रांची की डॉक्टर रजनी शर्मा ने माता रानी के लिए गाया स्वरचित गीत, पूजा समिति ने किया सम्मानित
Jharkhand News गीत की धुन में सभी भक्त भावविभोर हो गए। डॉ रजनी शर्मा ने एक रुपए रख कर बाकी के ₹500 माता के चरणों में समर्पित कर दान में दे दिया। उन्होंने कहा कि माता का आशीर्वाद मिलना ही बहुत काफी है।
रांची, जासं। रांची की डॉक्टर रजनी शर्मा को हटिया रेलवे कॉलोनी पूजा समिति के द्वारा दुर्गा पूजा के शुभ अवसर पर मां के पूजा पंडाल में स्वरचित मां दुर्गा की गीत प्रस्तुति दी गई ।कोरोना काल में जहां लोग घरों में सिमटे हुए हैं बहुत सारे गाइडलाइनों का पालन करते हुए दुर्गा पूजा मनाया जा रहा है। लाउडस्पीकर पर भक्ति गीत बजाने पर रोक लगा हुआ है डॉ रजनी शर्मा चंदा ने माता रानी के लिए स्वरचित गीत माता के भक्तों के लिए प्रस्तुत किया।
गीत की धुन में सभी भक्त भावविभोर हो गए और कमेटी के सदस्यों ने खुश होकर उन्हें भेंट स्वरूप राशि पांच सौ एक रुपए, चुनरी तथा सम्मान प्रतीक से सम्मानित किया। डॉ रजनी शर्मा ने एक रुपए रख कर बाकी के ₹500 माता के चरणों में समर्पित कर दान में दे दिया। उन्होंने कहा कि माता का आशीर्वाद मिलना ही बहुत काफी है। नवरात्रि के अवसर पर डॉ रजनीश शर्मा चंदा को साहित्योदय मंच द्वारा साहित्योदय महाशक्ति सम्मान प्रदान किया गया।
बताते चलें कि डॉ रजनी शर्मा चंदा ने दैनिक जागरण ब्रांड के फेसबुक पेज पर नवरात्रि के शुभ अवसर पर देश की 9 लोकप्रिय कवयित्रियों के साथ नवदुर्गा कवयित्री सम्मेलन का भी आयोजन कराया ।जिसमें माता के नौ रूपों का बखान करते हुए सभी ने एक से बढ़कर एक भजन की प्रस्तुति दी भजनों के माध्यम से माता के चरणों में शब्द सुमन समर्पित किया। 9 कवियित्रियों ने निम्नलिखित भजन प्रस्तुत किए।
डॉ साक्षी शर्मा ने 'ओ मैया जगदम्बा,रक्षा कर अब दर्शन दे महिषासुर यू घूम रहे, उनका वध कर शक्ति भर दे' गीता चौबे गूँज ने 'यूँ ही नहीं जगत में नारी, दुर्गा रूप कहाती है,वर वो अष्ट भुजाओंवाली दुर्गा से ही पाती है।' डॉ रजनी शर्मा चंदा ने 'रुनझुन बाजे रे पायलिया जगमग मोरी मैया का दरबार है,सोहे हैं मैया की मूर्तियां महिमा बड़ी अपरंपार है।' पुष्पा सहाय'गिन्नी'ने 'हिमराज की सुता शैलपुत्री हर रूप में पूजी जाती हो अस्थिर मन को केन्द्रित कर तुम प्रतिबद्धता लाती हो' डॉ. राजश्री जयंती ने 'चलो चलो मां के द्वारे जयकारा बोल के देती है भक्तों को भंडारा खोल के' अनामिका "अनु" ने तेरे चरणन में शीश झुकाऊँ , आरती तेरी निशदिन गाऊँ।
भक्ति के लिए तेरी मैया, दर पे तेरे मैं तो आऊँ॥ हे भव भयहरिणी, सुखकरिणी, पहाड़ों वाली अंबे माँ। मुनमुन ढाली ने कोरोना काल में मां गौरी और शिव जी के नोंक झोंक संग मायके आगमन पर खुशी बरसाती लघुकथा सुनाया,नेहा भार्गव ने मायके की ओर की सड़क सुनाया। सुदेष्ना सामन्त ने जन्मी लक्ष्मी , बाबुल घर जो, कहलाती मैं , धन पराया क्यों सुना कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया देश विदेश के सैकड़ों दर्शकों ने देखा और कार्यक्रम की काफी सराहना हुई । कार्यक्रम के अंत में कार्यक्रम के आयोजक महेश शर्मा ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया तथा माता का जयकारा सभी ने मिलकर लगाया।