कॉलेजों की जमीन पर भू-माफियाओं के कब्जे को लेकर रांची विवि के सीनेट की बैठक में हुआ जोरदार हंगामा
रांची विश्वविद्यालय में शुक्रवार को सीनेट की बैठक हंगामेदार रही। कई सदस्यों ने हंगामा करते हुए कहा कि कॉलेजों की जमीन को माफियाओं से बचाने की जरूरत है।
जागरण संवाददाता, रांची : रांची विश्वविद्यालय में शुक्रवार को सीनेट की बैठक हंगामेदार रही। लंच से पहले आधे से अधिक समय कॉलेजों की जमीन पर भू-माफियाओं के कब्जा को लेकर सदस्यो ने खूब हंगामा किया। कतरास हाउस (यहां रांची वीमेंस कॉलेज का हॉस्टल था) की जमीन पर न्यूक्लियस मॉल बनने से लेकर राम लखन सिंह यादव कॉलेज, एसएस मेमोरियल कॉलेज, जेएन कॉलेज धुर्वा, बीएनजे कॉलेज सिसई की जमीन का मामला जोर-शोर से उठा। सदस्यों का कहना था कि रांची विवि की जमीन पर भू-माफिया ने मॉल बना दिया। इसमें विवि के अधिकारियों की मिलीभगत थी। सदस्य शशांक राज ने कहा कि ऐसे अधिकारियों पर एफआइआर हो। याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा विवि प्रशासन श्वेत पत्र जारी करे। अटल पांडेय व अर्जुन राम का कहना था कि इस मामले को फिर से ओपेन किया जाए। इस पर सभापति (कुलपति) प्रो. रमेश कुमार पांडेय ने कहा कि कतरास हाउस की जमीन कभी भी रांची वीमेंस कॉलेज की नहीं थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जजमेंट दे दिया है। जहां तक री-ओपेन की बात है तो इस पर अधिवक्ता की राय ले लेते हैं। इसके बाद अधिवक्ता अनूप मेहता ने कहा री-ओपेन नहीं किया जा सकता है। इसी हो हंगामे के बीच वित्त अधिकारी एस. मुखोपाध्याय ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए 859.5 करोड़ रुपये का बजट सीनेट के सामने रखा जिसे स्वीकृति दी गई। 859.5 करोड़ में 214.54 करोड़ वेतन मद में 122 करोड़ पेंशन पेंशन मद की राशि है। शेष राशि अन्य मद के लिए निर्धारित है। सरकार जमीन अधिग्रहण कर दे, विवि खरीदने को तैयार
कुलपति ने कहा कि एसएस मेमोरियल कॉलेज व आरएलएसवाइ कॉलेज की जमीन विवादित है। सरकार इसका अधिग्रहण करके दे। आरएलएसवाइ के जमीन मालिक सरकारी मूल्य पर जमीन देने के लिए तैयार हैं। जेएन कॉलेज धुर्वा की जमीन को लेकर एचईसी प्रबंधन से 15 से 20 बार बात करने बाद अब जाकर सहमति बनी है। प्रबंधन जमीन देने के लिए तैयार है। सरकार कॉलेजों की जमीन अधिग्रहण करके दे, विवि प्रशासन छात्र हित के लिए अपने निजी फंड से पैसा देने को तैयार है। सिर्फ ताली बजवाकर नहीं जाएंगे
विधायक सह सदस्य नवीन जायसवाल ने कहा कि हम तीन विधायक बैठक में हैं। यहां से सिर्फ ताली बजवाकर नहीं जाएंगे। विवि सरकार को पत्र लिखे। हमलोगों को जिम्मा दें, जमीन अधिग्रहण पर सरकार से बात करेंगे। विधायक रामकुमार पाहन ने कहा कि सरकार केस हारती है, क्योंकि ठीक से लड़ती नहीं है। जमीन मामले में पूर्व कुलपतियों व वकील का दोष है। विधायक गंगोत्री कुजूर ने भी बात रखी। रामचंद्र नायक ने कहा हम पूरी मजबूती से केस लड़ें। प्रोन्नति में किसी तरह बाधक नहीं : वीसी
सदस्य डॉ. राजकुमार व डॉ. एलके कुंदन ने शिक्षकों की प्रोन्नति का मामला उठाया। कहा, जब शिक्षक न्यायालय जाते हैं तभी विवि प्रशासन की नींद खुलती है। एक सदस्य ने कहा विवि पीक एंड चूज के आधार पर प्रोन्नति दे रहा है। सदस्यों ने प्रोन्नति से लेकर नियुक्ति में जेपीएससी की मनमानी का आरोप लगाते हुए आसन के पास आ कर नीचे बैठकर नारेबाजी करने लगे। विवि की स्वायत्ता के साथ छेड़छाड़ बंद करो। वेतन निर्धारण व प्रोन्नति देना होगा जैसे नारे लगाने लगे। इस पर वीसी भड़क गए। कहा, प्रोन्नति में वे किसी भी तरह बाधक नहीं हैं। हर दिन प्रोन्नति संबंधी कई फाइलों पर हस्ताक्षर करता हूं। अल्पसंख्यक कॉलेज के शिक्षकों की प्रोन्नति की दिशा में भी सकारात्मक कार्य हुआ है। मुझ पर निराधार आरोप लगा रहे हैं। ऐसा होगा तो वे प्रोवीसी को अध्यक्षता की कमान देकर चले जाएंगे। सेवानिवृत्ति के 15 दिनों के भीतर मिलेगा लाभ
