RSS ने दिखाया आईना, CAA पर अपने महापुरुषों की बातें भूल रही है कांग्रेस Ranchi News
Rashtriya Swayamsevak Sangh. आरएसएस के क्षेत्र प्रचारक ने कहा कि मानवाधिकार की रक्षा व राष्ट्रीयता को बल देने वाला है नागरिकता संशोधन अधिनियम।
रांची, जासं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक रामदत्त चक्रधर ने नागरिकता संशोधन अधिनियम पर अपनी बात रखते हुए कहा कि यह कानून मानवाधिकार की रक्षा करने वाला, लोगों को सम्मान देने एवं राष्ट्रीयता को बल प्रदान करने वाला है। इस कानून को वर्षों पहले लागू हो जाना चाहिए था। सत्ता में रहने वाले लोग चाहते भी थे, लेकिन अल्पसंख्यक तुष्टिकरण के कारण ऐसा नहीं कर पाए।
आजादी के बाद समय-समय पर महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, प्रणब मुखर्जी, हिरेन मुखर्जी, इंद्रजीत गुप्त, ज्योति बसु व मनमोहन सिंह सहित कई नेताओं ने पाकिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यक हिंदुओं की चिंता करते हुए भारत में सम्मान सहित रहने देने की बात कही थी, लेकिन आज कांग्रेस एवं अन्य राजनीतिक दलों के लोग अपने महापुरुषों के उन बातों को ही भूल रहे हैं।
वे शनिवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम पर राष्ट्र संवद्र्धन समिति की ओर से डोरंडा के वन सभागार में आयोजित संगोष्ठी में बोल रहे थे। कार्यक्रम में शहर के सैकड़ों गण्यमान्य लोग उपस्थित थे। क्षेत्र प्रचारक ने कहा कि 1950 ई. में नेहरू-लियाकत के बीच यह समझौता हुआ था कि भारत एवं पाकिस्तान अपने-अपने देशों में रह रहे अल्पसंख्यकों की मान-सम्मान की रक्षा करेगा। भारत ने तो किया। यहां के मुसलमान राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, मुख्य न्यायाधीश सहित सभी महत्वपूर्ण पदों पर रहे। परंतु पाकिस्तान में ऐसा नहीं हुआ।
आजादी के समय वहां के कानून मंत्री रहे योगेंद्र मंडल प्रताडि़त होकर हजारों लोगों के साथ भारत आ गए। आज 11 फीसद से घटकर मात्र एक फीसद एवं बांग्लादेश में 30 से घटकर 8 फीसद अल्पसंख्यक हिंदू रह गए हैं। आखिर ये हिंदू वहां से गए कहां। या तो मार दिए गए या धर्मांतरित करा दिए गए। रामदत्त चक्रधर ने कहा कि इस कानून के तहत कोई कागजात दिखाने की जरूरत नहीं है।
सीएए एवं एनआरसी को आपस में जोड़कर लोगों को भड़काया जा रहा है। जबकि दोनों अलग-अलग है। अंत में उन्होंने कहा कि हर नागरिक के अंदर देश भक्ति का भाव जगाने की जरूरत है। ऐसा होने पर देश में न तो कोई राष्ट्र विरोधी ताकतें खड़ा हो सकेंगी नहीं कोई आतंकवादी छिप सकेगा।
यह अधिनियिम नहीं है संविधान का उल्लंघन
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सैनिक कल्याण बोर्ड के चेयरमैन ब्रिगेडियर जीबी पाठक ने कहा कि समाज में लोगों को वास्तविक स्थिति बताने की जरूरत है। वहीं विशिष्ठ अतिथि हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता राजेंद्र कृष्ण ने कहा कि यह कानून किसी भी तरह से संविधान का उल्लंघन नहीं है। राष्ट्र संवद्र्धन समिति के सचिव अशोक श्रीवास्तव ने विषय प्रवेश कराते हुए कहा कि दूसरे देशों में प्रताडि़त हिंदुओं के लिए तो केवल भारत ही है, जहां आकर शरण ले सकते हैं। मंच पर समिति के अध्यक्ष ज्ञान प्रकाश जालान भी थे। संचालन शालिनी सचदेव एवं धन्यवाद ज्ञापन विवेक भसीन ने किया।