खास्त कर दिया गया था।
बिहार से अलग होकर झारखंड राज्य बनने के बाद पहली बार विज्ञापन संख्या 01/2008 के अंतर्गत दारोगा, कंपनी कमांडर व सार्जेंट के पद पर बहाली हुई थी। कुल 384 अभ्यर्थियों की बहाली हुई थी। इनमें कुल 24 कंपनी कमांडर व 15 सार्जेंट की नियुक्ति को नियम विरुद्ध बताया गया था। बताया गया था कि जिनका प्राप्तांक अधिक था, वे प्राथमिकता के आधार पर मेधा सूची में नीचे आ गए थे। सभी चयनित अभ्यर्थियों ने प्रशिक्षण पूरा किया और नौकरी में बहाल भी हो गए। इसके बाद विवाद सामने आने पर सरकार ने उनकी सेवा समाप्त कर दी थी। सरकार के इस फैसले को सफल अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने उनके तर्क को सही पाया, जिसके बाद सरकार को आदेश दिया गया कि इन्हें नौकरी पर बहाल करें। हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में गृह विभाग ने पुलिस मुख्यालय को इससे संबंधित आदेश दिया, जिसके बाद सशर्त सभी 24 कंपनी कमांडर व 15 सार्जेंट बहाल किए जाएंगे।
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शर्तों के अधीन नियुक्त किए जाएंगे सभी अभ्यर्थी :
- नियुक्त कंपनी कमांडर का पदस्थापन गृह रक्षा वाहिनी मुख्यालय में किया जाएगा, ताकि पहले से वहां मौजूद दस्तावेजों से उनका सत्यापन किया जा सके।
- नियुक्त कंपनी कमांडर को आर्थिक लाभ योगदान की तिथि से देय होगा तथा इनकी वरीयता पूर्व में नियुक्त कर्मियों से नीचे से तय होगी।
- उनका अद्यतन आचरण प्रमाण पत्र भी गृह रक्षा वाहिनी मुख्यालय प्राप्त करेंगे।
- उक्त कोटि में उपलब्ध रिक्ति-समकक्ष रिक्ति में उपलब्ध रिक्त पद के विरुद्ध ये समंजित होंगे।
- सभी 15 सार्जेंट का पदस्थापन पूर्व से हटाए गए आदेश में अंकित जिला इकाई में ही होगा, ताकि उनके दस्तावेज से उनका सत्यापन हो सके।
- इन्हें भी आर्थिक लाभ योगदान की तिथि से मिलेगा। इनकी वरीयता भी पूर्व से नियुक्त कर्मियों के नीचे से निर्धारित होगी।
- सभी सार्जेट का अद्यतन आचरण प्रमाण पत्र संबंधित जिला इकाई प्राप्त करेंगे।
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