जमीन म्यूटेशन मामले में सीओ-सीआइ दोषी, गिर सकती है गाज Ranchi News
Jharkhand News संदिग्ध डीड के आधार पर म्यूटेशन मामले में एसी ने जांच रिपोर्ट सौंपी है। रातू के सीओ सीआइ व कर्मचारी जांच रिपोर्ट में दोषी पाए गए हैं। उपायुक्त छवि रंजन ने मामले में सीलिंग अपर समाहर्ता से जांच कराई थी।
रांची, जासं। रांची के रातू के सिमालिया मौजा की 32 डिसमिल जमीन का संदिग्ध डीड के आधार पर म्यूटेशन मामले में अपर समाहर्ता, सीलिंग ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट रांची के उपायुक्त को सौंप दी है। जांच रिपोर्ट में रातू के सीओ, सीआइ और कर्मचारी को दोषी पाया गया है। इस मामले में सीओ, सीआइ और कर्मचारी पर गाज गिर सकती है। मामला सामने आने के बाद रांची के उपायुक्त छवि रंजन ने पूरे मामले की अपर समाहर्ता सीलिंग से जांच कराई। जांच में हर तथ्यों को ध्यान पर रखकर रिपोर्ट तैयार की गई है।
इसमें बताया जा रहा है कि रातू अंचल के अधिकारियों-कर्मचारियों ने मिलकर गलत ढंग से म्यूटेशन कर दिया है। इस जांच रिपोर्ट के आधार पर जिला प्रशासन दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। बताते चलें कि मामला सामने आने के बाद भू राजस्व सचिव केके सोन ने म्यूटेशन रद करने के अनुरोध पर जांच व कार्रवाई का निर्देश दिया था। इस पर रांची के डीसी ने मामले की जांच की जिम्मेवारी एसी सीलिंग को दी थी।
सात सितंबर को किया गया था म्यूटेशन
7 सितंबर को रातू अंचल के हलका पांच अंतर्गत सिमलिया मौजा के खाता संख्या 9 प्लाट संख्या 3681 रकबा 32 डिसमिल जमीन का संदिग्ध डीड के आधार पर म्यूटेशन किया गया था। इसके बाद मामले में गड़बड़ी का आरोप लगाकर पीडि़त अमरुद्दीन अंसारी व क्षेत्रीय जन विकास परिषद के अध्यक्ष दयानंद मिश्रा की ओर से भू राजस्व सचिव झारखंड को पूरे दस्तावेजों के साथ शिकायत दर्ज कराई थी।
गौरतलब है कि एक तरफ प्रशासनिक अधिकारियों की जांच के दौरान भी जमीन पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया था। बड़े इलाके में चारदीवारी भी करवा दिया गया है। हालांकि इस मामले में रांची के डीसी छवि रंजन कार्रवाई की बात कही थी।
आपत्ति के बावजूद कर दिया था म्यूटेशन
रातू अंचल की म्यूटेशन के संख्या 873/20-21 पर पीडि़त पक्ष द्वारा बीते 4 सितंबर को आपत्ति दर्ज कराई गई थी। इस आपत्ति को दरकिनार करते हुए अंचलाधिकारी व अन्य जिम्मेदार अधिकारी व कर्मियों ने मिलीभगत से सात सितंबर को दाखिल खारिज कर दिया था।
आपत्ति पर किसी भी तरह से विचार नहीं किया गया है। चार सितंबर को रातू अंचल कार्यालय पहुंचकर अमरुद्दीन अंसारी की ओर से एक लिखित आवेदन देकर आग्रह किया गया था कि इस म्यूटेशन में बिना मेरे पक्ष लिए निष्पादित नहीं की जाए। संबंधित डीड को फर्जी करार देकर उनके पूर्वज द्वारा जमीन नहीं बेचे जाने की बात कही गई थी। संबंधित डीड को लेकर कथित जमीन मालिक 37 वर्षों से म्यूटेशन के लिए घूम रहे थे। रातू अंचल कार्यालय द्वारा इसमें महज 54 दिनों में म्यूटेशन कर दिया गया।