बल्ब की क्वालिटी जानना हो तो पोल के नीचे खड़े हो जाइए, स्ट्रीट लाइट में घोटाला भी रोकेगा यह इलेक्ट्रिक एप
Ranchi Nagar Nigam Update News रांची नगर निगम एक एप तैयार कर रहा है। इस एप के बनने के बाद एजेंसियां नगर निगम को चूना नहीं लगा सकेंगी। एप बल्ब लगे पोल के आसपास की स्थिति भी बताएगा।
रांची, [मुजतबा हैदर रिजवी]। रांची नगर निगम ने स्ट्रीट लाइट इंस्टॉल के दौरान हाेने वाले घोटाले को रोकने के लिए कमर कस ली है। इसके लिए नगर निगम इलेक्ट्रिक एप बना रहा है। इस एप के बन जाने के बाद एजेंसियां पोल पर खराब गुणवत्ता और कम तीव्रता वाले बल्ब लगा कर नगर निगम के खजाने पर डाका नहीं डाल सकेंगी। इस एप के जरिए नगर निगम न केवल बल्ब की तीव्रता की माप कर सकेगा बल्कि स्ट्रीट पोल पर लगे बल्ब की गुणवत्ता को भी परखा सकेगा।
एजेंसी ने एप बनाने के लिए राजधानी रांची के सभी स्ट्रीट लाइट पोल का सर्वे पूरा कर लिया है। राजधानी में कुल 64 हजार 563 पोल हैं। इनमें से 48 हजार 328 पोल पर स्ट्रीट लाइटें लगी हैं। इन पोल पर 150 वाट की एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगी हैं। मगर, नगर निगम को अक्सर शिकायत मिलती है कि किसी न किसी पोल पर एजेंसी कम तीव्रता वाले बल्ब लगा देती है। ऐसा कर एजेंसियां नगर निगम को लाखों रुपये का चूना लगाती हैं। पहले ऐसी कई शिकायतें पकड़ में आई हैं। इन्हींं शिकायत से निजात पाने के लिए नगर निगम अब इलेक्ट्रिक एप बना रहा है।
बल्ब की रोशनी पड़ते ही एप बताएगा तीव्रता
एप बनने के बाद नगर निगम के अधिकारी इसे अपने मोबाइल में डाउनलोड कर लेंगे। इसका कंट्रोल रूम नगर निगम में बनाया जाएगा। नगर निगम की बिजली शाखा के सभी अधिकारी व कर्मचारी के मोबाइल पर एप डाउनलोड कराया जाएगा। उपनगर आयुक्त कुंवर सिंह पाहन ने बताया कि जब भी नगर निगम को स्ट्रीट पोल पर बल्ब की तीव्रता की जांच करनी होगी तो अधिकारी पोल के नीचे जाएंगे और वहां मोबाइल चालू कर एप को बल्ब की तरफ करेंगे। बल्ब की रोशनी पड़ते ही एप बता देगा कि बल्ब की तीव्रता कितने वाट की है। यही नहीं, बल्ब की कंपनी और इसकी गुणवत्ता की भी जानकारी एप दे देगा।
एप बताएगा पोल का लोकेशन
एप पोल का लोकेशन भी बताएगा। एप पर पोल की फोटो डालने पर वह इसका लोकेशन बता देगा। एप बताएगा कि संबंधित पोल किस वार्ड में और किस सड़क के किनारे स्थित है। पोल के आसपास की स्थिति भी बताएगा। साथ ही पोल का नंबर भी एप बताएगा। इससे नगर निगम के कर्मचारियों को पोल की स्ट्रीट लाइट को ठीक करने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।
एप के लिए अक्षांश व देशांतर का सर्वे पूरा
एप बनाने के लिए एजेंसी ने पोल के आसपास का अक्षांश और देशांतर का सर्वे कर लिया है। कौन सा पोल कितने अक्षांश और कितने देशांतर पर है इसका ब्योरा तैयार कर लिया गया है। अक्षांश और देशांतर के सहारे ही एप स्ट्रीट लाइट का लोकेशन बताएगा। यही नहीं, एजेंसी सभी पोल का नंबर भी देगा। इससे एप यह बता सकेगा कि जिस पोल का लोकेशन दिया जा रहा है, उसका नंबर क्या है। नंबर की वजह से पोल का पता लगाने में आसानी होगी।
एक अधिकारी के बताए पोल की जगह दूसरे की मरम्मत
एप बनाने का ख्याल नगर निगम के अधिकारियों के दिमाग में क्यों आया, इसकी अलग कहानी है। कुछ दिनों पहले सरकार के सचिव स्तर के एक बड़े अधिकारी ने नगर निगम के अधिकारियों से अपने आवास के पास एक स्ट्रीट लाइट को ठीक कराने के लिए कहा था। इस पर अधिकारियों ने सचिव स्तर के अधिकारी द्वारा बताए गए पोल का ब्योरा एजेंसी के कर्मचारियों को दे दिया। कर्मचारियों ने अपनी समझ से पोल को ठीक करने के बाद अधिकारियों को जलती हुई स्ट्रीट लाइट की तस्वीर भी मोबाइल पर भेज दी। यह तस्वीर सचिव स्तर के अधिकारी को भेज दी गई। इस पर उन्होंने बताया कि एजेंसी ने किसी दूसरे पोल की स्ट्रीट लाइट की मरम्मत कर दी है। बाद में अधिकारी द्वारा बताए गए पोल पर लाइट की मरम्मत की गई। अधिकारियों का कहना है कि एप बनने के बाद इस तरह की परेशानी नहीं होगी।
64563 पोल हैं राजधानी में
16235 पोल पर नहीं लगी हैं स्ट्रीट लाइटें
48328 स्ट्रीट लाइटें लगी हैं राजधानी में
इन कंपनियों की लगे हैं बल्ब
9608 लाइटें लगी हैं सूर्या कंपनी की
1235 लाइटें लगी हैं फिलिप्स की
388 स्ट्रीट लाइटें लगी हैं एचपीएल की
37097 स्ट्रीट लाइटें लगी हैं ईईएसएल की
नगर निगम स्ट्रीट पोल की निगरानी करने के लिए एप बना रहा है। जल्द ही एप बन कर तैयार हो जाएगा। इससे बल्ब की तीव्रता भी मापी जा सकेगी। पोल पर खराब बल्ब की भी निगरानी होगी और इसे आसानी से ठीक कराया जा सकेगा। -मुकेश कुमार, नगर आयुक्त रांची नगर निगम।