चूहों ने यात्रियों का कुतरा बैग, तपस्वनी एक्सप्रेस के यात्री रहे परेशान
ट्रेन के यात्री इन दिनों चूहों से परेशान हैं। तपस्वनी एक्सप्रेस में चूहों ने जमकर उत्पात मचाया। यात्रियों पे शिकायत की है कि अटेंडेंट से बेडरोल मांगने के बाद भी नहीं दिया गया। वहीं चूहों के आतंक से परिजनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
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जागरण संवाददाता, रांची : ट्रेन के यात्री इन दिनों चूहों से परेशान हैं। तपस्वनी एक्सप्रेस से रांची आ रहे यात्री चूहों से परेशान रहे। ट्रेन में चूहों ने यात्रियों का बैग कुतर दिया। यहीं नहीं कई यात्री भी चूहों के कारण सहमे रहे। वह आराम से न तो बैठ सकें न सो सकें। उन्हें डर था कि कई चूहें उनके पैर की अंगुलियों को काट न दें। यह नजारा मंगलवार को रांची आ रही तपस्वनी एक्सप्रेस के बी-थ्री बोगी में देखने को मिला, जहां मो. रियाज व उनके परिजन रांची आ रहे थे। इसी दौरान उनके बैग को चूहों ने कुतर डाला। साथ ही उनके सीट पर चूहें दौड़ने लगे। ऐसे में मो. रियाज और उनके परिजनों को काफी परेशानी हुई। साथ में बैठे अन्य यात्री भी परेशान रहें। यात्री ने रेल मंत्रालय को ट्वीट कर अपनी शिकायत की। यात्रियों की जुबानी, पूरी कहानी
मो. रियाज रांची के रहने वाले हैं, उन्होंने बताया कि चूहों के आतंक से मानसिक तौर पर परेशान रहें। चूहें खरगोश की तरह मोटे थे, जिसे देखकर भी कोई डर जाएगा। सीट के नीचे बने छेद से प्रवेश कर बोगी में तहलका बचाए हुए थे। इस अव्यवस्था के लिए वह उपभोक्ता फोरम का सहारा लेंगे। अटेंडेंट से तीन बार मांगा बेडरोल, नहीं दिया
मो. रियाज ने बताया कि उन्होंने अटेंडेंट से तीन बार बेड रोल भी मांगा। इसके बावजूद उन्हें और उनके परिजनों को कोई बेडरोल नहीं दिया गया। इस कारण उन्हें काफी परेशानी हुई। क्योंकि ट्रेन पहले से ही तीन घंटे विलंब से पहुंची थी, वह स्टेशन पर इंतजार करते-करते थक चुके थे। ट्रेन में सोने के लिए बेडरोल मांगा पर इसे अटेंडेंट नजरअंदाज कर दिया। रेलवे की अव्यवस्था के कारण पूरे सफर के दौरान सिर्फ परेशानी ही हुई। 'इसकी जानकारी नहीं है। अगर ऐसा है तो मामले को गंभीरता से लिया जाएगा। लेकिन, चूहों पर नियंत्रण के लिए पेस्ट कंट्रोल की सेवा ली जाती है। बेडरोल के मामले में कहा कि यात्री को इसकी सुविधा उपलब्ध करानी है। हालांकि मामला दूसरे मंडल का है इसलिए इस संबंध में उनसे संपर्क साधा जाएगा।'
नीरज कुमार,सीपीआरओ, रांची रेल मंडल