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नाले में युवक के बहने की घटना पर मेयर ने राज्य सरकार को ठहराया जिम्मेदार, कही ये बात

इस घटना पर रांची मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि घटनास्थल पर पहुंची एनडीआरएफ की टीम ने युवक की तलाश के लिए नाला में उतरने से ही इनकार कर दिया। जबकि...

By Vikram GiriEdited By: Published: Wed, 09 Sep 2020 07:42 PM (IST)Updated: Wed, 09 Sep 2020 07:49 PM (IST)
नाले में युवक के बहने की घटना पर मेयर ने राज्य सरकार को ठहराया जिम्मेदार, कही ये बात
नाले में युवक के बहने की घटना पर मेयर ने राज्य सरकार को ठहराया जिम्मेदार, कही ये बात

रांची (जागरण संवाददाता)। तेज़ बारिश के दौरान सोमवार को कोकर स्थित खोरहा टोली के पुराने नाले में मोटरसाइकिल समेत आनंदनगर के युवक उमेश राणा के नाले में बह जाने की घटना पर मेयर ने राज्य सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। मेयर आशा लकड़ा ने इस घटना पर दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि इस घटना के बाद राज्य सरकार का निरंकुश चेहरा सामने आया है। इस घटना के बाद मंगलवार को रांची नगर के सफाईकर्मियों ने खोरहा टोली के पुराने नाला में उमेश राणा की तलाश की। लेकिन घटना स्थल से 200 मीटर की दूरी पर सिर्फ उनकी मोटरसाइकिल ही मिली। मेयर ने कहा कि घटनास्थल पर पहुंची एनडीआरएफ की टीम ने युवक की तलाश के लिए नाला में उतरने से ही इनकार कर दिया।

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यदि एनडीआरएफ की टीम तत्काल एक्शन में आती तो अवश्य सफलता मिलती। उन्होंने इस घटना के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। मेयर ने कहा कि राज्य में जेएमएम व कांग्रेस गठबंधन की सरकार लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रही है।

नाली की 150 योजनाएं लंबित

मेयर ने यह भी बताया कि नए सिरे से टेंडर के लिए अधिसूचित रेट का निर्धारण नहीं होने के कारण नाली व नालों के निर्माण से संबंधित लगभग 150 योजनाएं लंबित हैं। राज्य सरकार के निर्देशानुसार ट्रेजरी से बिल भुगतान पर रोक लगाई गई थी। अब 25 प्रतिशत भुगतान करने का निर्देश दिया गया है। इसके कारण पूर्व की योजनाएं भी प्रभावित हो रही हैं। राज्य सरकार के फरमान के कारण पूर्व की योजनाओं से संबंधित संवेदकों को समय पर बिल भुगतान नहीं किया गया। इसके कारण कई योजनाओं का काम अधूरा पड़ा है। यदि बंद नाली निर्माण से संबंधित योजनाएं समय पर पूरी हो जातीं तो आज शहरवासियों को जलजमाव की समस्या से राहत मिलती। खुले नाले में गिरकर किसी की जान नहीं जाती।

फलक की मौत के बाद मांगी थी सरकार से रकम

पिछले वर्ष ही हिंदपीढ़ी क्षेत्र में खुले नाले में गिरकर मासूम फलक की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद रांची नगर निगम ने खुले नालों व नालियों को ढंकने के लिए प्रस्ताव तैयार कर नगर विकास विभाग से 50 लाख रुपये की मांग की थी, परंतु अब तक विभाग से राशि आवंटित नहीं कि गई। 2019 में हिंदपीढ़ी क्षेत्र की घटना के बाद रांची नगर निगम ने अपने स्तर से विभिन्न वार्डों में खुले नालों व नालियों को ढंकने का काम शुरू कर दिया था। परंतु राशि के अभाव में विभिन्न वार्डो में खुली नालियों व बड़े नालों को ढंकने का काम पूरा नहीं किया जा सका।

पिछले दो-तीन वर्षों से नाली व नालों के निर्माण से संबंधित नई योजनाओं में बंद ड्रेन का ही प्रावधान किया गया है। मेयर ने राज्य सरकार से मांग करते हुए कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए शहरी क्षेत्र में पुराने खुले नालों व नालियों को ढंकने की जरूरत है। लिहाजा नगर विकास विभाग से मांगी गई राशि की स्वीकृति प्रदान की जाए।

उन्होंने यह भी कहा कि कि शहरी क्षेत्र में बड़े नालों का निर्माण करने की आवश्यकता है। वर्षों पूर्व बनाए गए बड़े नाले उस समय की शहरी जनसंख्या के अनुरूप थे। वर्तमान में शहरी आबादी को देखते हुए नए सिरे से बड़े नाले बनाए जाने की आवश्यकता है। तीन-चार वर्ष पूर्व पथ निर्माण विभाग की ओर से मुख्य सड़कों के किनारे कवर्ड ड्रेन का निर्माण कराया गया था। फिर भी बारिश के मौसम में शहरी क्षेत्र में हो रहे जलजमाव की समस्या का समाधान नहीं हुआ।


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