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Ranchi News: क्या तीसरी लहर के डर से रेलवे नहीं लगा रहा है अनरिजर्व कोच ?

Ranchi News कोरोना के घटते मामलों के बीच धीरे-धीरे स्थिति सामान्य होने लगी। अब तो ट्रेन में भोजन भी मिलना शुरू हो जाएगा। रांची रेल मंडल से खुलने वाली सभी 55 ट्रेनों से जीरो भी हटा दिया गया है।

By Madhukar KumarEdited By: Published: Sun, 28 Nov 2021 11:21 AM (IST)Updated: Sun, 28 Nov 2021 11:21 AM (IST)
Ranchi News: क्या तीसरी लहर के डर से रेलवे नहीं लगा रहा है अनरिजर्व कोच ?
Ranchi News: क्या तीसरी लहर के डर से रेलवे नहीं लगा रहा है अनरिजर्व कोच ?

रांची, जासं। कोरोना के घटते मामलों के बीच धीरे-धीरे स्थिति सामान्य होने लगी। अब तो ट्रेन में भोजन भी मिलना शुरू हो जाएगा। रांची रेल मंडल से खुलने वाली सभी 55 ट्रेनों से जीरो भी हटा दिया गया है। ट्रेनों में एसी कोच और स्लीपर कोच का किराया भी पहले की तरह सामान्य कर दिया गया है। मगर 36 ट्रेनों में अब भी अनरिजर्व की बोगियां नहीं लगाई गई है। अब भी यात्रियों को ट्रेनों में सफर करने के लिए यात्रियों को टिकट को रिजर्व कराना पड़ता है। वह भी चार घंटे पहले तक।

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अनरिजर्व के यात्रियों को टू-एस का कोच लगने से उन्हें अधिक किराया देना पड़ रहा है। कई यात्री ऐसे भी हैं, जो ट्रेन खुलने के पहले टिकट काउंटर से टिकट कराते थे और घर रवाना होते थे। यह उनके डेली रूटीन या फिर सप्ताह के अंत में शामिल होता था। पर, व्यवस्था में बदलाव नहीं होने के कारण अब भी यात्रियों को टिकट रिजर्व कराना पड़ रहा है।

यह 36 ट्रेनें झारखंड सहित उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिसा, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, महाराष्ट्र और जम्मू सहित अन्य राज्यों में जाती है। ऐसे हजारों यात्रियों को परेशानी हो रही है। यात्री एसोसिएशन की भी मांग है कि जिस तरह अन्य श्रेणी में किराया पहले जैसा सामान्य किया गया है। उसी तरह कोविड टू-एस को हटाया जाए।

रांची रेल मंडल से वर्तमान में 11 पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन हो रहा है। इन ट्रेनों की स्थिति ठीक है। काउंटर से ही यात्रियों का टिकट काटा जा रहा है। अधिकतर ट्रेनें झारखंड की हैं, कुछ ही ट्रेन दूसरे राज्यों की है। इससे यात्रियों को सहूलियत हैं। मगर, मेल एक्सप्रेस के यात्रियों के संग ऐसा नहीं है।

झारखंड में अधिकतर गांव के रहने वाले हैं और गरीब हैं। वेंटिंग टिकट जब कंफर्म नहीं होता है, तो रिजर्वेशन चार्ज क्यों काटा जाता है। ऐसे में टू-एस कोच की व्यवस्था को क्यों बहाल रखा गया है। पूर्व की भांति जल्द से जल्द जनरल कोच की सुविधा ट्रेनों में दी जाए।

प्रेम कटारूका

सचिव, झारखंड पैसेंजर एसोसिएशन

पहले की तरह ट्रेनों में सामान्य श्रेणी के कोच लगने चाहिए और टू-एस कोच को हटाना चाहिए। क्योंकि कई यात्री ट्रेन खुलने के दौरान पहुंचते हैं, ऐसे में उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है और उन्हें स्टेशन से लौटना पड़ता है। इसलिए रेलवे को चाहिए कि पुरानी व्यवस्था को बहाल करे।

संदीप नागपाल

सदस्य, छोटानापुर पैसेंजर एसोसिएशन

ट्रेनों से जीरो हटा दिया गया है। किराया सामान्य हो गया है। जैसे ही रेलवे बोर्ड से टू-एस कोच और अनरिजर्व संबंधित कोई निर्देश आता है, तो तत्काल सेवा को बहाल कर दिया जाएगा।


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