जोंक के डर से रांची के खलारी एसीसी तालाब में उतरने से डरते हैं लोग
जासं खलारी (रांची) रांची जिले का एक प्रखंड है खलारी। यहां एसीसी कंपनी ने कई दशक पूर्व ए
जासं, खलारी (रांची) : रांची जिले का एक प्रखंड है खलारी। यहां एसीसी कंपनी ने कई दशक पूर्व एक तालाब का निर्माण कराया था। इसमें हर साल लोग छठ पर्व पर भगवान भास्कर की पूजा अर्चना करते हैं। लेकिन इस बार लोग थोड़ा सहमे हुए हैं। वजह, इस तालाब में जोंक की भरमार है। जलकुंभी और कचरे का ढेर है। तालाब में उतरते ही जोंक शरीर से चिपक जाते हैं। जिंदा इंसान का खून चूस लेते हैं। इसी डर के कारण लोग चिंतित हैं।
स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि जिला व प्रखंड प्रशासन की अनदेखी के कारण वर्षो से इस तालाब की साफ सफाई नहीं हुई है। तालाब धीरे-धीरे दम तोड़ रहा है। यही आलम रहा तो आने वाले दिनों में इस तालाब का नामोनिशान मिट जाएगा। इलाके के लोगों को छठ पर्व मनाने के लिए तालाब वास्ते कहीं और जाना पड़ेगा। ग्रामीणों की मांग को देखते हुए कांके क्षेत्र के विधायक समरीलाल ने तालाब के जीर्णोद्धार के लिए जिला भूमि संरक्षण विभाग से अनुशंसा की है। ग्रामीण कहते हैं कि छठ पर्व में अब कुछ ही सप्ताह बाकी रह गया है, ऐसे में तुरंत इसकी सफाई शुरू कर देनी चाहिए। लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक कोई पहल शुरू नहीं की गई है। विधायक द्वारा अनुशंसा कर दिए जाने से अब जीर्णोद्धार की थोड़ी उम्मीद लोगों में जगी है। एसीसी छठ तालाब फिर से जिंदा होगा, इसकी लोग आस लगाए बैठे हैं।
चूंकि छठ के मौके पर यहां बड़ी संख्या में लोग पूजा करते हैं, इस तालाब की हालत खराब होने से श्रद्धालु परेशान हैं। खलारी डीएसपी आवास के पास यह तालाब स्थिति है। सैकड़ों छठव्रती भगवान सूर्य को यहां छठ पर्व पर अर्घ्य देने पहुंचते हैं। वर्तमान में यह तालाब सैवाल, जलकुंभी व कचरों से पटा पड़ा है। ग्रामीणों ने बताया कि यह तालाब कई दशक पुराना है। इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। यही वजह है कि इसकी स्थिति बेहद खराब हो गई है। हर साल छठ आते ही इसकी चर्चा शुरू हो जाती है। छठ पर ही इसकी सफाई होती है। सरकारी, गैरसरकारी या सामाजिक संगठनों द्वारा इसकी सफाई को लेकर कोई पहल नहीं की जा रही है। छठ पूजा में तीन सप्ताह शेष रह गए हैं। खलारी एसीसी कॉलोनी और आसपास के लोगों का यह काफी पुराना छठ घाट रहा है। एसीसी कंपनी ने सोनाडुबी नदी को बाध कर इस तालाब का निर्माण कराया था। सोनाडुबी नदी के किनारे हुटाप क्षेत्र में पत्थर निकाले जाने के कारण मिट्टी और रेत बारिश के दौरान नदी के पानी के साथ बहकर आ जाते हैं। इस कारण तालाब भर गया है। तालाब के घाट का तो पक्कीकरण किया गया है, लेकिन साफ-सफाई के प्रति किसी का ध्यान नहीं है। बीते वर्ष कुछ युवकों ने पहल कर तालाब से जलकुंभी निकाल कर इसे छठ पूजा के लायक बना दिया था। नदी की एक धारा को मोड़ने से तालाब में पानी जमा हो गया था। तालाब में फैली गंदगी, सैवाल, जलकुंभी व जोंक छठव्रतियों की परेशानी का कारण बनेंगे।