क्या आप जानते हैं, टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा की जिंंदगी से जुड़ीं यह 11 रोचक कहानियां
Tata Group Chairman Ratan Tata भारतीय उद्योगपति रतन टाटा को दुनिया प्यार करती है। हर किसी के लिए वह प्रेरणास्रोत रहे हैं। युवाओं के बीच वह पसंसदीदा उद्योगपति हैं। सोशल मीडिया पर जब वह कोई पोस्ट करते हैं तो जमकर प्रतिक्रिया होती है। आइए जानते हैं कुछ रोचक बातें-
By M EkhlaqueEdited By: Published: Wed, 26 Jan 2022 10:57 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 08:45 AM (IST)
रांची, डिजिटल डेस्क। भारतीय उद्योगपति रतन टाटा का झारखंड से गहरा नाता है। समय समय पर वह झारखंड आते रहते हैं। टाटा समूह की कंपनियों के कारण ही झारखंड की छवि उद्योग जगत में आज शानदार बनी हुई है। यहां के लोग उन्हें बेहद सम्मान की नजर से देखते हैं। उनकी बातें गौर से सुनते हैं। आइए, आज आपको बता रहें उनसे जुड़ीं 11 रोचक बातें।
- बेहद शालीन व्यक्तित्व के धनी रतन टाटा एक समय आर्किटेक्ट Architect बनना चाहते थे। लेकिन किसमत को कुछ और ही मंजूर था। वह दुनिया के एक मशहूर उद्योगपति बन गए। उनके पिता नवल टाटा भी यह चाहते थे कि उनका पुत्र एक बड़ा इंजीनियर बने, लेकिन ऐसा हो न सका।
- 85 वर्षीय रतन टाटा इस समय टाटा समूह के अंतरिम चेयरमैन हैं। उनका जन्म 28 दिसंबर वर्ष 1937 में भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में हुआ था। रतन टाटा इस उम्र में भी बेहद सक्रिय नजर आते हैं। उनके नाम कई उल्लेखनीय रिकार्ड दर्ज है। वह माइल स्टोन बन चुके हैं।
- रतन टाटा को भी जवानी के दिनों में एक बार एक युवती से प्यार हो गया था। तब वह अमेरिका के लॉस एंजिल्स में काम कर रहे थे। वहां करीब दो वर्षों तक रहे। इसी बीच एक युवती ने उनके दिल में जगह बना ली। उस युवती से वह शादी भी करने वाले थे, लेकिन 1962 में इंडो-चाइना वॉर के कारण दोनों की शादी नहीं हुई। इस तरह असफल प्रेमी साबित हुए।
- जब रतन टाटा को अमेरिका के लॉस एंजिलिस में प्यार हुआ तो वह चाहते थे कि उनकी प्रेमिका उनके साथ भारत चले। भारत में ही उनके परिवार के साथ रहे। भारत में ही शादी दोनों की शादी हो। पर किसमत ने साथ नहीं दिया। प्यार परवान नहीं चढ़ा। प्रेमिका भारत आने के लिए तैयार नहीं हुई।
- कहा जाता है कि टाटा समूह के अंतरिम चेयमैन (मानद चेयरमैन) रतन टाटा की इस समय कुल जायदाद करीब एक बिलियन डॉलर है। दिसंबर 2021 में यह रिपोर्ट मीडिया में सामने आई थी। हालांकि इस बारे में दैनिक जागरण कोई पुष्टि नहीं करता है।
- दुनिया की बेहतरीन कंपनियों में शुमार टाटा कंपनी में रतन टाटा लगभग 21 वर्ष तक टाटा समूह के अध्यक्ष रह चुके हैं। जेआरडी टाटा के बाद वर्ष 1991 में रतन टाटा ने टाटा समूह के चेयरमेन का पद संभाला था। वह करीब करीब 60 दशक से टाटा कंपनी से जुड़े हैं।
- रतन टाटा जिस टाटा समूह के मानद चेयरमैन हैं उसकी करीब 100 कंपनियां हैं। यह कंपनियां केवल भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में फैली हुई हैं। यह कंपनियां हर तरह का उत्पाद बनाने वाली हैं। यह कंपनियां नमक से सोना तक का कारोबार करती हैं। हर क्षेत्र में टाटा समूह की कंपनियां सक्रिय हैं।
- मीडिया में कुछ दिन पहले खबर आई थी कि टाटा समूह की कंपनियां विश्व के 150 देशों में कारोबार कर रही हैं। यह कंपनियां एक घंटे में 1.4 करोड़ रुपये की कमाई करती हैं। अगर मिनट के हिसाब से आकलन किया जाए तो यह कंपनियां 2.35 लाख रुपये प्रति मिनट कमाई करती हैं।
- आपको जानकर हैरानी होगी कि रतन टाटा ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद एक कंपनी में नौकरी ज्वाइन की थर। यह आर्किटेक्चर कंपनी थी। यह बात करीब वर्ष 1960 की है। खुद रतन टाटा ने एक बार इस बारे में मीडिया में जानकारी दी थी।
- रतन टाटा की मां का नाम सूनी टाटा था। सूनी टाटा ने किसी कारणवश दूसरी शादी कर ली थी। ऐसे में रतन टाटा और उनके भाई की देखभाल और लालन-पालन उनकी दादी नवाजबाई टाटा ने किया था। दोनों भाइयों को पालकर बड़ा किया। हर सुख-दुख का ख्याल रखा। अपने माता और पिता के तलाक से रतन टाटा दुखी रहते थे। यह भावना उन्होंने मीडिया में एक बार साझा की थी।
- उद्योगपति रतन टाटा को भारत रत्न सम्मान देने के लिए एक बार देश में सोशल मीडिया पर जोरदार अभियान चलाया गया था। इस अभियान का नाम था- भारत रत्न फॉर रतन टाटा। बड़ी संख्या में लोगों ने इस मांग का समर्थन किया था। अंतत: रतन टाटा को लोगों से इस तरह की मांग नहीं करने की अपील करनी पड़ी।
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