Move to Jagran APP

Ranchi News: करोड़ों खर्च के बावजूद जर्जर स्थिति में कड़कनाथ का फार्म

Ranchi News कोरोना काल में बंद रहे राजधानी रांची के होटवार में स्थित क्षेत्रीय कुक्कुट फार्म की दयनीय हालात सुधारने के लिए सरकार नए सिरे से फार्म का निर्माण करा रही है। लगभग 15 एकड़ के दायरे में फैले फार्म की दशा और दिशा सुधारने के12 करोड़ रुपये दिया था।

By Madhukar KumarEdited By: Published: Sun, 28 Nov 2021 11:32 AM (IST)Updated: Sun, 28 Nov 2021 11:32 AM (IST)
Ranchi News: करोड़ों खर्च के बावजूद जर्जर स्थिति में कड़कनाथ का फार्म
Ranchi News: करोड़ों खर्च के बावजूद जर्जर स्थिति में कड़कनाथ का फार्म

 रांची, जासं। (सुरेन्द्र प्रसाद) : कोरोना काल में बंद रहे राजधानी रांची के होटवार में स्थित क्षेत्रीय कुक्कुट फार्म की दयनीय हालात सुधारने के लिए सरकार नए सिरे से फार्म का निर्माण करा रही है। लगभग 15 एकड़ के दायरे में फैले फार्म की दशा और दिशा सुधारने के लिए 2017 में 12 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई थी। चार करोड़ का हस्तांतरण भी कर दिया है। वर्ष 2019 से निर्माण कार्य शुरू हुआ। लेकिन दूसरी ओर फार्म में स्थिति जर्जर प्रशासनिक भवन के रेनोवेशन को लेकर विभाग उदासीन है। स्थिति यह है कि 1956 में शुरू किए गए इस फार्म के मुख्य भवन का समय रहते रेनोवेट नहीं किया गया, तो वह कभी भी ढह सकता है।

loksabha election banner

जान जोखिम में डालकर ड्यूटी कर रहे पदाधिकारी एवं कर्मचारी

क्षेत्रीय कुक्कुट फार्म का प्रशासनिक भवन पूरी तरह से जर्जर स्थिति में पहुंच गया है। फार्म के पदाधिकारी एवं कर्मचारी जान जोखिम में डालकर प्रशासनिक भवन में ड्यूटी कर रहे हैं। भवन की दीवारें जर्जर स्थिति में है। दीवारों पर सीलन है। लगभग सभी खिड़की-दरवाजे टूट गए हैं। लकड़ी के दरवाजे भी सड़ गए हैं। अगर समय रहते इसकी मरम्मत नहीं कराई गई, तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

निर्माण के चलते कुक्कुट पालन व एग प्रोडक्शन बंद

बताया गया कि फार्म का निर्माण कार्य जारी होने के चलते यहां फिलहाल कुक्कुट पालन एवं एग प्रोडक्शन का काम पूरी तरह से बंद है। यहां निर्माण कार्य वर्ष 2019 से शुरू हो गया था। लेकिन कोरोना के कारण काम बंद हो गया था। अब विगत तीन माह से दोबारा काम शुरू हुआ है। फार्म में नया हैचरी लगाने के लिए हैचरी हाउस, ब्रूडर हाउस, ग्रोवर हाउस, लेजर हाउस, गोदाम, पानी की टंकी, कैंटीन के अलावा नए रोड का निर्माण किया जा रहा है। कुछ पुराने कुक्कुट शेड की मरम्मत भी की गई है।

मुर्गी एवं बत्तख पालन के अलावा प्रतिदिन होता था 800 अंडों का उत्पादन

कोरोना काल के पहले फार्म में मुर्गी एवं बत्तख पालन के साथ ही प्रतिदिन 700 से 800 अंडों का उत्पादन होता था। अब नया हैचरी मशीन के लगने से यहां प्रतिदिन 5000 चूजों का उत्पादन किया जा सकेगा। अंडे का उत्पादन भी बढ़ाने का लक्ष्य है। पूरे राज्य में मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के तहत सब्सिडी रेट पर चूजे एवं अंडों की आपूर्ति की जाएगी।

फार्म द्वारा कड़कनाथ पालन का दिया गया प्रस्ताव

इस फार्म में चेब्रो और कलिंगा ब्राउन नस्ल के कुक्कुट रखे जाते थे। बताया गया कि चेब्रो का मांस नरम और टेस्टी होता है, जबकि कलिंगा को अंडा उत्पादन के लिए रखा गया था। वहीं, बंगलुरू के हेसारगट्टा से बत्तख मंगाए जाते थे। एक साल के अंदर दोबारा यहां कुक्कुट पालन एवं अंडा उत्पादन शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं, कड़कनाथ पालन का प्रस्ताव भी फार्म द्वारा विभाग को भेजा गया है। हालांकि अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। माना जा रहा है कि यदि कड़कनाथ चूजा पालन को मंजूरी मिल गई, तो सरकार के राजस्व में भी वृद्धि होगी।

राज्य को कुक्कुट मांस एवं अंडा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से इस फार्म की शुरूआत की गई है। फिलहाल निर्माण के चलते काम बंद है। लेकिन एक साल के अंदर फिर से वैज्ञानिक तरीके से उन्नत नस्ल के कुक्कटों का प्रजजन कराने के अलावा उन्नत नस्ल के फर्टिलाइज्ड अंडे का उत्पादन एवं इच्छुक कुक्कुट पालकों को बीच दोबारा चूजे का वितरण शुरू किया जाएगा। इसके अलावा दस दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान कर इच्छुक लोगों को कुक्कुट पालन की जानकारी भी दी जाती है।

डॉ. रजनी पुष्पा सिंकु, सहायक निदेशक (कुक्कुट), क्षेत्रीय कुक्कुट फार्म, होटवार।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.