20 साल पहले मर चुकी महिला को जीवित दिखा कराई जमीन की रजिस्ट्री, इस तरह किया फर्जीवाड़ा
Jharkhand Crime News रांची शहर में जमीन के नाम पर ठगी का खेल रुकने का नाम नहीं ले रहा है। आये दिन फर्जीवाड़ा सामने आता है। किसी और की जमीन का फर्जी दस्तावेज बनाकर भोले भाले लोगों से बड़ी रकम ऐंठ ली जाती है।
रांची, जागरण संवाददाता। Jharkhand Crime News : रांची शहर में जमीन के नाम पर ठगी का खेल रुकने का नाम नहीं ले रहा है। आये दिन फर्जीवाड़ा सामने आता है। किसी और की जमीन का फर्जी दस्तावेज बनाकर भोले भाले लोगों से बड़ी रकम ऐंठ ली जाती है। फर्जीवाड़ा रोकने के लिए जिला प्रशासन से लेकर निबंधन कार्यालय तमाम बैरियर लगाता है, लेकिन शातिरों के सामने सारे प्रयास असफल साबित हो रहे हैं। हाल में उपायुक्त की अदालत ने एक जमीन की रजिस्ट्री खारिज करते हुए खरीद-बिक्री करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया है।
20 साल पहले मर चुकी महिला को जीवित दिखा कराई जमीन की रजिस्ट्री
उपायुक्त के आदेश पर बरियातू मोरहाबादी निवासी राजेंद्र सिंह के खिलाफ अवर निबंधक ने कोतवाली थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। बुधवार को कोतवाली थाना पुलिस ने राजेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
20 साल पहले मर चुकी महिला को जीवित दिखा, रजिस्ट्री करवा लिया था।
फर्जी तरीके से जमीन करा लिए अपने नाम
फर्जी रजिस्ट्री 2010 में हुई थी। आरोप है कि आरोपित रजोंद्र सिंह ने 20 साल पहले मर चुकी कल्याणी चटर्जी को जीवित बता कर फर्जी तरीके से जमीन अपने नाम करा लिए। उक्त जमीन कल्याणी के नाम पर था। आरोपित ने कल्याणी के बदले किसी और महिला को रजिस्ट्री कार्यालय में खड़ा किया। फिर फर्जी दस्तावेज पेश कर जमीन लिखवा लिया। बाद में जब जांच हुई तो राजेंद्र सिंह की पोली खुली।
अदालत ने सुनवाई के बाद जमीन की रजिस्ट्री को रद करने का सुनाया फैसला
यह मामला उपायुक्त की अदालत तक पहुंचा। अदालत दस्तावेज से लेकर पूरी प्रक्रिया की पड़ताल की। सुनवाई के बाद जमीन की रजिस्ट्री को रद करने का फैसला सुनाया। बता दें कि आये दिन अदालत द्वारा रजिस्ट्री रद करने का आदेश दिया जाता है।
किसी पर न करें विश्वास, तहकीकात के बाद ही कराये रजिस्ट्री
जिला अवर निबंधक घासीराम पिंगुआ ने बताया कि ठग व दलालों से बचने के लिए जागरुकता जरूरी है। जमीन के नाम ठगी के शिकार न हो जां इसके लिए खुद भी जागरुक होना होगा। किसी पर सहसा विश्वास न करें। जमीन खरीद से पहले दस्तावेज का अध्ययन जरूर कर लें। शक हो तो रजिस्ट्री कार्यालय आकर सत्यापन करायें।