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रांची रिम्स की कोविड कोबास मशीन की किट खत्म, क्या है कोविड जांच करने की स्थिति

Jharkhand Corona Update एक ओर संक्रमण (Infection) की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है। वहीं दूसरी ओर कोविड जांच (Covid Test) की गति में ब्रेक लगता दिख रहा है। कोविड जांच मशीन कोबास (Covid Testing Machine Cobas) अब बंद हो गया है।

By Sanjay KumarEdited By: Published: Fri, 14 Jan 2022 01:56 PM (IST)Updated: Fri, 14 Jan 2022 01:57 PM (IST)
रांची रिम्स की कोविड कोबास मशीन की किट खत्म, क्या है कोविड जांच करने की स्थिति
रांची रिम्स की कोविड कोबास मशीन की किट खत्म, क्या है कोविड जांच करने की स्थिति

रांची, जागरण संवाददाता। Jharkhand Corona Update : एक ओर संक्रमण (Infection) की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है। वहीं, दूसरी ओर कोविड जांच (Covid Test) की गति में ब्रेक लगता दिख रहा है। कोरोना (Corona) को देखते हुए रिम्स (RIMS) में हाल में करोड़ों की लागत से लगायी गई। कोविड जांच मशीन कोबास (Covid Testing Machine Cobas) अब बंद हो गया है। कोबास (Cobas) में कोविड जांच के लिए उपयोग होने वाली किट अब खत्म हो चुकी है। जिसके बाद लैब में ताला जड़ दिया गया है, और पहले की तरह जांच पुरानी मशीनों से की जा रही है।

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जल्द किट मिल जाएगी

माइक्रोबायलॉजी के प्रोफेसर डा मनोज कुमार बताते हैं कि कुछ दिन पहले ही किट खत्म हो चुकी थी। जिसके बाद इसे मंगवाने की तैयारी है, और उम्मीद है कि जल्द किट मिल जाएगी। जिसके बाद जांच हो पाएगा। मालूम हो कि इस मशीन का पिछले वर्ष ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उद्घाटन किया था। उम्मीद जतायी थी कि कोरोना की यदि तीसरी लहर आती है तो यह मशीन काफी मददगार साबित होगा।

कोबास में एक बार में 1200 सैंपल जांच करने की है क्षमता

कोबास मशीन में एक बार में करीब 1200 सैंपल जांच करने की क्षमता है। अगर यह मशीन फिर से शुरू हो जाती है तो संक्रमण के बीच जांच को गति मिलेगी और लैब के अन्य कर्मी भी सुरक्षित रहेंगे। डा मनोज ने बताया कि पहले भी जिस दिन सैंपल कम रहते थे तो कोबास में जांच नहीं करते थे बल्कि पुरानी मशीनों से ही जांच होती थी। लेकिन सैंपल अधिक आने पर यह मददगार साबित हुआ है और जल्द फिर से शुरू हो जाएगा।

रांची में भी कोविड जांच की गति धीमी हुई

जिले में कोरोना जांच का आंकड़ा दिनों दिन घटता जा रहा है। कोविड जांच की पूरी व्यवस्था है लेकिन लोग जांच करवाने के लिए कम पहुंच रहे हैं। सदर अस्पताल के डा बिमलेश सिंह बताते हैं कि अधिकतर लोग यह जान रहे है कि यह संक्रमण चार से पांच दिनों में ठीक हो जा रहा है जिस कारण भी वे दवा ले रहे हैं लेकिन जांच नहीं करवा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि आइसीएमआर के नए गाइडलाइन के अनुसार अब संक्रमित लोगों को सात दिनों में अगर बुखार नहीं है, तो उन्हें दोबारा जांच करवाने की जरूरत नहीं है। वे बिना जांच कराए ही अपने काम पर लौट सकते हैं। इससे भी अधिकतर लोग जांच करवाने नहीं पहुंच रहे हैं। सदर अस्पताल, रिम्स और रांची रेलवे स्टेशन में लगे कोविड जांच कैंप में पिछले सात दिनों का आंकड़े देखने पर पता चलता है, कि जांच की संख्या कम हो रही है।

आंकड़ों के हिसाब से

  • छह जनवरी को 6014,
  • सात जनवरी को 6501,
  • आठ जनवरी को 3512,
  • नौ जनवरी को 3424,
  • दस जनवरी 4377,
  • 11 जनवरी 3718 और
  • 12 जनवरी को 2801 लोगों ने जांच करायी।

स्टेशन पर सबसे अधिक

  • 06 जनवरी को 5468,
  • 07 जनवरी को 5957,
  • 08 जनवरी को 2991,
  • 09 जनवरी को 3155,
  • 10 जनवरी को 3690,
  • 11 जनवरी को 3213,
  • 12 जनवरी को 3240,
  • 13 जनवरी को 946 लोगों ने जांच कराई।

स्टेशन की मेडिकल इंचार्ज दिवांगना खलको ने बताया कि जो लोग बाहर से आ रहे हैं उनकी जांच की जा रही है। साथ ही लोगों को मास्क पहनने की भी सलाह दी जा रही है।


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