सदस्य महाराज सिंह ने शिक्षक व कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति का लाभ लटकाए रखने का मुद्दा उठाया तो वीसी ने कहा कि सेवानिवृत्ति के 15 दिनों के भीतर लाभ मिल जाएगा। लटकाने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई होगी। कहा, वे सेवानिवृत्ति के दिन ही लाभ देने को तैयार हैं, लेकिन इसके लिए शिक्षकों को भी अपने सभी कागजात क्लियर रखना होगा। डॉ. आरपी गोप ने कहा कि अल्पसंख्यक कॉलेजों के शिक्षकों को पेंशन देने के मामले में सौतेला व्यवहार हो रहा है। वीसी ने कहा कि सरकार से पैसे मिलते ही पेंशन भी मिलेगा। सचिव को बुलाएं फिर होगी बैठक
जैसे ही सभापति (कुलपति) अभिभाषण के लिए पहुंचे सीनेट सदस्य पोस्टर-बैनर लिए आसन के समीप आकर नारेबाजी व प्रदर्शन करने लगे। सदस्यों का कहना था कि उच्च शिक्षा सचिव सीनेट के सदस्य होते हैं, लेकिन वे कभी भी बैठक में नहीं पहुंचते हैं। पहले उन्हें बुलाएं फिर कार्यवाही शुरू करें। अर्जुन राम ने हम सचिव का सम्मान करते हैं और वे हर बार हमें अपमानित करते हैं। डॉ. राजकुमार ने कहा हर बैठक में सचिव का पहुंचना अनिवार्य किया जाए। याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि प्रस्ताव लाएं कि जो लगातार अनुपस्थित रहेंगे वे बर्खास्त होंगे। इस पर वीसी ने कहा कि आप प्रस्ताव लाएं, चर्चा होगी। इसके बाद भारत माता की जय, वंदे मातरम का नारा लगाते हुए सदस्य अपने सीट पर चले गए। चाहें तो कोर्ट या राजभवन जा सकते हैं
सिंडिकेट चुनाव के लिए बुद्धु उरांव ने नामांकन कराया था। स्क्रूटनी में उनकी उम्मीदवारी रद कर दी गई, क्योंकि उन्होंने पहचानपत्र नहीं दिया था। वे बाद में पहचानपत्र दिए, लेकिन विवि प्रशासन का कहना था समय बीतने के बाद स्वीकार नहीं किया जा सकता है। इसी मामले पर याज्ञवल्क्य शुक्ल, पंपा सेन, फूलचंद तिर्की सहित अन्य सदस्य आसन के पास पहुंच कर नारेबाजी करने लगे। इनका कहना था कि विवि प्रशासन ने जानबूझ कर उम्मीदवारी रद किया है। वीसी ने कहा कुलपति व अध्यक्ष का आदेश है कि चुनाव होगा और यदि इस फैसले के विरुद्ध कोई कोर्ट या राजभवन जाना चाहते हैं तो जाएं। कहा, वे आरयू की हर मिनट की मॉनिटरिग करते हैं। इस पर एक सदस्य ने कहा कि रिटर्निग आफिसर का जो निर्णय होगा उस पर चलेंगे। =============
बैठक से संबंधित महत्वपूर्ण बातें
-वीसी का अभिभाषण 11:25 से 11:45 तक चला
-यह सीनेट की 11वीं बैठक थी। इसमें तीन सीनेट वीसी प्रो. रमेश पांडेय के कार्यकाल में हुआ है।
- डॉ. केके नाग ने कहा जमीन बचाने को ले वीसी स्वयं अधिवक्ता के साथ सुप्रीम कोर्ट जाएं।
-अर्जुन राम ने कहा कि कतरास हाउस की जमीन बिक्री में पूर्व कुलपति माल फरिया कर चल दिए। इस पर सभी सदस्यों ने सेम-सेम कहा।
-वीसी ने कहा कि सरकार जमीन की राशि निर्धारित करेगी तभी विवि खरीदेगा। अन्यथा उनपर पैसे लेने का आरोप लगेगा।
-डॉ. मंजू सिन्हा ने कहा कि कॉलेज की जमीन बचाने को लेकर पैनल्टी देना पड़ा था।
-वीसी ने कहा टीआरएल में निर्मल मिंज की विवादास्पद किताब को हटा दिया गया है।
- याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि सरकार वाई-फाई को अपने पौकेट में ले कर चली गई।
-वीसी ने कहा कि वे भी रिटायर हैं। रिटारयमेंट का लाभ तत्काल मिलनी चाहिए।