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नगर निगम पर सीडीसी कंपनी का 10 करोड़ का बकाया, रांची में चरमराई सफाई व्यवस्था

Jharkhand News सीडीसी कंपनी का रांची नगर निगम पर 10 करोड़ रुपये का बकाया है। रांची में अक्सर सफाई कर्मचारियों की हड़ताल से सफाई व्यवस्था प्रभावित होती रहती है। इसी के चलते स्वच्छ सर्वेक्षण में भी रांची हमेशा पिछड़ा रहता है।

By Sanjay KumarEdited By: Published: Sat, 29 Jan 2022 10:27 AM (IST)Updated: Sat, 29 Jan 2022 10:27 AM (IST)
नगर निगम पर सीडीसी कंपनी का 10 करोड़ का बकाया, रांची में चरमराई सफाई व्यवस्था
Jharkhand News : रांची में चरमराई सफाई व्यवस्था

रांची, जागरण संवाददाता। Jharkhand News : राजधानी रांची में डोर टू डोर कचरा उठाव के काम में लगी सीडीसी कंपनी का नगर निगम पर 10 करोड़ रुपये का बकाया है। ऐसा कंपनी के अधिकारियों का कहना है। कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि नगर निगम से रकम नहीं मिलने की वजह से वह अपने सफाई कर्मचारियों को समय से वेतन नहीं दे पाती। इसके चलते सफाई व्यवस्था प्रभावित हो जाती है।

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कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि कंपनी ने नगर निगम को आवेदन देकर रकम की मांग काफी पहले से की है। लेकिन अभी तक नगर निगम में सिर्फ कागजी प्रक्रिया चल रही है। कंपनी का कहना है कि वह लोग राजधानी में डोर टू डोर कचरा उठाव का काम अपने खर्चे पर चला रहे हैं।

अक्सर सफाई कर्मचारियों की हड़ताल से सफाई व्यवस्था होती रहती है प्रभावित

गौरतलब है कि राजधानी में डोर टू डोर कचरा उठाव का काम सीडीसी कंपनी को मिला हुआ है। सीडीसी कंपनी को नगर निगम ने कचरा उठाव करने वाली लगभग डेढ़ सौ छोटी गाड़ियां भी दी हैं। इसके अलावा सफाई कर्मचारी भी लगे हुए हैं। लेकिन, अक्सर सफाई कर्मचारियों की हड़ताल से सफाई व्यवस्था प्रभावित होती रहती है। शुक्रवार को भी ऐसा ही हुआ। हर मोड़ पर कचरा उठाव में लगे ड्राइवरों ने हड़ताल कर दी। इससे वहां कचरा उठाव नहीं हो सका। हालांकि कंपनी ने कुछ ट्रैक्टर लगाकर घर से कचरा उठाने की कोशिश की। फिर भी सभी घरों से कचरा उठाव नहीं हो पाने से सफाई व्यवस्था चरमरा गई।

रांची में 222 स्मार्ट डस्टबिन भी लगानी हैं, 70 के आसपास डस्टबिन लगी

गौरतलब है कि राजधानी की सफाई व्यवस्था में अभी दो कंपनियां काम कर रही हैं। घर से कचरा उठाकर एमटीएस सेंटर तक पहुंचाना सीडीसी कंपनी का काम है। जबकि वहां से कचरा उठाकर डंपिंग यार्ड तक पहुंचाना कंपनी का काम है। कंपनी को राजधानी रांची में 222 स्मार्ट डस्टबिन भी लगानी हैं। 70 के आसपास डस्टबिन लगाई जा चुकी हैं। डस्टबिन लगाने का काम काफी धीमी गति से चल रहा है। डस्टबिन में सेंसर भी लगाया जाना है। ताकि डस्टबिन भरने पर नगर निगम के अधिकारियों और कंपनी के पदाधिकारियों को इसकी सूचना मिल सके और डस्टबिन खाली की जा सके। लेकिन अभी तक डस्टबिन में सेंसर नहीं लगाया जा सका है।

हमेशा पिछड़ा रहता है स्वच्छ सर्वेक्षण में भी रांची

यही नहीं नगर निगम में डैशबोर्ड भी नहीं तैयार हो सका है। सफाई की यह हाईटेक व्यवस्था लागू हुए एक साल हो गए। लेकिन अभी तक सारी व्यवस्था मैनुअल ही चल रही है। कहा जा रहा है कि रांची नगर निगम का रवैया चलताऊ है। इसी के चलते स्वच्छ सर्वेक्षण में भी रांची हमेशा पिछड़ा रहता है। राजधानी में यहां वहां गंदगी के चलते शहर के पर्यावरण पर भी खराब असर पड़ता है।


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