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कोरोना की तीसरी लहर से बचाव को अब बच्‍चों के लिए आ गई इम्‍युनिटी वाली टाफी

बच्चे काढ़े और अन्य आयुर्वेदिक उत्पाद खाने में आनाकानी करते हैं। ऐसे में रांची के बाजार में इम्यूनिटी बढ़ाने वाला आयुर्वेदिक टॉफी भी आ गई है। इस टॉफी में मुलेठी तुलसी काली मिर्च हल्दी आंवला और अंजीर का इस्तेमाल किया गया है।

By Uttamnath PathakEdited By: Published: Tue, 18 May 2021 03:00 AM (IST)Updated: Tue, 18 May 2021 03:00 AM (IST)
कोरोना की तीसरी लहर से बचाव को अब बच्‍चों के लिए आ गई इम्‍युनिटी वाली टाफी
रांची के बाजार में उपलब्‍ध इम्‍युनिटी बूस्‍टर चाकलेट। जागरण।

संजय सुमन, रांची : कोरोना वायरस के संक्रमण की पहली लहर में सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्गों को था। वहीं, दूसरी लहर में बुजुर्गों से युवाओं पर भी कोरोना आफत बनके टूटा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार आनी वाली कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों में संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा होगा। ऐसे में माता-पिता अपने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर अभी से सतर्क हो गए हैं। उनकी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए काढ़ा सहित तमाम तरह के उपाय किए जा रहे हैं। मगर बड़ी समस्या है कि बच्चे काढ़े और अन्य आयुर्वेदिक उत्पाद खाने में आनाकानी करते हैं। ऐसे में बाजार में इम्यूनिटी बढ़ाने वाला आयुर्वेदिक टॉफी भी आ गई है। इस टॉफी में मुलेठी, तुलसी, काली मिर्च, हल्दी, आंवला और अंजीर का इस्तेमाल किया गया है।

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इस आयुर्वेदिक टॉफी को बनाने वाले रांची के कमल अग्रवाल बताते हैं कि कुछ दिन पहले ही उन्होंने इसे लांच किया है। अब कई जगह से इसके लिए ऑर्डर और फोन आ रहे हैं। इस टॉफी में इतने आयुर्वेदिक तत्व हैं कि वे शरीर में इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ हल्की खांसी, गले की खरास और मौसम परिवर्तन से बच्चों में होने वाले बीमारी से बचाव करेगा। वर्तमान में अभी ऑर्डर कम है, इसलिए इस चाकलेट का उत्पादन अपने घर में कर रहे हैं। मगर थोड़े दिनों के बाद इसका बड़े स्तर पर उत्पादन करेंगे। अच्छी बात यह है कि इसे बच्चों से लेकर बूढ़े तक बड़े चाव से खा सकते हैं।

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डाक से भेज रहे हैं अन्य राज्यों में :

कमल अग्रवाल बताते हैं कि जो लोग अभी दूसरे राज्यों से चॉकलेट ऑर्डर कर रहे हैं, उन्हेंं डाक विभाग के पार्सल द्वारा भेजा जा रहा है। इसके लिए ग्राहकों से 20 टॉफी के पैक का 300 रुपये लिया जा रहा है।

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बना चुके हैं इम्यूनिटी  वाला रसगुल्ला :

कमल अग्रवाल इससे पहले इम्यूनिटी बढ़ाने वाला रसगुल्ला भी बना चुके हैं। ये रसगुल्ले हरी मिर्च, चुकंदर, च्यवनप्राश समेत कई आयुर्वेदिक उत्पाद से बनाए जाते थे।

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दक्षिण भारत से विशेष रूप से मंगाया जाता है सामान :

आयुर्वेदिक टॉफी बनाने के लिए कमल अग्रवाल विशेष रूप से दक्षिण भारत से मसाले मंगवा रहे हैं। वे बताते हैं कि दक्षिण भारत में देश की सबसे अच्छी हल्दी होती है। इसमें करक्यूमिन ज्यादा होती है। ये आयुर्वेदिक इस्तेमाल के लिए सबसे बेहतर माना गया है, इसलिए हल्दी, मुलेठी आदि सामान वहीं से मंगाया जाता है। इसके अलावा कुछ सामान कोलकाता से भी मंगाया जाता है।

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मुलेठी, तुलसी, काली मिर्च, हल्दी, आंवला और अंजीर आदि में कई आयुर्वेदिक गुण हैं। ये शरीर को गर्म रखने के साथ इम्यूनिटी भी बढ़ाते हंै। इसे किसी भी रूप में अगर आप खाते हैं, तो शरीर को फायदा होता है। बच्चों को पोषण देने की हर्बल टॉफी भी एक अच्छा तरीका है। हालांकि, किसी भी चीज को सीमित मात्रा में ही लेना अच्छा होता है।

