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जमीन की फर्जी डीड पर लोन ले 1.44 करोड़ गबन मामले में आरोपितों को नोटिस भेजने की तैयारी

पंजाब नेशनल बैंक अरगोड़ा शाखा की ओर से फर्जी डीड के जरिए लोन लेकर 1.44 करोड़ रुपये गबन मामले में पुलिस नोटिस भेजेगी। पुलिस सीआरपीसी की धारा 41 ए के तहत नोटिस भेजने की तैयारी में है। नोटिस भेजने के बाद आरोपितों को पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा।

By Vikram GiriEdited By: Published: Mon, 05 Apr 2021 12:10 PM (IST)Updated: Mon, 05 Apr 2021 12:10 PM (IST)
जमीन की फर्जी डीड पर लोन ले 1.44 करोड़ गबन मामले में आरोपितों को नोटिस भेजने की तैयारी
जमीन की फर्जी डीड पर लोन ले 1.44 करोड़ गबन मामले में आरोपितों को नोटिस भेजने की तैयारी। जागरण

रांची, जासं । रांची के पंजाब नेशनल बैंक अरगोड़ा शाखा की ओर से फर्जी डीड के जरिए लोन लेकर 1.44 करोड़ रुपये गबन  मामले में पुलिस नोटिस भेजेगी। पुलिस सीआरपीसी की धारा 41 ए के तहत नोटिस भेजने की तैयारी में है। नोटिस भेजने के बाद आरोपितों को उनका पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा। साहिब जवाब नहीं मिलने पर पुलिस आरोपितों के खिलाफ कोर्ट से वारंट लेगी। गबन का आरोप दो व्यवसायी अश्वनी शर्मा और मनोज कुमार पर है। इसे लेकर  अरगोड़ा थाने में एफआइआर दर्ज कराई गई है। एफआइआर के अनुसार दोनों व्यवसायियों ने व्यवसाय को बढ़ाने के नाम पर बैंक से फर्जी डीड के जरिए लोन किया।

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इसके बाद न तो किस्त जमा की और न ही नोटिस का जबाव दिया। यहां तक कि कार्यालय बंदकर दोनो फरार हो गए। इसके बाद पीएनबी के अरगोड़ा शाखा के मुख्य प्रबंधक राकेश कुमार ने अरगोड़ा थाने में दोनों आरोपितों के खिलाफ बीते 25 मार्च को प्राथमिकी दर्ज करायी गई थी। जिसमें आरोप लगाया गया है कि दोनों आरोपितो ने बैंक को धोखा देने और पब्लिक मनी हड़पने की नियत से लोन लिया था। जिसकी अदायगी नहीं की।

शाखा प्रबंधक की ओर से दिए गए आवेदन में कहा गया है कि कोकर इंडस्ट्रीयल एरिया निवासी अश्वनी शर्मा और उसकी मां राधा देवी ने मेसर्स श्रीनिवास आटोमोबाइल के व्यापार को बढ़ाने के लिए 2016 में पीएनबी से 1.06 करोड़ रुपये लोन लिया था। लोन के आदेवन के साथ दोनो ने अपनी एक जमीन का लीज डीड( डीड संख्या 12686) बैंक में जमा किया था। इसी आधार पर बैंक ने दोनो को लोन दिया। 2018 में राधा देवी की मौत होने के बाद लोन अश्विनी शर्मा और मनोज कुमार को नाम पर ट्रांसफर कर दिया गया। इस एग्रीमेंट पर दोनो ने हस्ताक्षर भी किया। दोनों पर कुल ब्याज को मिलाकर कुल 1.44 करोड़ रुपये बकाया हो चुका है।

बैंक की टीम के जाने पर बंद मिला था कार्यालय

मुख्य प्रबंधक द्वारा एफआईआर में।बताया गया है कि लोन लेने के बाद दोनों ने किस्त का भुगतान ही नहीं किया। इसके बाद दोनों को बैंक की ओर से लगातार नोटिस भी भेजा गया। लेकिन दोनों ने न तो नोटिस का जवाब दिया और न ही किस्त फोन पर बात ही की। यहां तक कि किस्त जमा भी नहीं किया। इसके बाद बैंक अफसरों की टीम उनके नाइल कांप्लेक्स कांटाटोली स्थित कार्यालय गए तो वह भी बंद मिला। दोनों व्यवसायियों का कार्यालय बंद मिलने के बाद बैंक को संदेह हुआ। इसके बाद बैंक अफसरों की टीम ने दोनो के द्वारा दिए गए डीड की निबंधन कार्यालय से जांच करायी गई। तब पता चला कि जमा डीड फर्जी है।


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