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Dussehra 2021: दशहरा पर रांची में इस बार भी नहीं होगा रावण दहन

Ravan Dahan Jharkhand Durga Puja News कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी है। पंजाबी-हिंदू बिरादरी के अरुण चावला ने बताया कि दशहरे के दिन पंजाबी ढोल-नगाड़ों के साथ पहला रावण दहन किया गया था।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 14 Oct 2021 07:50 AM (IST)Updated: Thu, 14 Oct 2021 07:54 AM (IST)
Dussehra 2021: दशहरा पर रांची में इस बार भी नहीं होगा रावण दहन
Ravan Dahan, Jharkhand Durga Puja News कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी है।

रांची, जासं। पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी रांची में रावण दहन का आयोजन नहीं किया जाएगा। रांची के मोरहाबादी मैदान, धुर्वा के एचईसी, टाटीसिल्वे के ईईएफ ग्राउंड में हर साल रावण, मेघनाद व कुंभकर्ण के पुतले का दहन किया जाता था। लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण के कारण बीते दो वर्षों से इसका आयोजन नहीं किया जा रहा है। शहर में सबसे बड़ा रावण दहन का आयोजन मोरहाबादी मैदान में किया जाता था। पंजाबी-हिंदू बिरादरी द्वारा बड़े पैमाने पर यह होता था। दूर-दराज से लोग इस भव्य कार्यक्रम को देखने के लिए आया करते थे।

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कैसे रांची में रावण दहन की शुरुआत हुई थी, इस पर पंजाबी-हिंदू बिरादरी के प्रवक्ता अरुण चावला कहते हैं कि उनकी बिरादरी द्वारा 1946 से रावण, मेघनाद व कुंभकर्ण के पुतले का दहन किया जा रहा है। दशहरे के दिन पंजाबी ढोल-नगाड़ों के साथ पहला रावण दहन किया गया था। इसमें करीब 400 लोग उपस्थित थे। हर साल रावण के पुतलों की बढ़ती लंबाई व लोगों की  भीड़ के कारण 1960 से रावण दहन का कार्यक्रम मोरहाबादी में होने लगा। रावण दहन के लंबे इतिहास में पंजाबियों के अलावा मारवाड़ी समाज व अन्य समाज भी इस आयोजन के चेयरमैन बने।

रावण का मुखौटा गधे का हुआ करता था

समाजसेवी संदीप नागपाल बताते हैं कि पहले रांची सहित पंजाब के तमाम शहरों में रावण का मुखौटा गधे का होता था। लेकिन 1953 के बाद रावण के पुतले का मुख्य मुखौटा मानव मुख का बनने लगा। वर्ष 1949 तक रावण के पुतले का निर्माण मेन रोड स्थित डिग्री कालेज के बरामदे में हुआ करता था। संदीप के पिता दिवंगत अशोक नागपाल रावण दहन के आयोजन में बढ़-चढ़ कर भाग लेते थे।

सरकार के फैसले का करते हैं समर्थन

अरुण चावला ने बताया कि हम सरकार द्वारा दशहरे को लेकर जारी किए गाइडलाइन का समर्थन करते हैं। कोरोना के प्रकोप को देखते हुए इस बार भी रावण दहन का आयोजन नहीं किया जाएगा। रावण दहन के कार्यक्रम में लोगों की काफी भीड़ जमा हो जाती है। ऐसे में इस कार्यक्रम का आयोजन करना उचित नहीं होगा।


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