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पांच महीने में बदलेगी रांची की साफ-सफाई व्यवस्था

शक्ति सिंह रांची अगर सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले चार से पांच महीनों में नगर निगम शहर में साफ-सफाई की व्यवस्था को बदल देगा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 Oct 2019 05:56 AM (IST)Updated: Thu, 10 Oct 2019 05:56 AM (IST)
पांच महीने में बदलेगी रांची की साफ-सफाई व्यवस्था

शक्ति सिंह, रांची : अगर सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले चार से पांच महीनों में नगर निगम शहर में साफ-सफाई की व्यवस्था बदल जाएगी। इसके लिए निगम बड़े स्तर पर काम कर रहा है। रांची की साफ-सफाई व्यवस्था को चार हिस्सों में बांटा गया है, जो घर से कचरे का उठाव और कचरों का प्रबंधन पर काम करेगा। इसमें प्राइमरी, सेकेंड्री, प्रोसेसिंग और मैकेनिकल स्वीपिंग के स्तर पर काम होगा। साथ ही विभिन्न वस्तुओं का निर्माण करेगा। इसके लिए अलग-अलग कंपनियों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इसमें कई मामलों में निविदा भी हो गई है और कंपनियों से समझौते को लेकर बात चल रही है। राष्ट्रीय स्तर की कंपनियों ने निविदा में हिस्सा लिया है, जो दूसरे राज्यों 25-25 वर्षो से सेवा दे रही है, जिनके अनुभव का इस्तेमाल रांची शहर में किया जाएगा।

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वर्तमान में कचरों का उठाव और झिरी में कचरों को फेंक दिया जाता है। कचरा उठाव के दौरान सूखा और गीला कचरा को अलग-अलग नहीं किया जाता है। साथ ही इन कचरों का सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट भी नहीं किया जाता है। यही वजह है कि कचरों का उचित प्रबंधन नहीं करने से गंदगी का अंबार झिरी में बना पड़ा है।

कैसे होगा कचरों का उठाव और प्रबंधन :

प्राइमरी कलेक्शन के तहत नई कंपनियां दो-दो बकेट दिया जाएगा। पहला बकेट सूखा कचरा के लिए और दूसरा बकेट गीला कचरा के लिए होगा। कचरों के उठाव और मॉनिटरिग के लिए चिप लगाया जाएगा, जो यह बताएगा कि संबंधित घर से कितना और कब-कब कचरा का उठाव किया गया है। दो माह के बाद कुछ वार्ड में बकेट के बाद छह महीने में काम शुरू कर देगा। यूजर चार्जेज कलेक्शन का काम भी संबंधित को दिया गया है। इसके दूसरे कंपनी को काम नहीं दिया जाएगा। वहीं, कंपनी सूखा कचरे से भी अपनी आमदनी को बढ़ा सकता है। अब तक कंपनियां दोनों कचरों को एक साथ फेंकती थी।

सेकेंड्री कलेक्शन के तहत दूसरी कंपनी को काम सौंपा जाएगा, जो एमटीएस से गीला कचरा उठान का काम करेगी। इसके लिए शहर के विभिन्न जगहों पर 220 स्मार्टबीन लगाए जाएंगे, जो भरने के बाद एक सिग्नल देगा, जिसे क्रेन की मदद से खाली कराया जाएगा। डस्टबीन बंद रहेगा, जिससे गंदगी नहीं पसरेगा। साथ ही इसके देखरेख के लिए एक कर्मी तैनात रहेगा। इसके लिए कंपनी का चयन प्रक्रिया में है, जो बंगलुरू, राजकोट और अहमदाबाद में अपनी सेवा दे रही है। तीसरे चरण में कचरों का प्रोसेसिंग किया जाएगा, जिसके तहत गीले कचरे से कंपोस्टिंग, बायोमिथैन बनाने सहित अन्य कार्य किए जाएंगे। उपयोगी चीज बनाने का काम किया जाएगा। इस दिशा में कंपनी का चयन किया जा रहा है।

चौथे चरण में मैकेनिकल स्वीपिंग टेंडर की गई है। इसमें शहर के पांच प्रमुख सड़कों की नियमित सफाई मशीन से की जाएगी। बिरसा चौक से राजभवन मार्ग, बूटी मोड़, सर्कुलर रोड, कांटा टोली, लालपुर से स्टेशन रोड तक सफाई की जाएगी। इसमें दोनों तरफ से चालीस किलोमीटर की सड़कों की सफाई की जाएगी। स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान रांची शहरी क्षेत्र के ग्राफ में सुधार होगा। क्योंकि हर वर्ष सर्वेक्षण के थीम में बदलाव प्राथमिकता के आधार पर होता है। इस दौरान कचरों के प्रबंधन और प्रोसेसिंग पर होगा। इस दिशा में भी हो रहा है काम :

घरों के निर्माण के दौरान फेंके जाने वाले कचरों को झिरी में नहीं फेंका जाएगा। इसके लिए प्लांट स्थापित करने की तैयारी चल रही है, ताकि प्लांट में प्रोसेसिंग कर इन कचरों से दोबारा इस्तेमाल करने वाले उपयोगी वस्तुओं का निर्माण किया जा सके। मृत जानवरों के मामले भी यही पहल की जा रही है। उन्हें झिरी में फेंका नहीं जाएगा। इसके अलावा वर्मी कंपोस्ट की दिशा में काम शुरू हो गया है। 'नगर निगम शहर में सफाई व्यवस्था में बदलाव ला रहा है, इसके लिए सफाई व्यवस्था को चार चरणों में बदला जाएगा। जिसकी जिम्मेदारी विभिन्न कंपनियों को सौंपी जाएगी, जो कचरा का उठाव और सॉलिड वेस्ट मैनजमेंट के साथ-साथ इनसे उपयोगी चीजों का निर्माण करेगी।'

मनोज कुमार

नगर आयुक्त, रांची नगर निगम


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