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17 महीने में अवैध खनन में पकड़े गए वाहनों पर दर्ज प्राथमिकी की जानकारी नहीं दे पा रहे अधिकारी

Jharkhand News जब राज्य सूचना आयोग ने मांगी गई जानकारी तय समय में विभाग से उपलब्ध कराने के लिए विभाग को पत्र लिखा। इसके बावजूद यह जानकारी याचिकाकर्ता को मुहैया नहीं कराई जा सकी है। सूचना आयोग ने मामले को गंभीरता से लिया है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Fri, 30 Oct 2020 08:57 AM (IST)Updated: Fri, 30 Oct 2020 08:58 AM (IST)
17 महीने में अवैध खनन में पकड़े गए वाहनों पर दर्ज प्राथमिकी की जानकारी नहीं दे पा रहे अधिकारी
किस धारा के तहत केस किया गया, यह भी जानकारी नहीं है।

रांची, जासं। रांची के जिला खनन पदाधिकारी कार्यालय के पास अवैध खनन के मामले में पकड़े गए वाहनों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की संख्या के बारे में जानकारी नहीं है। पिछले 17 माह से विभाग सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी का जवाब नहीं दे पा रहा। जी हां, यह कार्यप्रणाली जिला खनन पदाधिकारी कार्यालय की है। यह स्थिति तब है, जब राज्य सूचना आयोग ने मांगी गई जानकारी तय समय में विभाग से उपलब्ध कराने के लिए विभाग को पत्र लिखा।

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इसके बावजूद यह जानकारी याचिकाकर्ता को मुहैया नहीं कराई जा सकी है। सूचना आयोग ने मामले को गंभीरता से लिया है। अब राज्य सूचना आयोग के आदेश और सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20(1) और 20(2) के तहत जिला खनन पदाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। आरटीआइ कार्यकर्ता आरआर मेहता ने विभाग से वर्ष 2019 के मई माह में जानकारी मांगी थी।

इसमें विभाग द्वारा वर्ष 2016 से 2019 तक के बीच 82 लोगों पर प्राथमिकी की सूचना में आरोपित के नाम और वाहनों का विवरण आदि देने के लिए कहा गया। इन सभी लोगों पर जिला से पत्थर, गिट्टी, चिप्स और अवैध बालू पकड़े जाने पर प्राथमिकी दर्ज करने की बात विभाग की ओर से कहीं गई थी। 17 माह गुजर जाने के बावजूद विभाग यह नहीं बता पाया कि अवैध खनन के इन मामलों में किन लोगों पर केस दर्ज किया गया।

दर्ज मामलों का नंबर क्या है। उससे भी बड़ी बात किस धारा में केस किया गया, इसकी जानकारी भी नहीं दी गई है। अगर यह जानकारी भी विभाग के पास नहीं है तो कैसे माना जाए कि अवैध खनन करने वालों पर विभाग के द्वारा कुछ कार्रवाई की जा रही है। आरटीआइ कार्यकर्ता आरआर मेहता ने इसके बारे में राज्य के डीजीपी और जिले के एसपी को जांच के लिए एक पत्र लिखा है।


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