GOOD NEWS : 200 करोड़ से नए स्वरूप में दिखेगा रांची रेलवे स्टेशन
रांची रेलवे स्टेशन की सूरत बदलने की तैयारी चल रही है। बनने के बाद पहचान भी नहीं पाएंगे। प्लेटफार्म की संख्या भी बढ़कर दोगुनी हो जाएगी। आने वाले दिनों में यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इसका निर्माण किया जा रहा है। लागत 200 करोड़ रुपये होगी।
रांची (जासं): रांची रेलवे स्टेशन की सूरत बदलने की तैयारी चल रही है। बनने के बाद पहचान भी नहीं पाएंगे। प्लेटफार्म की संख्या भी बढ़कर दोगुनी हो जाएगी। आने वाले दिनों में यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इसका निर्माण किया जा रहा है। अभी करीब 30000 लोग रोजाना स्टेशन पर आवागमन करते हैं। लेकिन भविष्य में रांची रेलवे स्टेशन एक लाख के करीब यात्रियों का भार संभाल सकेगा। करीब 20 एकड़ पर रांची रेलवे स्टेशन को नया स्वरूप देने की तैयारी चल रही है। इसकी लागत 200 करोड़ रुपये होगी। इसकी डीपीआर तैयार की जा चुकी है। इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कारपोरेशन को इसका जिम्मा दिया गया है जो कई अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ रेलवे स्टेशन को तैयार करेगा। पीपीपी मोड पर स्टेशन का निर्माण कार्य होगा ।
- ऐसा होगा रांची स्टेशन
- तीन मंजिला होगी स्टेशन की बिल्ंिडग
- स्टेशन पर प्लेटफार्म की संख्या भी होगी दोगुनी
- 20 एकड़ पर किया जाएगा निर्माण
- कई अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा स्टेशन
- पीपीपी मोड पर स्टेशन का होगा निर्माण कार्य
9 वर्षो में तैयार होगा नया स्टेशन : अगले 9 वर्षों में रांची का रेलवे स्टेशन पूरी तरह से बनकर तैयार होगा। डेढ़ से 2 वर्षों के बीच इसे लेकर निविदा होगी, जिसके बाद इस दिशा में कार्य शुरू होगा।
स्टेशन के नॉर्थ गेट और साउथ गेट को किया जाएगा विकसित : यात्रियों का आवागमन रांची रेलवे स्टेशन पर साउथ और नॉर्थ गेट दोनों ही दिशा से होगा। रांची शहर के विकास को देखते हुए अगले 10 वर्ष की स्थिति को देख स्टेशन का निर्माण कार्य होना है। इसलिए दोनों ओर से समान रूप से स्टेशन को विकसित किया जाएगा।
40 मीटर कॉन्कोर्स का होगा निर्माण : रेलवे लाइन के ऊपर साउथ और नॉर्थ गेट दोनों को जोड़ते हुए एक 40 मीटर का कॉन्कोर्स का निर्माण किया जाएगा। इस पर यात्रियों के बैठने के लिए खास इंतजाम किए जाएंगे। इसके माध्यम से सभी प्लेटफार्म की कनेक्टिविटी बढ़ा दी जाएगी।
पार्किंग स्थल को किया जाएगा बड़ा : सर्कुलेङ्क्षटग एरिया को पहले से ज्यादा बड़ा किया जाएगा। जहां पिक एंड ड्रॉप के दायरे को बड़ा किया जाएगा। ताकि अधिक से अधिक वाहन स्टेशन के मुख्य द्वार तक प्रवेश कर सकें। साथ ही पार्किंग के लिए विशेष इंतजाम किया जाएगा । जहां मिनी बस से लेकर छोटे वाहनों के लगने के लिए विशेष व्यवस्था होगी।
यात्रियों के लिए होगी विशेष सुविधाएं
- रिटायङ्क्षरग रूम
- वीआइपी लॉज रूम
- खाने के लिए कमरों की व्यवस्था
- प्रत्येक प्लेटफार्म पर एक्सीलरेटर और लिफ्ट
- शॉङ्क्षपग कांपलेक्स
नए भवन में रेलवे के होंगे कई कार्यालय : रांची रेलवे स्टेशन के नए भवन में कई कार्यालयों को शिफ्ट किया जाएगा ताकि रेलवे की संरक्षा और सुरक्षा की दृष्टि में बेहतर समन्वय स्थापित हो सके। साथ ही यात्रियों को किसी भी तरह की परेशानी ना हो उसका भी ख्याल रखा जा सके।
आने वाले कुछ वर्षों में रांची रेलवे स्टेशन का स्वरूप भव्य होगा। आइआरएसडीसी इस दिशा में काम कर रहा है। इससे यात्रियों को सुविधा और उनकी सहूलियत बढ़ेगी।
अवनीश कुमार, सीनियर डीसीएम, रांची रेल मंडल
रांची स्टेशन पर सेकेंड सिङ्क्षटग के आरक्षण के लिए खोला गया काउंटर
यात्रियों की सुविधा के लिए ट्रेनों के जनरल डिब्बों में सेकेंड सिङ्क्षटग (2एस) टिकटों के आरक्षण की सुविधा दी गई है। इन टिकटों को यात्री आरक्षण कार्यालय एवं आईआरसीटीसी के बेबसाइट से आरक्षित कराते रहे हैं। रांची स्टेशन के अनारक्षित टिकट कार्यालय के सामने सेकेंड सिङ्क्षटग (2एस) के आरक्षण के लिए एक काउंटर की व्यवस्था की गई थी। गुरुवार को मुख्य स्टेशन बिङ्क्षल्डग स्थित अनारक्षित टिकट कार्यालय के सामने एक और काउंटर शुरू किया गया है। ताकि यात्री आरक्षण कार्यालय के अतिरिक्त मुख्य स्टेशन बिङ्क्षल्डग में भी ये टिकट प्राप्त कर सकें।
ट्रेनों में नहीं हो रहा है साफ-सफाई और सैनिटाइजेशन कार्य : कहीं यह बेफिक्रपन मुश्किलों में न डाल दे। कोरोना के मामले भले ही कम हुए हैं। लेकिन रेलवे और यात्रियों की यह लापरवाही परेशानी बढ़ा सकती है। कोविड-19 गाइडलाइन मे स्पष्ट निर्देश है कि ट्रेन में साफ-सफाई और सैनिटाइजेशन करने के बाद ही यात्रियों को सफर करना है। लेकिन ट्रेनें स्टेशन पहुंचती है तो किसी भी ट्रेन में सैनिटाइजेशन नहीं होता।
उदाहरण देखिए : हावड़ा रांची शताब्दी ट्रेन और रांची पटना जनशताब्दी ट्रेन।
ये है स्थिति : इन ट्रेनों के आने के बाद उनमें सैनिटाइजेशन और साफ सफाई का काम नहीं किया जाता है। बल्कि स्टेशन पर ट्रेन रुकते ही यात्री ट्रेनों में चढऩा शुरू कर देते हैं। न ही शारीरिक दूरी का ख्याल रखा जाता है।