- डा. भरत कुमार अग्रवाल, आयुर्वेदाचार्य।

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सबहेड :: मुलेठी, तुलसी, काली मिर्च, हल्दी, आंवला और अंजीर से बनाई गई है

क्रासर ::

- बीमारी से बचाव

- रांची के कमल अग्रवाल ने तैयार किया उत्पाद

- कई जगह से आ रहे ऑर्डर, डाक विभाग से भेज रहे हैं पार्सल

संजय सुमन, रांची :

कोरोना वायरस के संक्रमण की पहली लहर में सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्गों को था। वहीं, दूसरी लहर में बुजुर्गों से युवाओं पर भी कोरोना आफत बनके टूटा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार आनी वाली कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों में संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा होगा। ऐसे में माता-पिता अपने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर अभी से सतर्क हो गए हैं। उनकी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए काढ़ा सहित तमाम तरह के उपाय किए जा रहे हैं। मगर बड़ी समस्या है कि बच्चे काढ़े और अन्य आयुर्वेदिक उत्पाद खाने में आनाकानी करते हैं। ऐसे में बाजार में इम्यूनिटी बढ़ाने वाला आयुर्वेदिक टॉफी भी आ गई है। इस टॉफी में मुलेठी, तुलसी, काली मिर्च, हल्दी, आंवला और अंजीर का इस्तेमाल किया गया है।

इस आयुर्वेदिक टॉफी को बनाने वाले रांची के कमल अग्रवाल बताते हैं कि कुछ दिन पहले ही उन्होंने इसे लांच किया है। अब कई जगह से इसके लिए ऑर्डर और फोन आ रहे हैं। इस टॉफी में इतने आयुर्वेदिक तत्व हैं कि वे शरीर में इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ हल्की खांसी, गले की खरास और मौसम परिवर्तन से बच्चों में होने वाले बीमारी से बचाव करेगा। वर्तमान में अभी ऑर्डर कम है, इसलिए इस चाकलेट का उत्पादन अपने घर में कर रहे हैं। मगर थोड़े दिनों के बाद इसका बड़े स्तर पर उत्पादन करेंगे। अच्छी बात यह है कि इसे बच्चों से लेकर बूढ़े तक बड़े चाव से खा सकते हैं।

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डाक से भेज रहे हैं अन्य राज्यों में :

कमल अग्रवाल बताते हैं कि जो लोग अभी दूसरे राज्यों से चॉकलेट ऑर्डर कर रहे हैं, उन्हेंं डाक विभाग के पार्सल द्वारा भेजा जा रहा है। इसके लिए ग्राहकों से 20 टॉफी के पैक का 300 रुपये लिया जा रहा है।

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बना चुके हैं इम्यूनिटी  वाला रसगुल्ला :

कमल अग्रवाल इससे पहले इम्यूनिटी बढ़ाने वाला रसगुल्ला भी बना चुके हैं। ये रसगुल्ले हरी मिर्च, चुकंदर, च्यवनप्राश समेत कई आयुर्वेदिक उत्पाद से बनाए जाते थे।

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दक्षिण भारत से विशेष रूप से मंगाया जाता है सामान :

आयुर्वेदिक टॉफी बनाने के लिए कमल अग्रवाल विशेष रूप से दक्षिण भारत से मसाले मंगवा रहे हैं। वे बताते हैं कि दक्षिण भारत में देश की सबसे अच्छी हल्दी होती है। इसमें करक्यूमिन ज्यादा होती है। ये आयुर्वेदिक इस्तेमाल के लिए सबसे बेहतर माना गया है, इसलिए हल्दी, मुलेठी आदि सामान वहीं से मंगाया जाता है। इसके अलावा कुछ सामान कोलकाता से भी मंगाया जाता है।

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मुलेठी, तुलसी, काली मिर्च, हल्दी, आंवला और अंजीर आदि में कई आयुर्वेदिक गुण हैं। ये शरीर को गर्म रखने के साथ इम्यूनिटी भी बढ़ाते हंै। इसे किसी भी रूप में अगर आप खाते हैं, तो शरीर को फायदा होता है। बच्चों को पोषण देने की हर्बल टॉफी भी एक अच्छा तरीका है। हालांकि, किसी भी चीज को सीमित मात्रा में ही लेना अच्छा होता है।

- डा. भरत कुमार अग्रवाल, आयुर्वेदाचार्य।

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