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हाई कोर्ट ने माना, पुलिस में बहाली के एक साल बाद हटाने का सरकार का फैसला सही

Jharkhand High Court News कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि पूर्व में कोर्ट के आदेश पर बनी एपेक्स मेडकिल बोर्ड की जांच में आपकी रिपोर्ट अनफिट है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 05 Aug 2020 02:33 PM (IST)Updated: Wed, 05 Aug 2020 10:39 PM (IST)
हाई कोर्ट ने माना, पुलिस में बहाली के एक साल बाद हटाने का सरकार का फैसला सही
हाई कोर्ट ने माना, पुलिस में बहाली के एक साल बाद हटाने का सरकार का फैसला सही

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने पुलिस में बहाली के एक साल बाद नौकरी से निकालने की कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि इस मामले में पूर्व में हाई कोर्ट द्वारा बनायी गई एपेक्स मेडिकल बोर्ड में अनफिट पाए जाने के बाद ही राज्य सरकार ने नौकरी से निकालने का निर्णय लिया है, जो कि सही है। इस संबंध में संतोष कुमार सहित अन्य छह लोगों ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर नौकरी से निकालने जाने को चुनौती दी थी।

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 दरअसल, वर्ष 2015 में पुलिस बहाली के लिए जेएसएससी की ओर से विज्ञापन निकाला गया। वर्ष 2017 में सारी नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने के बाद चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति कर दी गई।  इसी दौरान मुकेश कुमार व अन्य ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप लगाया। मामले में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सात जुलाई 2017 को याचिका दाखिल करने वाले सभी अभ्यर्थियों का एपेक्स मेडिकल बोर्ड बनाकर जांच कराने का आदेश दिया।

एपेक्स मेडिकल बोर्ड की जांच में प्रार्थी फिट पाए गए, जबकि नियुक्त के दौरान उन्हें अनफिट करार दिया गया था। जब जांच रिपोर्ट अदालत में दाखिल की गई तो अदालत ने 11 अगस्त 2017 को एपेक्स मेडिकल बोर्ड में फिट पाए गए अभ्यर्थियों की नियुक्ति करने का आदेश दिया। साथ ही अदालत ने नियुक्त होने वाले व ऐसे अभ्यर्थी जो चयन प्रक्रिया वाले मेडिकल बोर्ड में अनफिट हैं और उन्होंने कट ऑफ माक्र्स से ज्यादा अंक प्राप्त किए हैं, उनका भी एपेक्स मेडिकल बोर्ड में जांच करने का आदेश दिया।

इसके बाद सभी की एपेक्स मेडिकल बोर्ड में जांच हुई। जिसमें वैसे कई अभ्यर्थी अनफिट पाए गए, जिनकी नियुक्ति हो चुकी थी। इसके बाद उन्हें हटाकर नई मेरिट लिस्ट जारी की गई। इसके बाद हटाए गए अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। लेकिन अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी। संतोष कुमार व अन्य को मार्च 2017 में नियुक्ति पत्र मिला था और जुलाई 2018 में उन्हें हटाने का आदेश दिया गया था।

मुकेश कुमार व अन्य की बहाली सही

हाई कोर्ट ने मुकेश कुमार व अन्य की याचिका पर अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि इस मामले में 11 अगस्त 2017 को दिया गया हाई कोर्ट का फैसला सही है, क्योंकि ये लोग एपेक्स मेडिकल बोर्ड में फिट पाए गए हैं, इसलिए इनकी नियुक्त भी सही है।

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