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मोराबादी के स्ट्रीट वेंडर्स ने कहा- मिले व्यापार की इजाजत, नहीं तो 5 जून से खुद खोल लेंगे दुकान

मोराबादी पार्क के आसपास करीब 100 से 150 स्ट्रीट वेंडर अपना दुकान लगाकर आजीविका चलाते हैं। इससे करीब 350 परिवारों की आजीविका जुड़ी है। मगर संक्रमण के रोकथाम के लिए लगाए गए कड़ी पाबंदियों के कारण उनके दुकान को खोलने की इजाजत नहीं मिली है।

By Vikram GiriEdited By: Published: Fri, 04 Jun 2021 09:26 AM (IST)Updated: Fri, 04 Jun 2021 09:26 AM (IST)
मोराबादी के स्ट्रीट वेंडर्स ने कहा- मिले व्यापार की इजाजत, नहीं तो 5 जून से खुद खोल लेंगे दुकान
मोराबादी के स्ट्रीट वेंडर्स ने कहा- मिले व्यापार की इजाजत, नहीं तो 5 जून से खुद खोल लेंगे दुकान। जागरण

रांची, जासं । मोराबादी पार्क के आसपास करीब 100 से 150 स्ट्रीट वेंडर अपना दुकान लगाकर आजीविका चलाते हैं। इससे करीब 350 परिवारों की आजीविका जुड़ी है। मगर संक्रमण के रोकथाम के लिए लगाए गए कड़ी पाबंदियों के कारण उनके दुकान को खोलने की इजाजत नहीं मिली है। इससे इन परिवारों के सामने आजीविका का बड़ा संकट खड़ हो गया है। इससे देखते हुए मोराबादी मैदान स्थित दादा दादी पार्क के सामने मोराबादी दुकानदार संघ की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता मोरहाबादी दुकानदार संघ के अध्यक्ष रौशन कुमार ने की।

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बैठक के बाद दुकानदारों के एक प्रतिनीधि मंडल ने लालपुर थानाध्यक्ष से मुलाकात की। संघ के अध्यक्ष रौशन कुमार ने लालपुर थाना प्रभारी से कहा कि पूरे शहर की अधिकतर दुकानें खुल चुकी है। ऐसे में मोराबादी मैदान स्थित दुकानों को बंद रखना अन्याय होगा। लालपुर थाना के बाहर स्थित गुमटी भी खुली हुई है। इसलिए एक शहर में 2 कानून नहीं होने चाहिए। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की कि मोरहाबादी स्थित दुकानों को खुलने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन के द्वारा कोई उपाय नहीं निकाला गया तो दुकानदार खुद पांच जून से दुकान खोल लेंगे।

रौशन कुमार ने कहा कि मोराबादी स्थित दुकानदारों का सरकार या जिला प्रशासन का विरोध करने की कोई मंशा नहीं है। बड़ी बात ये है कि जब भूखे मरने की नौबत आ गयी है तो हम क्या कर सकते हैं। इन दुकानों में बड़ी संख्या में लोग दैनिक मजदूर की तरह काम करते हैं। उनकी हालत इस बार ज्यादा खराब है। पिछले वर्ष लाकडाउन में सैकड़ों लोगों ने राशन आदि बांटकर सहायता की थी। मगर इस वर्ष इतने लोग मदद के लिए भी नहीं आ रहे हैं। ऐसे में हमारे लिए बड़ी मुश्किल की स्थिति है।


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